नीट की परीक्षा में कोई गड़बड़ी नहीं, रीएग्जाम का इरादा नहीं

केंद्र का सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट

नई दिल्ली। केंद्र ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि विवादों से घिरी नीट-यूजी, 2024 परीक्षा को रद्द करना तर्कसंगत कदम नहीं होगा और इससे उन लाखों ईमानदार छात्रों के भविष्य के लिए “गंभीर खतरा” पैदा होगा जो परीक्षा में शामिल हुए थे। राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) 2024 उम्मीदवारों, कोचिंग संस्थानों और अभिभावकों द्वारा दायर विभिन्न याचिकाओं के जवाब में दायर अपने हलफनामे में, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने सीबीआई को कथित अनियमितताओं की व्यापक जांच करने को कहा है।

केंद्र ने कहा, “इसके साथ ही यह भी दलील दी जाती है कि अखिल भारतीय परीक्षा में गोपनीयता के बड़े पैमाने पर उल्लंघन के किसी भी सबूत के अभाव में, पूरी परीक्षा और पहले से घोषित परिणामों को रद्द करना तर्कसंगत नहीं होगा। पेपर लीक सहित विभिन्न अनियमितताओं के आरोपों के बीच कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए हैं। इस मुद्दे को लेकर प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों के बीच वाकयुद्ध भी हुआ है।

ईमानदार प्रतिस्पर्धी का नुकसान

हलफनामा में कहा गया है कि किसी भी परीक्षा में, प्रतिस्पर्धी अधिकार होते हैं ताकि ऐसे छात्रों के हितों को नुकसान नहीं हो जो परीक्षा में कोई अनुचित तरीका नहीं अपनाते हैं। इसमें कहा गया है, \”परीक्षा को पूरी तरह से रद्द करने से 2024 में परीक्षा देने वाले लाखों ईमानदार उम्मीदवारों को गंभीर नुकसान होगा।

अगली सुनवाई 8 जुलाई को

उच्चतम न्यायालय आठ जुलाई को संबधित विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई करेगा, जिनमें पांच मई को आयोजित परीक्षा में अनियमितताओं का आरोप लगाने वाली याचिकाएं और नए सिरे से परीक्षा आयोजित करने की मांग वाली याचिकाएं शामिल है।

छात्रों ने लगाई है परीक्षा रद्द न करने याचिका

बता दें कि इससे पहले गुरुवार को रीनीट के खिलाफ गुजरात के 56 स्टूडेंट्स ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। दरअसल, देश में नीट कैंसिल करने को लेकर लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में भी एग्जाम कैंसिल करने को लेकर याचिकाएं दायर की गई हैं।

इस बीच याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से रीनीट जैसा कोई भी फैसला न सुनाने की अपील की है। इन स्टूडेंट्स का कहना है कि ज्यादातर स्टूडेंट्स ने दो साल की कड़ी मेहनत और 100% लगन के साथ एग्जाम दिया था। दोषियों को कड़ी सजा हो, लेकिन एग्जाम कैंसिल न किया जाए।

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई 15 को

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने 4 जुलाई को नीट एग्जाम के रिजल्ट को कैंसिल करने और काउंसलिंग पर रोक लगाने वाली याचिका पर सुनवाई की। हालांकि, एग्जाम कैंसिल करने की याचिका को 15 जुलाई के लिए लिस्ट कर दिया गया है। जस्टिस दीपक सिब्बल और जस्टिस दीपक मनचंदा की बेंच ने कहा कि इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है।

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