- सामने आया मणिपुर हिंसा का खालिस्तान कनेक्शन!
ब्रिटेन का प्रोफेसर उकसा रहा लोगों को, शिकायत दर्ज
- कनाडा में खालिस्तानी तत्वों से जुड़ा हो सकता है आरोपी
(फोटो : मणिपुर)
नई दिल्ली। हिंसाग्रस्त मणिपुर में शांति स्थापित करने को लेकर राज्य में आये दिन रैलियां आयोजित की जाती है। इस बीच मणिपुर हिंसा का इंटरनेशनल कनेक्शन सामने आया है। इंफाल के एक पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई, जिसमें ब्रिटेन के एक यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले भारतीय मूल के प्रोफेसर पर ऑनलाइन मैसेज और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर में लोगों को कथित तौर पर उकसाने का आरोप लगाया गया है। एक टीवी चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस शिकायत में आरोप लगाया गया कि आरोपी कनाडा में खालिस्तानी तत्वों से जुड़ा हो सकता है। एक स्थानीय निवासी की ओर से दायर एफआईआर में कहा गया, “आरोपी व्यक्ति ने जानबूझकर गलत इरादे से मैतेई की धार्मिक मान्यताओं का अपमान किया और धार्मिक आधर पर मैतेई और अन्य समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा दिया।
ग्रुप ऑडियो कॉल ट्रेनिंग देने का आरोप
रिपोर्ट के अनुसार आरोपी की पहचान बर्मिंघम यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस के फ्रोफेसर उदय रेड्डी के रूप में की गई। आरोप के अनुसार वह मणिपुर में धार्मिक आधार पर समुदायों के बीच तनाव पैदा करने के लिए ऑनलाइन काम कर रहा है फ्रोफेसर उदय रेड्डी की ओर से इस मामले को लेकर अभी तक कोई बयान नहीं आया है। पुलिस के अनुसार शिकायतकर्ता ने उन्हें बताया कि प्रोफेसर उदय रेड्डी सोशल मीडिया पर ग्रुप ऑडियो कॉल होस्ट करता है और मणिपुर में लोगों को निर्देश देता है कि राज्य में कानून व्यवस्था कैसे खराब किया जाए.
यूएपीए एक्ट के तहत कार्रवाई की मांग
शिकायतकर्ता ने अपने एफआईआर में कहा, आरोपी व्यक्ति और उसके सहयोगियों की गैरकानूनी गतिविधियां राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों के बराबर है, जो देश की अखंडता और संप्रभुता को चुनौती देने जैसा है। आरोपी पर यूएपीए (यूएपीए) एक्ट के तहत कार्रवाई होनी चाहिए. आरोपियों के कनाडा में खालिस्तानियों और नार्को-आतंकवादी ग्रुप से साथ जुड़े होने की अधिक संभावना है।
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रियासी आतंकी हमला : एनआईए ने पांच लोकेशन पर की छापेमारी
रियासी आतंकवादी हमले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने रविवार को जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले में छापेमारी की है। एनआईए ने मामले की जांच 15 जून को अपने हाथ में ली थी। इसी मामले की जांच के दरमियान एजेंसी ने हाइब्रिड आतंकियों और ओवरग्राउंड वर्कर्स से जुड़े पांच स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया। इसी महीने की शुरुआत में 9 जून को रियासी जिले के पौनी इलाके में एक बस पर आतंकियों ने हमला किया था। बस शिव खोरी से कटरा जा रही थी, जब आतंकियों ने गोलीबारी की थी। हमले के बाद बस खाई में जा गिरी थी, जिसमें एक बच्चे समेत 9 लोगों की मौत हो गई थी।
6000 रुपये के बदले आतंकियों को किया सपोर्ट
गृह मंत्रालय के आदेश पर बस पर हुए आतंकी हमले की जांच एनआईए ने शुरू की थी। गिरफ्तार आरोपी हाकम खान उर्फ हाकिन दीन ने इन स्थानों की ओर इशारा किया था। एनआईए की जांच के मुताबिक, हाकम ने आतंकियों को सुरक्षित आश्रय, रसद और भोजन उपलब्ध कराया था। मामले में एनआईए जांच के हिस्से के रूप में की गई तलाशी में आतंकवादियों और ओजीडब्ल्यू के बीच संबंधों को दर्शाने वाली कई चीजें जब्त की गईं। जांच के दौरान पूछताछ में हाकिन दीन ने बताया कि तीन आतंकवादी उसके घर पर ठहरे हुए थे। उसने बताया कि आतंकवादियों ने उसे 6,000 रुपये दिए थे, जो उससे बरामद कर लिए गए हैं।
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