कश्मीर परिसीमन पर मुस्लिम देशों के संगठन ओआईसी ने जताई आपत्ति, भारत ने दिया करारा जवाब

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में परिसीमन को लेकर इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) ने आपत्ति जाहिर की है। ओआईसी की तरफ से परिसीमन को लेकर कई ट्वीट किए गए। ओआईसी के महासचिव ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन तक बता डाला। इसके बाद भारत ने भी इस्लामिक देशों के संगठन को फटकार लगाते हुए कहा कि ओआईसी को किसी एक देश की शह पर सांप्रदायिक अजेंडा नहीं चलाना चाहिए। भारत का इशारा पाकिस्तान की तरफ था।

ये कहा था ओआईसी ने

ओआईसी के महासचिव हिसेन ब्राहिम ताहा ने कहा था कि उन्हें जम्मू-कश्मीर की डेमोग्राफी बदलने को लेकर चिंता है। यह जम्मू-कश्मीर के लोगों के अधिकारों से छेड़छाड़ है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के तहत वहां के लोंगों को निर्णय लेने का अधिकार है।

बागची का करारा जवाब

इस विषय पर पूछे गए सवालों पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘हमें आश्चर्य है कि ओआईसी ने एक बार फिर भारत के आंतरिक मामलों के लेकर गैरजरूरी टिप्पणियां की हैं।’ उन्होंने कहा कि पहले भी भारत सरकार केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को लेकर ओआईसी के बयानों को खारिज कर चुका है। जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और रहेगा।

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90 सीटों पर चुनाव

बता दें कि जम्मू-कश्मीर को लेकर गठित किए गए परिसीमन आयोग ने अपनी फाइनल रिपोर्ट सौंप दी है। इसके बाद ही जम्मू-कश्मीर में चुनाव का भी रास्ता साफ हो गया है। चुनाव आयोग के मुताबिक अब जम्मू-कश्मीर में विधानसभा की 90 सीटें होंगी। वहीं 18 विधानसभा सीटों को मिलाकर एक लोकसभा सीट होगी। यानी कुल 5 लोकसभा सीटें होंगी।


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