–नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा से भी पूछताछ की तैयारी
इंट्रो
यूपी के हाथरस हादसे में सत्संग के दौरान हुई भगदड़ पर बड़ी कार्रवाई हुई है। यूपी पुलिस ने नारायण साकार उर्फ भोले बाबा के 6 करीबियों को गिरफ्तार किया है। इन्हीं लोगों ने सत्संग का आयोजन किया था। ये बाबा के सेवादार के रूप में काम करते थे। नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया गया है, हालांकि पुलिस का कहना है कि जांच के दौरान जरूरत पड़ी तो पूछताछ की जाएगी।
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हाथरस। उत्तर प्रदेश के हाथरस भगदड़ कांड के सिलसिले में अब तक छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मामले के मुख्य आरोपी तथा सेवादार पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया है। अलीगढ़ संभाग के पुलिस महानिरीक्षक शलभ माथुर ने यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि पिछले मंगलवार को हाथरस के सिकंदराराऊ क्षेत्र स्थित फुलरई गांव में आयोजित हरिनारायण साकार विश्वहरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत के मामले में अब तक दो महिला सेवादारों समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि मामले के प्रमुख अभियुक्त और मुख्य सेवादार देव प्रकाश मधुकर पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया है। उसके खिलाफ जल्द ही गैर जमानती वारंट भी जारी किया जाएगा। पुलिस महानिरीक्षक ने कहा, विवेचना में इस चीज को भी देखा जाएगा कि किसी व्यक्ति या संस्था द्वारा कोई आपराधिक षड्यंत्र तो नहीं किया गया था। भोले बाबा से पूछताछ या उसकी गिरफ्तारी की सम्भावना के बारे में पूछने पर माथुर ने कहा, आगे किसी की गिरफ्तारी होगी या नहीं, यह विवेचना पर निर्भर करेगा। जांच में आगे किसी की भूमिका निकलकर आयेगी तो कार्रवाई होगी। जरूरत पड़ेगी तो जरूर पूछताछ की जाएगी। उन्होंने बताया कि पकड़े गए लोगों में राम नरेते, उपेन्द्र सिंह यादव, नेक सिंह, मंजू यादव, मुकेश कुमार और मंजू देवी शामिल हैं। पूछताछ में इन लोगों ने बताया कि वे सभी सत्संग आयोजन समिति के सदस्य हैं। वे मुख्यत: सेवादार के रूप में काम करते हैं और अतीत में भी वह ऐसे कई आयोजन करा चुके हैं। वे बैरीकेडिंग करके भीड़ नियंत्रण, पंडाल व्यवस्था, बिजली आपूर्ति और सफाई की व्यवस्था कराते थे। माथुर ने बताया कि विवचेना के क्रम में अपर पुलिस महानिदेशक (आगरा) ने क्षेत्र के सभी जिलों में पुलिस को अभियुक्तों की गिरफ्तार के निर्देश दिये हैं। साथ ही जोन स्तर पर एक स्पेशल आपरेशन ग्रुप (एसओजी) का गठन हुआ है जो घटना में शामिल लोगों और संस्था के सेवादार अधिकारियों और पदाधिकारियों की भूमिका की जांच करेगा। उन्होंने बताया कि इसके अलावा रेंज स्तर की जितनी भी एसओजी टीम हैं उन्हें हाथरस के पुलिस अधीक्षक की मदद के लिये सम्बद्ध किया गया है।
गौरतलब है कि हाथरस जिले के फुलरई गांव में भोले बाबा द्वारा आयोजित सत्संग में मंगलवार को मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी तथा 31 अन्य घायल हो गए थे। पुलिस ने इस मामले में मंगलवार देर रात सिकंदराराऊ थाने में मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर और अन्य सेवादारों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या), 110 (गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास), 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 223 (लोक सेवक द्वारा जारी आदेश की अवज्ञा), 238 (साक्ष्यों को मिटाना) के तहत मुकदमा दर्ज किया था। राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिये एक न्यायिक आयोग गठित किया है।
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सभी मृतकों की हुई शिनाख्त
पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि भगदड़ में मारे गये सभी 121 लोगों की शिनाख्त हो चुकी है। इनमें हाथरस के 19, आगरा के 18, अलीगढ़ के 17, मथुरा के 11, कासगंज और एटा के 10-10 तथा बदायूं के छह लोगों के अलावा अन्य जिलों के लोग शामिल हैं। माथुर के मुताबिक बाबा के अनुयायियों ने बताया कि घटना के वक्त लोग भोले बाबा की ‘चरण रज’ लेने के लिये भीड़ उनकी गाड़ी के आसपास आयी तो सेवादारों ने भीड़ को रोका और जैसे ही बाबा का काफिला निकल गया तो सेवादारों ने भीड़ को चरण रज लेने के लिये अनियंत्रित छोड़ दिया। उन्होंने बताया कि इसके बाद महिलाएं और बच्चे एक-दूसरे पर गिरते गए। उन्होंने बताया कि घटना होते ही सेवादार मौके से फरार हो गए।
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ये है मुख्य आरोपी
अलीगढ़ रेंज के आईजी शलभ माथुर ने कहा कि गिरफ्तार किए गए सभी छह आरोपी ‘सत्संग’ में सेवादार के रूप में काम करते थे। मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर के खिलाफ जल्द 1 लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया है, उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सेवादार खुद ही भीड़ नियंत्रण का प्रयास करते हैं। किसी प्रकार की पुलिस और प्रशासनिक व्यवस्था की वे लोग किसी तरह की इजाजत नहीं देते हैं। हालांकि वहां पर पुलिस, पीएसी और यातायात पुलिस भी तैनात थी। माथुर ने कहा कि पुलिस के पास कई और भी जानकारियां आयी हैं। जैसे-जैसे विवेचना का सिलसिला आगे बढ़ेगा, उसी हिसाब से कार्रवाई की जाएगी।
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भगदड़ के बाद भाग गया था भोले बाबा
भगदड़ के समय का एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। 47 सेकंड के एक वीडियो क्लिप ने बाबा के झूठ पर से पर्दा हटा दिया है। वीडियो क्लिप में दिख रहा है कि बाबा अपने सुरक्षा बलों के भारी भरकम काफिले के साथ तेजी से फरार हो रहा है। बाबा सफेद रंग की कार में बैठा है और उसके आगे पीछे बाइक पर सवार ब्लैक कमांडो उसे एस्कॉर्ट कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि सड़क के किनारे ब्लैक कमाडों को हरकत में आते हुए देखा जा सकता है। उसके बाद बाबा भोले सफेद कार में वहां से काफिले के साथ फरार हो रहा है। बाबा के सत्संग स्थल छोड़ने की जो टाइम सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है, वह प्रत्यक्षदर्शियों द्वारा घटना के बारे में बताए गए समय से मेल खाती है। इससे पहले बुधवार को सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के वकील एपी सिंह ने दावा किया था कि बाबा के अनुयायी कभी भी उनके पैर नहीं छूते हैं।
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अभी भी अपनों की तलाश
भगदड़ के बाद कई लोग लापता हैं। उनको तलाशते लोग अस्पतालों और मुर्दाघर के चक्कर लगा रहे हैं। इनमें कासगंज के राकेश कुमार (46) भी हैं। वह कहते हैं कि अपनी 50 साल की बहन को ढूंढने के लिए मैं 100 से ज्यादा शवों को देख चुका हूं, लेकिन वह नहीं मिली। राकेश अपनी बहन हरबेजी देवी की तलाश में मोटरसाइकिल से हाथरस, एटा और अलीगढ़ के पोस्टमॉर्टम हाउस की खाक छानते फिर रहे हैं। राकेश बताते हैं की बहन हरबेजी सत्संग में गई थीं, लेकिन लौटी नहीं हैं। यह सुनते ही मैं मोटरसाइकिल से भगदड़ स्थल गया लेकिन बहन नहीं मिली। मुझे बताया गया कि कुछ शव हाथरस और अलीगढ़ भेजे गए हैं फिर मैं वहां गया। इमरजेंसी वार्ड देखें, हेल्पलाइन में कॉल की लेकिन हर प्रयास में नाकाम रहा।
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