बंगाल में शाह का बड़ा ऐलान, कहा-कोरोना खत्म होते ही जमीनी स्तर पर लागू करेंगे सीएए

–केंद्रीय गृह मंत्री ने ममता पर चलाए तीर, ममता बोलीं-आग से न खेलें

कोलकाता। बंगाल के तीन दिवसीय दौरे पर आए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नागरिकता कानून को लागू करने को लेकर बड़ा बयान दिया है। अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के सिलिगुड़ी में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड महामारी खत्म होने के बाद नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू किया जाएगा। अमित शाह ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) अफवाह फैला रही है कि सीएए लागू नहीं होगा, लेकिन मैं आपको बता रहा हूं कि कोरोना के बाद हम सीएए लागू करेंगे। अमित शाह ने कहा कि सीएए हकीकत था, सीएए हकीकत है और सीएए हकीकत रहेगा। कुछ भी नहीं बदला है। इधर, शाह के बयान पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि आग से न खेलें। पश्चिम बंगाल उन राज्यों में से एक था जिसने सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया था। केंद्रीय मंत्री ने बंगाल में हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि दीदी ने बीरभूम में नौ लोगों को जिंदा जला दिया। शाह ने कहा, ममता दीदी, आपको बंगाल के लोगों ने तीन बार चुना है और हमने सोचा था कि आप खुद को सुधारेंगे लेकिन आपने नहीं किया। मैं वादा करता हूं कि जब तक आप ‘कट मनी’ और हिंसा नहीं रोकेंगे, भाजपा इसके खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेगी।

सहयोग बिना घुसपैठ, तस्करी को रोकना मुश्किल

उत्तर 24 परगना जिले में सीमा सुरक्षा बल के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि स्थानीय प्रशासन के सहयोग के बिना घुसपैठ और तस्करी को रोकना मुश्किल है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही एक ऐसी राजनीतिक स्थिति सामने आएगी जिसमें स्थानीय अधिकारियों को जनता के दबाव के कारण मदद का हाथ बढ़ाने के लिए ‘मजबूर’ होना पड़ेगा। उन्होंने कहा, बीएसएफ को यह सुनिश्चित करना होता है कि सीमाएं अभेद्य हों। सीमाओं की रक्षा करना उनका संवैधानिक अधिकार है। लेकिन स्थानीय प्रशासन के सहयोग के बिना घुसपैठ और तस्करी को रोकना मुश्किल है। शाह ने कहा, हालांकि, हमें विश्वास है कि जल्द ही एक ऐसी राजनीतिक स्थिति सामने आएगी जिसमें जनता के दबाव के कारण आपको वह सहयोग मिल जाएगा। हर कोई हर तरह का सहयोग देने के लिए मजबूर होगा।

शाह का वार

टीएमसी को उखाड़ फेंकने तक चैन से नहीं बैठेगी भाजपा

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के अत्याचारी शासन को उखाड़ कर लोकतंत्र को बहाल करने तक भाजपा चैन से नहीं बैठेगी। उत्तरी बंगाल के सिलीगुड़ी में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा ‘कट मनी’, भ्रष्टाचार और राजनीतिक हिंसा के खिलाफ लड़ाई जारी रखेगी। शाह ने तृणमूल कांग्रेस पर बंगाल में संशोधित नागरिकता कानून को लेकर अफवाह फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के खत्म होने के बाद कानून को लागू किया जाएगा। मैं बंगाल विधानसभा में भाजपा के सदस्यों की संख्या तीन से बढ़ाकर 77 तक पहुंचाने के लिये उत्तर बंगाल के लोगों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। टीएमसी के अत्याचारी शासन को उखाड़ फेंकने तक भाजपा चैन से नहीं बैठेगी।

ममता का पलटवार

सीएए बिल लेप्स, संसद में क्यों नहीं ला रहे

ममता बनर्जी ने अमित शाह के सीएए वाले बयान पर कहा, सीएए बिल लैप्स हो चुका है। वे इस बिल को संसद में क्यों नहीं ला रहे हैं? मैं नहीं चाहता कि नागरिकों के अधिकारों पर अंकुश लगे। हम सबको साथ रहना है, एकता ही हमारी ताकत है। उन्होंने कहा, शाह केवल बंगाली और हिंदी भाषी समुदायों के बीच, हिंदुओं और मुसलमानों के बीच अलगाव उत्पन्न करना चाहते हैं। देश के लोकतांत्रिक ढांचे को ध्वस्त करने के लिए कुछ भी न करें। आग से नहीं खेलें, जनता करारा जवाब देगी। ममता बनर्जी ने कानून व्यवस्था पर अमित शाह के सवालों पर कहा कि अमित शाह को बीजेपी शासित राज्यों में दंगे और महिलाओं पर हमले नहीं दिखते हैं। उन्होंने कहा, वो गृह मंत्री हैं इसलिए उनको दिल्ली देखना चाहिए। दिल्ली के जहांगीरपुरी, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में क्या हुआ? उनको वो देखना चाहिए. उनके पास बंगाल नहीं है इसलिए बंगाल के बारे में उन्हें ऐसी बात नहीं करनी चाहिए. बीजेपी का काम विभाजन पैदा करना है।

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परेशान पोप ने पहली बार किया व्हीलचेयर का इस्तेमाल

वेटिकन सिटी। कैथोलिक ईसाई धर्म के सर्वोच्च नेता पोप फ्रांसिस पहली बार लोगों के समक्ष व्हीलचेयर पर आए। वह घुटनों के दर्द की वजह से परेशानी का सामना कर रहे हैं। फ्रांसिस बृहस्पतिवार को दुनियाभर से आई नन और धार्मिक पदाधिकारियों की रोम में हो रही बैठक में शामिल होने के लिए व्हील चेयर पर आए। यह पहली बार है जब पोप सार्वजनिक रूप से व्हील चेयर पर नजर आए हैं। उल्लेखनीय है कि 85 वर्षीय पोप फ्रांसिस गत कई महीनों से घुटनों के दर्द का सामना कर रहे हैं। हाल में पोप ने खुलासा किया था कि उन्होंने दर्द से राहत के लिए कुछ दर्द निवारक इंजेक्शन लिया था, लेकिन इसके बावजूद वह चलने व खड़े होने में परेशानी का सामना कर रहे हैं।


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