बड़ा जटिल होता है भारत में राष्ट्रपति का चुनाव, जानिए आसान तरीके से पूरी प्रकिया
776 सांसद और 4033 विधायक डालेंगे वोट
208 सबसे ज्यादा यूपी के विधायक की वोट वैल्यू
07 सबसे कम सिक्किस के एक विधायक की वोट वैल्यू
इंट्रो
भारत में राष्ट्रपति चुनाव का बिगुल बज चुका है। चुनाव प्रक्रिया 15 जून से शुरू होने जा रही है। भारत में राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया थोड़ी जटिल होती है। भारत में राष्ट्रपति का चुनाव सीधे जनता के वोटों से तय नहीं होता। बल्कि जनता जिनको चुनती है यानी की सांसद और विधायक… उनके वोटों से राष्ट्रपति चुना जाता है। इसीलिए इसको अप्रत्यक्ष निर्वाचन कहते हैं। आइए जानते हैं भारत में राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया क्या है…
इनडायरेक्ट इलेक्शन: प्रेजिडेंट का चुनाव एक निर्वाचक मंडल यानी इलेक्टोरल कॉलेज करता है। संविधान के आर्टिकल 54 में इसका उल्लेख है। हर पांच साल पर 25 जुलाई को देश को नया राष्ट्रति मिलता है। ये सिलसिला 1977 से चल रहा है।
सिंगल ट्रांसफरेबल वोट: इस चुनाव में एक खास तरीके से वोटिंग होती है, जिसे सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम कहते हैं। यानी वोटर एक ही वोट देता है, लेकिन वह तमाम कैंडिडेट्स में से अपनी प्रायॉरिटी तय कर देता है। यानी वह बैलट पेपर पर बता देता है कि उसकी पहली पसंद कौन है और दूसरी, तीसरी कौन। यदि पहली पसंद वाले वोटों से विजेता का फैसला नहीं हो सका, तो उम्मीदवार के खाते में वोटर की दूसरी पसंद को नए सिंगल वोट की तरह ट्रांसफर किया जाता है। इसलिए इसे सिंगल ट्रांसफरेबल वोट कहा जाता है।
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वोट डालने की प्रक्रिया
वोट डालने की प्रक्रिया भी आम चुनाव जैसी नहीं होती है। वोटर्स को चुनाव आयोग की ओर से एक विशेष पेन दी जाती है। उसी पेन से उम्मीदवारों के आगे वोटर को नंबर लिखने होते हैं। एक नंबर उसे सबसे पसंदीदा उम्मीदवार के नाम के आगे डालना होता है। ऐसे दूसरी पसंद वाले उम्मीदवार के आगे दो लिखना होता है। अगर आयोग द्वारा दी गई विशेष पेन का इस्तेमाल नहीं होता तो वह वोट इनवैलिड हो जाता है।
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कुल मतदाताओं की संख्या 4 हजार 809
राष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा, राज्यसभा और राज्यों के विधानसभा के सदस्य वोट डालते हैं। 245 सदस्यों वाली राज्यसभा में से 233 सांसद ही वोट डाल सकते हैं। 12 मनोनीत सांसद इस चुनाव में वोट नहीं डालते हैं। इसके साथ ही लोकसभा के सभी 543 सदस्य वोटिंग में हिस्सा लेंगे। इसके अलावा सभी राज्यों के कुल 4 हजार 33 विधायक भी राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट डालेंगे। इस तरह से राष्ट्रपति चुनाव में कुल मतदाताओं की संख्या 4 हजार 809 होगी।
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वोट का अधिकार
राष्ट्रपति का चुनाव में लोकसभा, राज्यसभा के सभी सांसद और सभी राज्यों के विधायक वोट डालते हैं। इन सभी के वोट की अहमियत यानी वैल्यू अलग-अलग होती है। यहां तक कि अलग-अलग राज्य के विधायक के वोट की वैल्यू भी अलग होती है। एक सांसद के वोट की वैल्यू 708 होती है। दोनों सदनों में सदस्यों की संख्या 776 है। इस लिहाज से सांसदों के सभी वोटों की वैल्यू 5,43,200 होती है।
वहीं, विधायकों के वोट की वैल्यू उस राज्य की आबादी और सीटों की संख्या पर निर्भर होती है।
विधायकों के वोट की अहमियत
छत्तीसगढ़ में कुल 90 विधायक हैं, इस लिहाज से यहां के एक विधायक की वोट वैल्यू 129 है। 403 सदस्यों वाली यूपी की वोट वैल्यू सबसे ज्यादा 208 व 32 विधायकों वाले सिक्किम की वोट वैल्यू केवल सात है। झारखंड और तमिलनाडु के एक विधायक के वोट की वैल्यू 176 तो महाराष्ट्र के एक विधायक के वोट की वैल्यू 175 होती है। बिहार के एक विधायक के वोट की वैल्यू 173 होती है। अरुणाचल और मिजोरम के के एक विधायक के वोट की वैल्यू आठ होती है। इसी तरह अन्य राज्य में विधायकों की कुल संख्या के आधार पर वोट वैल्यू निर्धारित है।
वोट की वैल्यू अलग-अलग क्यों?
हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की जनसंख्या अलग-अलग है। इस चुनाव में हर एक वोट की कीमत राज्य की जनसंख्या और वहां की कुल विधानसभा सीटों के हिसाब से तय होती है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि हर वोट सही मायने में जनता की नुमाइंदगी करे।
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नहीं होता व्हिप जारी
व्हिप एक तरह आदेश होता है तो पार्टियां अपने सांसदों और विधायकों को जारी करती हैं। व्हिप का उल्लंघन करने पर संबंधित सांसद या विधायक की सदस्यता भी चली जाती है। हालांकि, राष्ट्रपति चुनाव में पार्टियां व्हिप जारी नहीं कर सकती हैं।
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कौन लड़ सकता है चुनाव
चुनाव लड़ने वाला भारत का नागरिक होना चाहिए। उसकी उम्र 35 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। चुनाव लड़ने वाले में लोकसभा का सदस्य होने की पात्रता होनी चाहिए। इलेक्टोरल कॉलेज के पचास प्रस्तावक और पचास समर्थन करने वाले होने चाहिए।
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किस राज्य के विधायक के वोट की वैल्यू कितनी है?
राज्य
सदस्यों की संख्या
एक सदस्य के वोट की वैल्यू
सभी सदस्यों के वोट की वैल्यू
आंध्र प्रदेश
175
159
27,825
अरुणाचल प्रदेश
60
08
480
असम
126
116
14,616
बिहार
243
173
42,039
छत्तीसगढ़
90
129
11,610
गोवा
40
20
800
गुजरात
182
147
26,754
हरियाणा
90
112
10,080
हिमाचल प्रदेश
68
51
3,468
झारखंड
81
176
14,256
कर्नाटक
224
131
29,344
केरल
140
152
21,280
मध्य प्रदेश
230
131
30,130
महाराष्ट्र
288
175
50,400
मणिपुर
60
18
1,080
मेघालय
60
17
1,020
मिजोरम
40
08
320
नगालैंड
60
09
540
ओडिशा
147
149
21,903
पंजाब
117
116
13,572
राजस्थान
200
129
25,800
सिक्किम
32
07
224
तमिलनाडु
234
176
41,184
तेलंगाना
119
132
15,708
त्रिपुरा
60
26
1,560
उत्तराखंड
70
64
4,480
उत्तर प्रदेश
403
208
83,824
पश्चिम बंगाल
294
151
44,394
दिल्ली
70
58
4060
पुडुचेरी
30
16
480
कुल
4033
5,43,231

