कठुआ हमला : हिरासत में लिए गए 26 संदिग्ध, जंगल में उतरे पैरा कमांडो

  • आतंकियों पर करारे प्रहार की तैयारी
  • एनआई की टीम जांच में कर रही पुलिस की सहायता

-जैश समर्थित कश्मीर टाइगर्स ने ली है हमले की जिम्मेदारी

(फोटो : पैरा कमांडो)

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ दिनों से आतंकवादी घटनाओं में बढ़ोतरी देखी गई है। जिससे सुरक्षा बल भी मुस्तैद नजर आ रहे हैं। जम्मू में कठुआ जिले के माचेडी-बिलावर इलाके में सेना पर आतंकियों ने पहाड़ी जंगलों से घात लगाकर हमला किया था। मगर सेना के जवानों ने भी उनकी चाल को नाकाम करते हुए अंधाधुंध फायरिंग की थी। सेना के जवानों ने आतंकियों पर 5000 से ज्यादा गोलियां बरसाईं, जिससे आतंकी मौके से भागने के लिए मजबूर हो गए थे। वहीं जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के माचेडी-बिलावर इलाके के कम से कम 26 निवासियों को सोमवार को दो ट्रकों वाले सैन्य गश्ती दल पर हुए घातक हमले के सिलसिले में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। जिसमें 22 गढ़वाल राइफल्स के पांच जवान शहीद हो गए और पांच अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

बीहड़ इलाकों और जंगलों की तलाशी

एक अधिकारी ने कहा कि एनआईए की एक टीम घात स्थल पर पहुंच गई है और जांच में पुलिस की सहायता कर रही है। सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ और पैरा कमांडो के जवान आतंकवादियों को पकड़ने के लिए क्षेत्र के बीहड़ इलाकों और जंगलों की तलाशी ले रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई भी पकड़ा या मारा नहीं गया है। भारी बारिश ने ड्रोन और हेलीकॉप्टरों के जरिए हवाई निगरानी को मुश्किल बना दिया है।

घटनाओं के जोड़े जा रहे तार

अधिकारियों ने बदनोटा गांव के पास घात लगाकर किए गए हमले की घटनाओं को एक साथ जोड़ना शुरू कर दिया है। जहां और ज्यादा फोर्स के पहुंचने से पहले दो घंटे से अधिक समय तक लगातार गोलीबारी हुई थी। माना जा रहा है कि तीन लोगों के समूह में आतंकवादियों ने पहाड़ी पर दो जगहों पर खुद को छिपा लिया और घने जंगल में छिपकर सैनिकों को ग्रेनेड और गोलियों के हमले से चौंका दिया। जब ट्रक दोपहर 3.30 बजे माचेडी-किंडली-मल्हार रोड पर एक मोड़ पर पहुंचे थे, तभी उन पर भारी गोलीबारी की गई थी। भारी गोलीबारी का सामना करने के बावजूद, सैनिकों ने अधिक हताहतों को रोकने और आतंकवादियों को उनके हथियार छीनने से रोकने के लिए लगातार गोलीबारी की। एक अधिकारी ने बताया कि भारतीय सेना के गढ़वाल रेजिमेंट के सैनिकों ने आतंकवादियों पर 5,189 राउंड की बौछार की, जिससे उन्हें घटनास्थल से भागने पर मजबूर होना पड़ा।’

लोकल लोगों से की जा रही पूछताछ

पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के एक सहयोगी समूह कश्मीर टाइगर्स ने घात लगाकर किए गए हमले की जिम्मेदारी ली है। सूत्रों ने कहा कि स्थानीय लोगों से पूछताछ की जा रही है कि क्या उन्होंने घात लगाने से पहले आतंकवादियों को देखा था या उन्हें कोई सहायता प्रदान की थी। अधिकारियों ने लोगों को आश्रय, भोजन प्रदान करने या आतंकवादियों को छिपने और क्षेत्र से बिना पहचाने जाने में मदद करने के खिलाफ चेतावनी दी है। जम्मू में आतंकवाद से संबंधित हिंसा में हाल ही में वृद्धि ने ऊपरी इलाकों में स्थानीय लोगों को चिंतित कर दिया है, जिन्होंने आतंकवादी खतरों से निपटने के लिए ग्राम रक्षा समूहों को मजबूत करने की मांग की है। डोडा जिले में, मंगलवार शाम को गोली घाडी-भगवा जंगल में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच गोलीबारी के बाद एक और तलाशी जारी है।

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जम्मू-कश्मीर और पंजाब के डीजीपी ने की बैठक

गुरुवार को जिला पुलिस लाइन कठुआ में जम्मू कश्मीर डीजीपी आरआर स्वैन, पंजाब के डीजीपी सहित सेना और खुफिया एजेंसियों के आला अधिकारी बैठक करने के लिए पहुंचे। सूत्रों का कहना है कि एजेंसियां आपस में समन्वय मजबूत करने के लिए चर्चा की। आतंकी हमलों को रोकने और अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को लेकर मंथन हुआ। बैठक की रिपोर्ट गृह और रक्षा मंत्रालय को भेजी जाएगी। इसके बाद आगे की रणनीति पर काम होगा।

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