छात्र नेता से लेकर केंद्रीय मंत्री तक, जानें नितिन गडकरी का सफर और रिकॉर्ड

विद्यार्थी जीवन से निकलकर देश की सियासत में ऊंचा मुकाम पाने वाले दिग्गजों में नितिन जयराम गडकरी (Nitin Jairam Gadkari) का नाम प्रमुखता से आता है। कॉलेज में पढ़ाई के दौरान छात्र हितों को लेकर अक्सर मुखर रहने वाले नितिन गडकरी आज देश की राजनीति के शीर्ष चेहरों में शुमार है। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) आज किसी पहचान के मोहताज नहीं है। गडकरी, भारत सरकार में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय संभाल रहे हैं। उनके कार्यकाल में आलीशान सड़कों, एक्सप्रेस-वे और फ्लाईओवर के तेजी से हो रहे निर्माण कार्यों के काम के कारण उन्हें मोदी सरकार का विकास पुरुष भी कहा जाता है।

नागपुर विश्वविद्यालय से एमकॉम, एलएलबी और बिजनेस मैनेजमेंट भी पढ़ा
गडकरी का जन्म 27 मई, 1957 को महाराष्ट्र के नागपुर शहर में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। शुरुआती शिक्षा के बाद उन्होंने राष्टसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय से बीकॉम, एमकॉम को डिग्री हासिल की। इसके अलावा कानून के क्षेत्र में रूचि होने के कारण उन्होंने यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लॉ, नागपुर से एलएलबी की पढ़ाई की। वहीं, एंटरप्रैन्योर स्किल्स बढ़ाने के लिए उन्होंने बिजनेस मैनेजमेंट में डिप्लोमा भी किया है। 18 दिसंबर, 1984 को गडकरी का विवाह कंचन के साथ हुआ। गडकरी दंपति के दो बेटे और एक बेटी है।

कुशल वक्ता और नेतृत्वकर्ता
गडकरी एक कुशल वक्ता, कार्यकर्ता और नेतृत्वकर्ता भी हैं। वे किशोरावस्था के दौरान ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संपर्क में आ गए थे और उन्होंने कई दायित्व संभाले। वह 1976 में छात्र राजनीतिक संगठन अखिल भारतीय विद्या परिषद (ABVP) में शामिल हुए। छात्र हितों के लिए लगातार संघर्ष किया और बाद में भाजयुमो से जुड़ गए। 24 साल की उम्र में उन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा का अध्यक्ष चुना गया था। वहीं, 35 साल की उम्र में वह महाराष्ट्र बीजेपी के प्रदेश महासचिव बन गए थे।

भाजपा के सबसे युवा अध्यक्ष रहे, नवाचारों में गहरी रूचि
2009 से 2013 तक भाजपा के सबसे युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में नितिन गडकरी ने पार्टी कार्यकताओं के लिए बूथ स्तर एक व्यवस्थित प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया। पार्टी अध्यक्ष के रूप में उनके कार्यकाल को सबसे सफल कार्यकालों में से एक के रूप में देखा जाता है। भाजपा की आईटी सेल भी गडकरी के कार्यकाल की एक उपलब्धि है। एक बिजनेसमैन और राजनेता के तौर पर नई तकनीकों, हरित प्रौद्योगिकियों, हरित ईंधन, जैव-ईंधन, कृषि विकास, कृषि को ऊर्जा और बिजली क्षेत्र में बदलने, रोजगार सृजन के लिए नवाचारों में उनकी गहरी रूचि रही है।

हाइ-वे और एक्सप्रेस-वे को दे रहे रफ्तार
मई 2014 से केंद्र की मोदी सरकार में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय संभाल रहे गडकरी अक्सर कहते हैं कि अमेरिकी सड़कें अच्छी नहीं हैं क्योंकि अमेरिका समृद्ध है, लेकिन अमेरिका समृद्ध है क्योंकि अमेरिकी सड़कें अच्छी हैं। इसी तर्ज पर वे देशभर में हाइ-वे, एक्सप्रेस-वे, फ्लाईओवर, अंडरपास और सुरंगों का जाल बिछा रहे हैं। 2014 तक भारत में हाइ-वे निर्माण की रफ्तार दो किलोमीटर प्रति दिन थी, जोकि गडकरी के कार्यकाल के पहले साल में बढ़कर 16.5 किलोमीटर प्रति दिन और दूसरे साल में 21 किलोमीटर प्रति दिन और 2020 तक 36 किलोमीटर प्रति दिन पहुंच गई। इतना ही नहीं उनका लक्ष्य 2023 तक इसे 68 किलोमीटर प्रति दिन तक पहुंचाने का है।

भारतमाला परियोजना की कमान
गडकरी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क, बंदरगाहों, तटीय क्षेत्रों, नेशनल कॉरीडोर, इकोनॉमिक कॉरीडोर और नेशनल हाइ-वे की आपसी कनेक्टिविटी को साकार करने के लिए सागरमाला और भारतमाला परियोजना शुरू की थी। परियोजना के पहले चरण के अंतर्गत लगभग 34,800 किलोमीटर लंबे नेशनल इकोनॉमिक कॉरीडोर के विकास की परिकल्पना की गई है, जिसमें स्वर्णिम चतुर्भुज और उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम गलियारों के साथ सड़कों पर माल ढुलाई के लिए फ्रेट कॉरीडोर को बंदरगाहों और हवाईअड्डों से जोड़ा जाना है। इसके तहत 35 मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्कों भी विकसित किए जा रहे हैं।

नितिन गडकरी द्वारा संभाले गए प्रमुख पद
1976 में एबीवीपी से जुड़कर राजनीतिक जीवन की शुरुआत की।
1979 में उन्होंने नागपुर विश्वविद्यालय छात्र परिषद की जिम्मेदार संभाली।
1985 वे नागपुर शहर भाजपा के सचिव बने।
1989 – 2014 सदस्य, महाराष्ट्र विधान परिषद।
1995 – 1999 पीडब्ल्यूडी मंत्री, महाराष्ट्र सरकार।
1999 – 2005 विपक्ष के नेता, महाराष्ट्र विधान परिषद।
2009 से 2013 तक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे।
मई, 2014 में नागपुर से 16वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए।
27 मई, 2014 – 25 मई, 2019 केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, सड़क परिवहन और राजमार्ग; और शिपिंग
04 जून, 2014 – 09 नवंबर, 2014 केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, ग्रामीण विकास; पंचायती राज और पेयजल और स्वच्छता (अतिरिक्त प्रभार)
03 सितंबर, 2017 – 25 मई, 2019 केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण
मई, 2019 में 17वीं लोकसभा के लिए फिर से निर्वाचित हुए।
30 मई, 2019 – 07 जुलाई, 2021 तक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय।
30 मई, 2019 से केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय।

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