इस बार लोकसभा में 281 सांसद चुनकर आए हैं पहली बार

-17वीं लोकसभा यानी पिछली बार यह संख्या थी 267

  • सोमवार से शुरू हो गया है 18वीं लोकसभा का पहला सत्र

-मौजूदा लोकसभा में 78 फीसदी नवनिर्वाचित सांसद हैं अंडरग्रेजुएट

नई दिल्ली। 18वीं लोकसभा का पहला सत्र सोमवार से शुरू हो गया है। इस लोकसभा में 78 फीसदी नवनिर्वाचित सांसदों ने अंडरग्रेजुएट शिक्षा पूरी की है। जबकि 22 फीसदी सांसद ऐसे हैं, जिन्होंने कॉलेज की पढ़ाई नहीं की। पिछली लोकसभा में ऐसे सांसदों की संख्या 27 फीसदी थी। यानी कॉलेज में पढ़े सांसदों की संख्या इस बार बढ़ी है। जहां तक पेशे का सवाल है 48 फीसदी सांसद सामाजिक कार्यकर्ता, 37 फीसदी कृषि, 32 फीसदी कारोबार और व्यवसाय, सात फीसदी कानूनविद और जज, चार फीसदी मेडिकल व पैरामेडिकल, तीन फीसदी कलर एवं मनोरंजन तथा दो फीसदी सेवानिवृत्त सरकारी कार्मिक हैं।

लोकसभा में चार सबसे बड़े दल कौन हैं?

18वीं लोकसभा में 240 सीटों के साथ भाजपा सबसे बड़ा दल है। जबकि 98 सीटों के साथ कांग्रेस दूसरी बड़ी पार्टी, 37 सीटों के साथ सपा तीसरी और 29 सीटों वाली तृणमूल कांग्रेस चौथी बड़ी पार्टी है।

50-60 आयु वर्ग के सबसे अधिक सदस्य

लोकसभा के सांसदों के उम्र को देखें तो सबसे ज्यादा 166 सांसद 50-60 आयु वर्ग के हैं। जबकि 60-70 आयु वर्ग में 161, 40-50 में 110, 70-80 वर्ग में 52, 30-40 आयु वर्ग में 45, 20-30 में सात तथा 80+ में एक सांसद हैं। 64 फीसदी यानी 346 सांसद राष्ट्रीय दलों से चुनाव जीतकर आए हैं। राज्य स्तर के दलों के 179 सांसद चुनकर आए हैं 11 सांसद गैर मान्यता प्राप्त दलों के हैं तथा सात निर्दलीय हैं।

281 सांसद पहली बार चुनकर आए

इस बार लोकसभा चुनाव में 281 सांसद (52 फीसदी) ऐसे हैं, जो पहली बार चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं। 17वीं लोकसभा में यह संख्या 267 थी, लेकिन 2014 में 16वीं लोकसभा के लिए रिकॉर्ड 314 सांसद पहली बार जीतकर सदन पहुंचे थे। दो सांसद आठवीं बार सदन पहुंचे। 18वीं लोकसभा में दो टर्म वाले 114, तीन टर्म वाले 74, चार टर्म वाले 35, पांच टर्म वाले 19, छह टर्म वाले 10, सात टर्म वाले सात एवं आठ टर्म वाले दो सांसद चुनकर आए हैं।

56 साल हुई नई लोकसभा की औसत आयु

नई लोकसभा में सबसे बड़ा बदलाव यह है कि इस बार कम उम्र के सांसदों की संख्या बढ़ी है। पिछली बार लोकसभा की औसत आयु 59 साल रही थी, जो इस बार थोड़ी घटकर 56 साल हो गई है। जाहिर है कि ज्यादातर दलों ने कम उम्र के उम्मीदवारों को मैदान में उतारा।

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राष्ट्रपति मुर्मू द्वारा नियुक्त प्रोटेम स्पीकर

कटक के सांसद भर्तृहरि महताब लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर हैं। वे सात बार सांसद रह चुके हैं, जो उन्हें मौजूदा लोकसभा में सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले सांसदों में से एक बनाता है। 66 वर्षीय सिंह 1998 से संसद में कटक का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उन्हें सदन चलाने का अनुभव है, क्योंकि पिछली लोकसभा में वे सभापति के पैनल में शामिल थे। ओडिशा के पहले मुख्यमंत्री हरेकृष्ण महताब के बेटे भर्तृहरि ने हाल के वर्षों में पार्टी की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताते हुए लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बीजू जनता दल (बीजद) से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद वह भाजपा में शामिल हो गये , जिसने उन्हें कटक सीट से अपना उम्मीदवार बनाया। इससे पहले वह 2014 से 2019 तक लोकसभा में बीजद के नेता के रूप में कार्यरत थे। मार्च में उन्होंने बीजद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके कुछ दिन बाद ही ओडिशा की एक विशेष अदालत ने 2011 में एक पुलिस उपनिरीक्षक पर हमले के 13 साल पुराने मामले में उनके खिलाफ आरोप तय किये थे। भर्तृहरि अपने पिता द्वारा स्थापित ओडिया दैनिक ‘प्रजातंत्र’ के मालिक और संपादक हैं।

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