0.5 प्रतिशत बढ़ाकर किया 4.9 प्रतिशत
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक ने बढ़ती महंगाई को काबू में लाने के लिये बुधवार को प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 4.9 प्रतिशत कर दिया। पांच सप्ताह में दूसरी बढ़ी रेपो दर से आवास, वाहन और अन्य कर्ज की मासिक किस्त (ईएमआई) बढ़ेगी। इससे पहले, चार मई को आरबीआई ने बिना किसी तय कार्यक्रम के अचानक रेपो दर में 0.4 प्रतिशत की वृद्धि की थी। इसके साथ ही कोरोना महामारी के दौरान अपनाये गये उदार रुख को छोड़ा गया है। इसका मतलब है कि मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये नीतिगत दर में और वृद्धि की जा सकती है। महंगाई दर इस साल की शुरुआत से ही केंद्रीय बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिन की बैठक के निर्णय की जानकारी देते हुए कहा, मुद्रास्फीति तेजी से बढ़ी है और लक्ष्य की ऊपरी सीमा (छह प्रतिशत) से अधिक है। पिछली मौद्रिक नीति समीक्षा में महंगाई के ऊपर जाने का जो जोखिम जताया गया था, वह अब दिखने लगा है। आरबीआई ने महंगाई के 2022-23 की पहली तीन तिमाहियों में छह प्रतिशत से ऊपर रहने की आशंका को देखते हुए चालू वित्त वर्ष के लिये मुद्रास्फीति अनुमान को 5.7 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया है।
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क्रेडिट कार्ड से जुड़ेगा यूपीआई
आरबीआई ने क्रेडिट कार्ड को यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) से जोड़ने का प्रस्ताव किया है। इसका मकसद यूपीआई का दायरा बढ़ाना है। फिलहाल इसकी शुरुआत रूपे क्रेडिट कार्ड से होगी। इससे ग्राहकों को यूपीआई मंच से भुगतान करना और सुगम होगा। वर्तमान में यूपीआई बचत/चालू खातों को डेबिट कार्ड से जोड़कर लेन-देन को सुगम बनाता है। इसके अलावा, शहरी सहकारी बैंकों को अनुसूचित बैंकों की तरह घरों तक अपने ग्राहकों को बैंक से जुड़ी सुविधाएं देने की अनुमति देने का प्रस्ताव किया गया है।
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सहकारी बैंक मकान के लिए दे सकेंगे कर्ज
राज्य सहकारी बैंकों और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों को वाणिज्यिक रियल एस्टेट और रिहायशी मकान के लिए कर्ज देने की मंजूरी दी गयी है। इसके अलावा घरों के दाम में वृद्धि और ग्राहकों की जरूरतों को देखते हुए शहरी सहकारी बैंकों और ग्रामीण सहकारी बैंकों के लिये व्यक्तिगत आवास ऋण की सीमा बढ़ाने की भी अनुमति दी गयी है। इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से नियमित अंतराल पर जरूरी सेवाओं के लिये खुद-ब-खुद होने वाले भुगतान को 5,000 रुपए से बढ़ाकर 15,000 रुपए किया गया है।
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