महाराष्ट्र में बगावत : गुजरात से असम पहुंचा सियासी ड्रामा
मुंबई/गुवाहाटी। महाराष्ट्र में उद्धव सरकार पर संकट के बादल छाए हैं। बागी नेता एकनाथ शिंदे ने 46 विधायकों के समर्थन का दावा किया है। इस बीच, सरकार पर आए संकट को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इमोशनल कार्ड खेला। उन्होंने कहा कि अगर बागी विधायक उनसे यह कहते हैं कि वह उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में नहीं देखना चाहते तो वह अपना पद छोड़ने के लिए तैयार हैं। इससे पहले शिवसेना ने विधानसभा को भंग करने का संकेत दिया।
महाराष्ट्र के हाईवोल्टेज सियासी उठापठक का केंद्र फिलहाल गुजरात के सूरत से असम के गुवाहाटी स्थानांतरित हो गया है जहां बागी नेता और उनके समर्थक विधायक अभी डेरा जमाए हुए हैं। अपने साथ 46 विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे शिंदे ने बगावती सुर में किसी तरह की नरमी न लाने के स्पष्ट संकेत दिए जिससे प्रदेश में शिवसेना के नेतृत्व वाली ढाई साल पुरानी महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आज ही कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। उन्होंने 17 मिनट लंबे वेबकास्ट में कहा कि अगर शिव सैनिकों को लगता है कि वह (ठाकरे) पार्टी का नेतृत्व करने में सक्षम नहीं हैं तो वह शिव सेना पार्टी के अध्यक्ष का पद भी छोड़ने के लिए तैयार हैं। ठाकरे ने कहा, “सूरत और अन्य जगहों से बयान क्यों दे रहे हैं? मेरे सामने आकर मुझसे कह दें कि मैं मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष के पदों को संभालने में सक्षम नहीं हूं। मैं तत्काल इस्तीफा दे दूंगा। मैं अपना इस्तीफा तैयार रखूंगा और आप आकर उसे राजभवन ले जा सकते हैं।\” उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद पर किसी शिव सैनिक को अपना उत्तराधिकारी देखकर उन्हें खुशी होगी।
ठाकरे ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार के सुझाव पर अपनी अनुभवहीनता के बावजूद मुख्यमंत्री का पद संभाला। इससे पहले पार्टी सांसद संजय राउत ने कहा था कि महाराष्ट्र में मौजूदा सियासी घटनाक्रम के चलते विधानसभा को भंग किया जा सकता है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के करीबी सहयोगी राउत ने ट्वीट किया था, महाराष्ट्र में मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम राज्य विधानसभा को भंग करने की ओर ले जा रहा है। बाद में ट्वीट के बारे में पूछे जाने पर शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता राउत ने कहा, जब कभी किसी भी राज्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है, तो मैंने देखा है कि विधानसभा को भंग कर दिया जाता है। उधर, शिंदे ने कहा है कि उनके समर्थन में 46 विधायक हैं। उन्होंने एक मराठी टेलीविजन चैनल से कहा, मेरे पास दलबदल विरोधी कानून के प्रावधानों का उल्लंघन किए बिना विधानसभा में एक अलग समूह बनाने के लिए शिवसेना विधायकों की आवश्यकता से अधिक संख्या है। महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में शिवसेना के 55 सदस्य हैं।
—
गुवाहाटी ले जाए गए बागी विधायक
चार बार विधायक और कैबिनेट मंत्री रहे शिंदे (58) सोमवार की रात बड़ी संख्या में विधायकों के साथ मुंबई से रवाना हुए और गुजरात के सूरत पहुंचे, जहां से उन्हें गुवाहाटी ले जाया गया। शिंदे को बुधवार को दो और विधायकों का समर्थन मिल गया और दोनों नेता दोपहर में सूरत पहुंच गए जहां से उन्हें गुवाहाटी ले जाया जाएगा। यहां कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें शहर के बाहरी इलाके में एक लग्जरी होटल में ठहराया गया है।
शिंदे ने गोगावाले को बनाया शिवसेना का मुख्य सचेतक
एकनाथ शिंदे ने ट्वीट किया, शिवसेना विधायक भरत गोगावाले को विधानसभा में शिवसेना का मुख्य सचेतक नियुक्त किया गया है। विधायकों की बैठक के बारे में सुनील प्रभु द्वारा जारी आदेश कानूनी रूप से अमान्य हैं। इससे पहले, आंतरिक संकट से जूझ रही शिवसेना ने असंतुष्ट नेता एकनाथ शिंदे का साथ दे रहे बागी नेताओं समेत अपने सभी विधायकों को विधायक दल की बैठक में भाग लेने या दलबदल विरोधी कानून के तहत कार्रवाई का सामना करने को कहा। इस पर शिंदे ने पलटवार करते हुए कहा कि शिवसेना के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु द्वारा जारी आदेश कानूनी रूप से अमान्य हैं क्योंकि विधायक भरत गोगावाले को पार्टी का मुख्य सचेतक नियुक्त किया जा रहा है।
—
राउत बोले- शिंदे से बातचीत, वापस आएंगे बागी
राजनीतिक संकट को खत्म करने के लिए शिंदे के साथ किसी समझौते की उम्मीद करते हुए, शिवसेना सांसद राउत ने कहा कि वह विद्रोही नेता के साथ चर्चा कर रहे हैं और बातचीत “सकारात्मक” है। मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए राउत ने कहा कि शिंदे ने पार्टी के सामने कोई शर्त नहीं रखी है और शिंदे के साथ शिवसेना के अन्य नेताओं के साथ भी बातचीत चल रही है। राउत ने भरोसा व्यक्त किया कि शिंदे और अन्य बागी विधायक वापस आ जाएंगे और कहा कि उनकी “गलतफहमियों को दूर किया जाएगा।
–
मुंबई में कमलनाथ
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट के मद्देनजर मुंबई में हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से फोन पर बात की है, क्योंकि शिवसेना प्रमुख कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। पटोले ने संवाददाताओं से कहा कि ठाकरे ने जोर देकर कहा है कि प्रदेश में सत्तारूढ़ महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन मौजूदा संकट से निपट लेगा।
—
41 विधायक बैठक में हुए शामिल
इस बीच, महाराष्ट्र के मंत्री और कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट ने कहा कि (राज्य में पार्टी के कुल 44 में से) 41 विधायक बुधवार को मुंबई में हुई विधायक दल की बैठक में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि तीन अन्य विधायक भी राज्य की राजधानी पहुंच रहे हैं। थोराट ने कहा, कांग्रेस एकजुट है और सभी 44 विधायक एक साथ हैं।
—
ऐसा सियासी गणित
उद्धव के साथी
शिवसेना-22
एनसीपी-53
कांग्रेस-44
अन्य-10
कुल–129
—
बागी का गणित
भाजपा- 106
शिवसेना-34
निर्दलीय-17
कुल–157
–
उद्धव बोले- शिवसेना से न करें गद्धारी
महाराष्ट्र की सरकार और शिवसेना पर संकट के बीच उद्धव ठाकरे ने फेसबुक लाइव पर जनता को संबोधित करते हुए भावुक अपील की है। उन्होंने एकनाथ शिंदे गुट को इशारों में संकेत देते हुए कहा कि यदि कोई मुझे सीएम नहीं देखना चाहता है तो सामने आकर कहें, लेकिन शिवसेना के साथ गद्दारी न करें। यही नहीं संकट को स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा कि कहावत है कि पेड़ को जिस कुल्हाड़ी से काटा जाता है, उसमें लकड़ी ही लगी होती है। वही स्थिति आज पैदा हुई है। उन्होंने कहा कि यदि मेरे ही लोग मुझे सीएम नहीं देखना चाहते हैं तो फिर मैं क्या कर सकता हूं, यह सबसे बड़ा सवाल है।
000000

