- आय से अधिक संपत्ति के केस में हुए थे गिरफ्तार, सशर्त जमानत पर रिहाई
बिलासपुर। आय से अधिक संपत्ति के केस में गिरफ्तार आईपीएस और सस्पेंड एडीजी जीपी सिंह को हाईकोर्ट ने सशर्त जमानत दे दी है। इससे पहले हाईकोर्ट से जमानत नहीं मिल पाने के कारण जीपी सिंह सुप्रीम कोर्ट भी गए थे, लेकिन वहां से भी राहत नहीं मिल पाई थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को जमानत याचिका पर शीघ्र सुनवाई करने का आदेश दिया था। ज्ञात हो कि आईपीएस जीपी सिंह गिरफ्तारी के बाद करीब 120 दिन से जेल में बंद हैं।
मामले की सुनवाई गुरुवार की दोपहर हाईकोर्ट में हुई। निलंबित आईपीएस के अधिवक्ता आशुतोष पांडेय ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से लेकर गिरफ्तारी पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के एक वरीष्ठ आईपीएस को नियम विरुद्ध तरीके से केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया गया है। प्रावधान के अनुसार किसी भी आईपीएस अधिकारी के खिलाफ केस दर्ज करने से पहले केंद्र सरकार से अनुमति लेना आवश्यक है। आईपीएस सिंह के मामले में लेकिन ऐसा नहीं किया गया। जीपी सिंह के वकील आशुतोष पांडेय ने बताया कि चार मई को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी पर हाईकोर्ट में ही सुनवाई करने का आदेश दिया था। इस दौरान 9 मई को केस हाईकोर्ट के जस्टिस गौतम भादुड़ी की बेंच में लगा था, लेकिन उन्होंने इस मामले को एप्रोप्रिएट बेंच में रखने के निर्देश दिए। 10 मई को जस्टिस दीपक तिवारी की बेंच में उनकी बेल पर नंबर नहीं आ पाने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी थी।
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जमानत आरोपी का मौलिक आधार
कोर्ट में दलील दी गई कि अभियोजन की स्वीकृति नहीं हुई है, इसके बावजूद उन्हें 120 दिनों से जेल में बंद रखा गया है। चार्जशीट पेश होने के बाद जमानत किसी भी आरोपी का मौलिक अधिकार माना जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने भी उनके केस की जल्दी सुनवाई करने का आदेश दिया है। इसके बाद भी तीन महीने से अधिक समय से जमानत याचिका लंबित है। इन दलीलों को सुनने के बाद जस्टिस दीपक तिवारी ने जीपी सिंह को सशर्त जमानत देने का आदेश दिया है।
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11 जनवरी को हुए थे गिरफ्तार
ज्ञात हो कि ईओडब्ल्यू की टीम ने आईपीएस जीपी सिंह को 11 जनवरी 2022 को नोएडा से गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें 7 दिन के लिए पुलिस रिमांड पर रखा गया था। 18 जनवरी को उन्हें विशेष अदालत में पेश किया गया। इसके बाद से जीपी सिंह जेल में हैं। निचली अदालत से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद उनके वकील आशुतोष पांडेय ने हाईकोर्ट में जमानत अर्जी लगाई थी। इस दौरान जमानत देने के लिए उन्होंने अंतरिम राहत की मांग की थी, जिसे हाईकोर्ट ने ठुकरा दिया था। इसके साथ ही जस्टिस दीपक तिवारी ने जमानत पर नंबर आने पर ही सुनवाई करने के निर्देश दिए थे। तब से उनकी जमानत पर सुनवाई हाईकोर्ट में लंबित है।
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फैसले से पहले ही सजा, संविधान का उल्लंघन
जमानत याचिका पर गुरुवार को आईपीएस जीपी सिंह के वकील ने तर्क दिया कि ईओडब्ल्यू की जांच पूरी हो गई है। जिसके बाद कोर्ट में चार्जशीट भी पेश कर दिया गया है। मामले में अभी ट्रायल शुरू नहीं हुआ है। फिर भी उन्हें जेल में रखा गया है। इन परिस्थितियों में जमानत उनका अधिकार है। याचिका में कहा गया है कि जीपी सिंह अपनी गिरफ्तारी से पूर्व ही ईओडब्ल्यू की सभी नोटिस का जवाब दे चुके हैं। ईओडब्ल्यू ने आय से अधिक संपत्ति का मामला बनाया है, उसमें उन्हें अपनी संपत्ति का ब्यौरा प्रस्तुत करने के लिए मौका नहीं दिया गया है, जो संविधान की अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है।

