‘भोले बाबा’ के सत्संग में भगदड़, 120 से अधिक की मौत

–हाथरस के पास सिकंदराराऊ कस्बे में हादसा, मृतकों में ज्यादातर बच्चे और महिलाएं


इंट्रो

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के सिकंदराराऊ कस्बे के फुलरई गांव में मंगलवार को बड़ा हादसा हो गया। यहां साकार हरि बाबा उर्फ भोले बाबा का सत्संग चल रहा था। सत्संग समाप्त होने के बाद यहां से जैसे भी भीड़ निकलना शुरू हुई तो भगदड़ मच गई। भगदड़ में अब तक 120 लोगों की मौत की खबर है। हादसे में मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। इस हादसे में 200 से अधिक लोग घायल हैं।

हाथरस/एटा। यह घटना पुलराई गांव में सत्संग में हुई, जिसमें शामिल होने के लिये बड़ी संख्या में लोग आए थे। हाथरस के जिलाधिकारी आशीष कुमार ने बताया कि इस घटना में अब तक 50 से 60 लोगों की मौत हो जाने की जानकारी है। हालांकि 120 से अधिक लोगों के मरने की खबर है। जिलाधिकारी ने बताया कि हाथरस के सिकंदराराऊ में ‘भोले बाबा’ का समागम हो रहा था और जब समागम का अंत हो रहा था तब उमस काफी थी, ऐसे में लोगों के बाहर निकलते समय भगदड़ मच गई। मरने वालों की संख्या पूछे जाने पर जिलाधिकारी कुमार ने कहा कि अभी घायलों को अस्पताल भेजा जा रहा है और प्रशासन की प्राथमिकता घायलों का समुचित उपचार कराना और मृतकों के परिवारों को प्रशासनिक सहायता पहुंचाना है। कुमार से जब पूछा गया कि सत्संग की अनुमति किसने दी तो उन्होंने कहा कि इसकी अनुमति एसडीएम साहब द्वारा दी गयी थी और यह निजी आयोजन था जिसमें सुरक्षा और कानून-व्यवस्था के लिए सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी लगायी गयी थी लेकिन अंदर की व्यवस्था उनके द्वारा (आयोजकों) की जानी थी। उन्होंने कहा कि इस संबंध मे उच्च स्तर पर एक जांच समिति गठित की गयी है और जांच में सब चीजें स्पष्ट हो जाएंगी। इसके पहले एटा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सिंह ने संवाददाताओं से कहा था, एटा अस्पताल में 27 शव लाए गए हैं। मरने वालों में 23 महिलाएं, तीन बच्चे और एक पुरुष शामिल हैं। इस बीच, कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने एटा के एक अस्पताल में 60 से अधिक शव लाए जाने का दावा किया है। पीड़ितों को मृत अवस्था में या बेहोशी की हालत में ट्रकों तथा अन्य वाहनों से सिकंदराराऊ ट्रामा सेंटर लाया गया। शवों को स्वास्थ्य केंद्र के बाहर रखा गया, जहां लोगों की भारी भीड़ एकत्र हो गई। एक वीडियो क्लिप में एक महिला को ट्रक में पांच छह शवों के बीच बुरी तरह रोते हुए दिखाया गया है। एक अन्य तस्वीर में एक वाहन में एक महिला और एक पुरुष अचेत अवस्था में लेटे नजर आए।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भगदड़ की घटना में लोगों की हुई मौत को ‘हृदय विदारक’ बताया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक सत्संग समारोह के दौरान भगदड़ मचने की घटना में लोगों की मौत पर दुख जताते हुए पीड़ितों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा के जवाब के दौरान कहा, चर्चा के बीच मुझे अभी एक दुखद खबर दी गई है। हाथरस में हुई भगदड़ को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि यह जानकारी हमें तब मिली जब हम संसद में थे, सवाल यह है कि जब ऐसी घटना हुई तो सरकार क्या कर रही थी? इतने सारे लोगों की जान चली गई है। यह दुखद है कि अगर सरकार को पता था कि किसी कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग जुटेंगे, तो उन्होंने उनकी सुरक्षा के लिए क्या किया?

हेल्पलाइन नंबर

हाथरस के जिला प्रशासन ने घटना की स्थिति को ध्यान में रखते हुए आम लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर 05722227041 तथा 05722227042 जारी किए हैं।

शवों की जा रही पहचान

एटा के एसएसपी राजेश कुमार सिंह का कहना है कि हाथरस जिले के मुगलगढ़ी गांव में एक धार्मिक कार्यक्रम चल रहा था, तभी भगदड़ मच गई। एटा अस्पताल में कई लोगों के शव पहुंच चुके हैं, जिनमें महिलाएं, बच्चे और व्यक्ति के शव शामिल हैं। इन सभी शवों की पहचान की जा रही है। इस घटना के कारणों की जांच के लिए एडीजी आगरा और अलीगढ़ कमिश्नर की एक टीम गठित की गई है।

जांच के लिए गठित की गई टीम

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने संबंधित अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्यों के युद्ध स्तर पर संचालन और घायलों के समुचित उपचार हेतु निर्देश दिए हैं। घटना के कारणों की जांच के लिए एडीजी आगरा और अलीगढ़ कमिश्नर की एक टीम गठित की गई है।


मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख की आर्थिक मदद

मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख तथा घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता देने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए हैं। कार्यक्रम आयोजकों के विरुद्ध एफआईआर होगी। शासन बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है।

लाशों को देख पुलिसकर्मी को हार्ट अटैक, मौत

एटा में मेडिकल कॉलेज में लाशों का ढेर देखकर ड्यूटी पर तैनात सिपाही को हार्ट अटैक आ गया। इससे उसकी मौत हो गई। वह क्यीआरटी अवागढ़ में तैनात था। उसे मेडिकल कॉलेज आपात ड्यूटी पर बुलाया गया। इतनी लाशें देखकर वह बर्दाश्त न कर सका। उसे हार्ट अटैक आ गया। सिपाही मूल रूप से अलीगढ़ जिले के बन्ना देवी थाना क्षेत्र के सिद्धार्थनगर का रहने वाला था।

पीएम बोले- केंद्र लगातार राज्य सरकार के संपर्क में

पीएम मोदी ने हादसे पर कहा है कि यूपी के हाथरस में जो भगदड़ हुई, उसमें अनेकों लोगों की मृत्यु की खबर आ रही है। जिन लोगों की जान गई है, मैं उन लोगों के लिए संवेदना व्यक्त करता हूं। मैं सभी लोगों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। केंद्र लगातार राज्य सरकार के संपर्क में है। मैं भरोसा देता हूं कि पीड़ितों की हर तरह से मदद की जाएगी।

आंखों देखी

भगदड़ के बाद गिरते गए महिलाएं और बच्चे

प्रत्यक्षदर्शी शकुंतला देवी ने बताया कि सत्संग खत्म होने के बाद लोग जब आयोजन स्थल से निकल रहे थे, तो उसी समय भगदड़ मची। उन्होंने बताया कि लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरते चले गए। निकलने की जल्दी में भगदड़ मच गई। लोग एक दूसरे को देख ही नहीं रहे थे। महिलाएं और बच्चे गिरते चले गए। भीड़ उनके ऊपर से दौड़ रही थी। कोई बचाने वाला नहीं था। चारों ओर चीख पुकार मची हुई थी। महीने की शुरुआत के पहले मंगलवार को सत्संग होता है। इस सत्संग में राजस्थान, मध्यप्रदेश, हरियाणा सहित कई राज्यों के लोग आए थे। भीड़ का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वाहनों की संख्या तीन किलोमीटर तक फैली हुई थी।

कौन है साकार हरि बाबा उर्फ भोले बाबा

साकार हरि बाबा उर्फ भोले बाबा का असली नाम सूरज पाल सिंह है। बाबा कासगंज के पटयाली का रहने वाला है। करीब 17 साल पहले पुलिस कांस्टेबल की नौकरी छोड़कर सत्संग करने लगे। नौकरी छोड़ने के बाद सूरज पाल नाम बदलकर साकार हरि बन गया। अनुयायी उसे भोले बाबा कहते हैं। कहा जाता है कि गरीब और वंचित तबके के लोगों के बीच में इनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी। कुछ समय में लाखों की संख्या में अनुयायियों बन गए। उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश और राजस्थान में अनुयायी फैले हैं। बाबा के बारे में कुछ लोग कहते हैं कि ये यूपी पुलिस में दरोगा हुआ करते थे। कुछ इन्हें आईबी से जुड़ा भी बताते हैं। इसीलिए बताया जाता है कि बाबा पुलिस के तौर-तरीकों से परिचत हैं। वर्दी धारी स्वयंसेकों की लंबी-चौड़ी फौज खड़ी करने में यह काफी मददगार साबित हुआ। बाबा आम साधु-संतों की तरह गेरुआ वस्त्र नहीं पहनता। बहुधा वह महंगे गॉगल, सफेद पैंटशर्ट पहनता है। अपने प्रवचनों में बाबा पाखंड का विरोध भी करते हैं। चूंकि बाबा के शिष्यों में बड़ी संख्या में समाज के हाशिए वाले, गरीब, दलित, दबे-कुचले लोग शामिल हैं। उन्हें बाबा का पहनावा और यह रूप बड़ा लुभाता है। भोले बाबा का आश्रम कासगंज जिले के पटियाली तहसील क्षेत्र के बहादुरनगर गांव में मौजूद है। यह उनका पैतृक गांव भी है। भोलेबाबा का बहादुर नगर में बड़ा आश्रम बना है। इस आश्रम में पहले सप्ताह के प्रत्येक मंगलवार को सत्संग होता था, लेकिन कुछ वर्ष पहले से यह परंपरा टूटी है।

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