भूस्खलन में धंसा आर्मी कैंप, 13 शव निकाले, मलबे में दबे 30-40 जवान

— पूर्वोत्तर में बारिश का कहर, टुपुल यार्ड रेलवे निर्माण शिविर में बड़ा हादसा

—मणिपुर-जिरिबम रेलवे लाइन की सुरक्षा में तैनात थे जवान

–प्रधानमंत्री-गृहमंत्री ने की सीएम से बात, लिया हालात का जायजा

इंफाल।

मणिपुर में कई दिनों से जारी बारिश की वजह से बड़ा हादसा हो गया। नोनी जिले के तुपुल रेलवे स्टेशन के पास हुए भूस्स्खलन की चपेट में 107 टेरिटोरियल आर्मी का कैंप आ गया। इस हादसे के बाद इंफाल-जिरिबम रेलवे लाइन की सुरक्षा में तैनात लगभग 50 जवान मलबे में दब गए। घटना के बाद भारतीय सेना और असम राइफल्स ने फुल-स्केल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है। अब तक 13 शव निकाले गए हैं, अन्य जवानों की तलाश जारी है।

यह घटना बुधवार रात मणिपुर के नोनी जिले में टुपुल यार्ड रेलवे निर्माण शिविर में हुई। नोनी जिले के उपायुक्त द्वारा जारी एक परामर्श में कहा गया है, टुपुल यार्ड रेलवे निर्माण शिविर में भूस्खलन के कारण हुए दुर्भाग्यपूर्ण हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई है और कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। भूस्खलन के कारण बड़े पैमाने पर मलबे ने इजेई नदी को अवरुद्ध कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप एक जलाशय बन गया है, जो नोनी जिला मुख्यालय के निचले इलाकों को जलमग्न कर सकता है। प्रशासन ने इन इलाकों में रहने वाले लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दी है। कई स्थानों पर सड़कों के अवरुद्ध होने के कारण लोगों को राष्ट्रीय राजमार्ग-37 की यात्रा नहीं करने की सलाह दी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस घटना को लेकर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से बात की है। अमित शाह ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की एक टीम भूस्खलन वाली जगह पर पहुंच गई है, जबकि दो और टीम जल्द ही पहुंच जाएंगी। केंद्रीय गृह मंत्री ने ट्वीट किया, मणिपुर में टुपुल रेलवे स्टेशन के पास हुए भूस्खलन के मद्देनजर मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से बात की। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने स्थिति का जायजा लेने के लिए एक आपात बैठक बुलाई है। एन बीरेन सिंह ने ट्वीट किया, टुपुल में हुई भूस्खलन की घटना का आकलन करने के लिए एक आपातकालीन बैठक बुलाई गई। खोज और बचाव अभियान पहले से ही चल रहा है। मृतकों और लापता लोगों के लिए प्रार्थना करें। बचाव अभियान में सहायता के लिए डॉक्टरों के साथ एम्बुलेंस भी भेजी गई हैं। मणिपुर के राज्यपाल एल गणेशन ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया है।

खराब मौसम रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा

सेना के मुताबिक खराब मौसम और दोबारा भूस्स्खलन से रेस्क्यू ऑपरेशन प्रभावित हो रहा है, लेकिन लापता जवानों की तलाश जारी है। सेना के हेलीकॉप्टर भी स्टैंडबाय पर हैं। मौसम साफ होने का इंतजार कर रहे हैं। अभी तक की जानकारी के मुताबिक, कम से कम सेना के 30 से40 जवान लापता हैं।

पीएम ने दिया मदद का आश्वासन

पीएम नरेंद्र मोदी ने मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह से बात की। उन्होंने एक दुखद भूस्खलन के कारण स्थिति की समीक्षा की। केंद्र से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि मैं सभी प्रभावितों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता हूं। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।

बीरेन सिंह ने किया मौके का दौरा

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण भूस्खलन की स्थिति का जायजा लेने के लिए तुपुल का दौरा किया। मैं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे स्थिति का आकलन करने के लिए बुलाया और हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। एनडीआरएफ की एक टीम बचाव अभियान के लिए पहले ही साइट पर पहुंच चुकी है।

बारिश का पूर्वाेत्तर में कहर

असम और मणिपुर समेत पूर्वोत्तर के कई राज्यों में लगातार बारिश कहर बनकर सामने आ रही है। इससे क्षेत्र का जन जीवन प्रभावित हो रहा है तो वहीं बाढ़ के हालात बने हुए हैं। बारिश और बाढ़ के चलते असम में तो 10 दिनों में अब तक करीब 135 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि लाखों लोग प्रभावित हैं। वहीं, मौसम विभाग के मुताबिक, अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर और सिक्किम में आगे भी बारिश के आसार बने हुए हैं।

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