— वाराणसी की अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 23 मई की तारीख तय की
नई दिल्ली/वाराणसी।
ज्ञानवापी मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में पेश हो गई। इस बीच, रिपोर्ट लीक होने की खबर है। इसके बाद बवाल मच गया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वजूखाने में शिवलिंग के साथ ही मस्जिद परिसर में कमल, त्रिशूल और डमरू के चिन्ह हैं। इधर, सुप्रीम कोर्ट ने स्थानीय कोर्ट को इस मामले में कोई फैसला देने से रोक दिया है। सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार 3 बजे इस मामले में सुनवाई होगी। इसके बाद बनारस कोर्ट कोई फैसला ले सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी की दीवानी अदालत से ज्ञानवापी मामले में आगे की सुनवाई तब तक नहीं करने को कहा, जब तक कि वह शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई नहीं कर लेता। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ को वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि दीवानी मामले में हिंदू श्रद्धालुओं की ओर से पेश होने वाले मुख्य अधिवक्ता हरिशंकर जैन अस्वस्थ हैं। उन्हें बुधवार को एक अस्पताल से छुट्टी मिली थी। पीठ ने अपने आदेश में कहा, “हम तदनुसार निचली अदालत को उपरोक्त व्यवस्था के अनुरूप कार्य करने और पक्षकारों के बीच बनी सहमति के मद्देनजर मुकदमे में आगे की सुनवाई नहीं करने का निर्देश देते हैं। कोर्ट ने मामले को 20 मई को अपराह्न तीन बजे उसके समक्ष सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया और कहा कि रजिस्ट्री भारत के प्रधान न्यायाधीश से प्रशासनिक निर्देश ले सकती है ताकि पीठ गठित की जाए। सुनवाई की शुरुआत में वकील विष्णु शंकर जैन ने मामले का उल्लेख किया तथा अदालत से शुक्रवार को प्रकरण पर सुनवाई करने का अनुरोध किया। अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद की प्रबंधन समिति की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी ने कहा कि विभिन्न मस्जिदों को ‘सील’ करने के लिए देशभर में कई अर्जियां दायर की गयी हैं और वाराणसी में ज्ञानवापी मामले में सुनवाई चल रही है। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद में ‘वजूखाना’ के पास एक दीवार को ‘ध्वस्त’ करने के लिए अर्जी दाखिल की गयी है। अहमदी ने कहा कि वह किसी वकील के स्वास्थ्य के आधार पर सुनवाई स्थगित किए जाने का विरोध नहीं कर सकते, लेकिन एक हलफनामा दिया जाना चाहिए कि हिंदू श्रद्धालु दीवानी अदालत में कार्यवाही को आगे नहीं बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर आवश्यक है तो मामले की सुनवाई कर रही निचली अदालत आज ऐसा करने से परहेज कर सकती है, जब तक कि न्यायालय शुक्रवार को सुनवाई नहीं कर ले। वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि वे पीठ को आश्वस्त कर रहे हैं कि हिंदू पक्षकार वाराणसी में दीवानी अदालत के सामने सुनवाई आगे नहीं बढ़ाएंगे। पीठ ने दलीलों को दर्ज किया और दीवानी अदालत को मामले में शुक्रवार को तब तक आगे की सुनवाई नहीं करने को कहा, जब तक वह इस मामले में सुनवाई नहीं कर लेती। उच्चतम न्यायालय शुक्रवार को मामले पर सुनवाई करेगा। पीठ ने अपने आदेश में कहा कि मूल वादी की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कार्यवाही का उल्लेख किया है।
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सुरक्षित रखने के दिए थे निर्देश
शीर्ष अदालत ने 17 मई को वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट को ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर के भीतर उस इलाके को सुरक्षित रखने का निर्देश दिया था, जहां एक सर्वेक्षण के दौरान एक ‘शिवलिंग’ मिलने का दावा किया गया है। साथ ही मुसलमानों को ‘नमाज’ पढ़ने की अनुमति देने का भी निर्देश दिया था। वाराणसी के जिलाधिकारी उस क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करें जहां ‘शिवलिंग’ मिलने की बात कही गई।
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सर्वे रिपोर्ट में वीडियोग्राफी और स्टिल फोटोग्राफी
विशेष अधिवक्ता आयुक्त ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में किये गए आयोग के सर्वेक्षण कार्य की रिपोर्ट अदालत को सौंप दी है। हिंदू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बताया कि जिले की एक अदालत द्वारा नियुक्त विशेष अधिवक्ता आयुक्त विशाल सिंह ने 14, 15 और 16 मई को किए गए सर्वेक्षण कार्य की रिपोर्ट जिला सिविल न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर की अदालत में पेश की। यादव ने बताया कि अदालत द्वारा हटाए गए अधिवक्ता आयुक्त अजय मिश्र ने छह और सात मई को की गई ज्ञानवापी परिसर की सर्वेक्षण रिपोर्ट बुधवार देर शाम अदालत को सौंप दी थी। विशेष अधिवक्ता आयुक्त विशाल सिंह ने रिपोर्ट पेश करने के बाद पत्रकारों से कहा, मैंने 14, 15 और 16 मई की रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत कर दी है। रिपोर्ट में क्या है यह मुझे बताने का अधिकार नहीं है। अब रिपोर्ट पर आगे की कार्यवाही अदालत करेगी। विशाल सिंह ने कहा कि वीडियोग्राफी और ‘स्टिल फोटोग्राफी’ के साथ दस्तावेज भी जमा किए गए हैं। उन्होंने कहा, यह मेरी तरफ से अंतिम रिपोर्ट है। अगर अदालत को लगता है कि यह पर्याप्त है तो ठीक है, अन्यथा किसी और आवश्यकता के लिए अदालत के निर्देश पर कार्रवाई की जाएगी।
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इन पर लगा रिपोर्ट लीक करने का आरोप
गौरतलब है कि अदालत ने ज्ञानवापी परिसर में वीडियोग्राफी सर्वेक्षण के लिये नियुक्त किए गए अधिवक्ता आयुक्त मिश्र को मंगलवार को पद से हटा दिया था। अजय मिश्र को उनके एक सहयोगी द्वारा मीडिया में खबरें लीक करने के आरोप में मंगलवार को पद से हटा दिया गया था। अदालत ने साथ ही कहा था कि विशाल सिंह 12 मई के बाद की आयोग की पूरी कार्रवाई की रिपोर्ट खुद दाखिल करेंगे।
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दर्शन पूजन पर सुनवाई 23 को
वाराणसी की अदालत में ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले की अगली सुनवाई 23 मई को होगी। यहां की अदालत ने बृहस्पतिवार को यह नयी तारीख तय की। हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बताया कि आज दोनों पक्षों ने अपनी आपत्तियां और जवाबी आपत्तियां दायर की। उन्होंने बताया कि उच्चतम न्यायालय ने निचली अदालतों को शुक्रवार तक इस मामले में आगे नहीं बढ़ने का निर्देश दिया है, जिसे देखते हुए अदालत ने सुनवाई के लिए 23 मई की तारीख तय की है।
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अजय मिश्रा की रिपोर्ट लीक में ऐसा दावा
00 ज्ञानवापी परिसर में उत्तर से पश्चिम दीवार के कोने पर पुराने मंदिरों का मलबा मिला
00 यहां देवी-देवताओं की कलाकृति बनी हुई थीं
00 उत्तर से पश्चिम की तरफ शेषनाग की कलाकृति और नागफनी जैसी आकृतियां
00 पत्थरों के भीतर की तरफ कुछ कलाकृतियां आकार में स्पष्ट रूप से कमल और अन्य आकृतियां थीं
00 उत्तर पश्चिम के कोने पर गिट्टी सीमेंट से चबूतरे पर नए निर्माण को देखा जा सकता है
00 शिलापट्ट पर देव विग्रह, जिसमें चार मूर्तियों की आकृति बनी है, जिस पर सिंदूरी रंग लगा हुआ है,
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