भर्ती के खिलाफ पहला प्रदेश
चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा ने गुरुवार को अग्निपथ भर्ती योजना के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया। प्रस्ताव में योजना को वापस लेने की मांग की गई है। हालांकि इस प्रस्ताव का भाजपा ने विरोध किया। अग्निपथ भर्ती योजना के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने वाला पंजाब देश का पहला राज्य बन गया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विधानसभा में प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की ओर से अग्निपथ योजना की एकतरफा घोषणा की गई, जिसके बाद पंजाब सहित सभी राज्यों में इसके विरोध में व्यापक प्रतिक्रिया देखने को मिली है। प्रस्ताव में कहा गया है, पंजाब विधानसभा को लगता है कि जिस योजना में युवाओं को केवल चार साल की अवधि के लिए और फिर आगे केवल 25 प्रतिशत को ही रोजगार दिया जाएगा, उसे न तो राष्ट्रीय सुरक्षा और न ही इस देश के युवाओं के सर्वोत्तम हित में रखा जाएगा। मान ने कहा कि ‘इस नीति (अग्निपथ) से उन युवाओं में असंतोष पैदा होने की संभावना है जो जीवन भर देश की सेवा करना चाहते हैं।
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युवाओं का सपना टूटा
प्रस्ताव के मुताबिक पंजाब के युवा भारतीय सशस्त्र बलों में सेवा करना गर्व और सम्मान की बात मानते हैं। अपनी वीरता और साहस के लिए प्रसिद्ध हैं। इस योजना ने पंजाब के कई युवाओं के सपनों को कुचल दिया है जो नियमित सैनिकों के रूप में सशस्त्र बलों में शामिल होने के इच्छुक हैं।


 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                