जहांगीरपुरी का मास्टरमाइंड अरेस्ट, साथ में दो अन्य भी हिरासत में, पुलिस के साथ घूमता था, तिरंगा यात्रा में भी रहा शामिल

नई दिल्ली। जहांगीरपुरी हिंसा मामले के क्राइम ब्रांच ने तीन लोगों को अरेस्ट किया है। इनमें से एक को जहांगीरपुरी हिंसा मामले का मास्टरमाइंड बताया गया है। क्राइम ब्रांच ने जिसे मास्टरमाइंड बताकर गिरफ्तार किया है, वह हिंसा के बाद कई बार पुलिस के साथ दिख चुका है। पुलिस के साथ वह इलाके में घूमता था और लोगों से शांति की अपील करता था। वह हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए निकाली गई तिरंगा यात्रा में भी शामिल था। उसकी पहचान तबरेज के रूप में हुई है। फिलहाल, तबरेज नगर निगम के चुनाव की तैयारियों में जुटा था। तबरेज के अलावा दो अन्य को भी गिरफ्तार किया गया है। उनकी पहचान अनाबुल और जलील के रूप में हुई है।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, तबरेज का जहांगीरपुरी पथराव में बेहद एक्टिव रोल था। एक वीडियो में दिख रहा है कि हिंसा के बाद जब पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करके थाने ले गई थी तब तबरेज थाने के बाहर ही मौजूद था और एक समुदाय के परिवारवालों को उकसा रहा था।

दिल्ली दंगों में भी सामने आया था तबरेज का नाम

सूत्रों के मुताबिक, तबरेज का नाम पहले भी इस तरह के मामलों में सामने आ चुका है। बताया जा रहा है कि दिल्ली दंगों में भी तबरेज का नाम सामने आया था।

दिल्ली पुलिस को कोर्ट की फटकार, पूछा- बिना अनुमति कैसे निकली शोभायात्रा?”

दिल्ली की रोहिणी अदालत ने जहांगीरपुरी हिंसा मामले में सुनवाई करते हुए आठ लोगों की जमानत याचिका खारिज कर दी। रोहिणी कोर्ट का कहना है कि आरोपी व्यक्तियों को जमानत पर रिहा करने से गवाह प्रभावित हो सकते हैं। आरोपी इलाके के नामी अपराधी हैं और इसलिए कोई भी गवाह आगे नहीं आएगा. जमानत याचिका खारिज करने के साथ ही अवैध जुलूस नहीं रोकने के लिए अदालत ने दिल्ली पुलिस को फटकार भी लगाई। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से सवाल किया कि “आखिर वहां अनुमति न दिए जाने के बावजूद शोभायात्रा कैसे निकल गई?” कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह दिल्ली पुलिस की विफलता को दर्शाता है। बिना अनुमति के निकाले गए जुलूस को रोकने में स्थानीय पुलिस की पूर्ण विफलता साबित हुई है। कोर्ट का कहना है कि दोषी अधिकारियों पर जवाबदेही तय की जानी चाहिए। अदालत ने पुलिस आयुक्त से मामले की जांच करने को कहा है।


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