–18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से 3 जुलाई तक, 10 दिनों में होगी 8 बैठकें
—
खास बातें
00 प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने नए सांसदों को दिलाई शपथ
00 पीएम मोदी के शपथ में सत्तापक्ष ने लगाए जयश्रीराम के नारे
इंट्रो
18वीं लोकसभा का पहला सत्र सोमवार को शुरू हो गया। पहले दिन नए सांसदों ने शपथ ली। इस शपथ ग्रहण में सांसद अपने सांस्कृतिक रंगों में रंगे दिखाई दिए और भाषा की भी विविधता नजर आई। चुने गए सांसदों में से किसी ने संस्कृत में शपथ ली तो किसी ने डोगरी, बंगाली, असमिया और उड़िया भाषा का इस्तेमाल किया। पीएम मोदी ने जब शपथ ली तो सत्तापक्ष ने जय श्री राम के नारे लगाए, वहीं राहुल गांधी और अन्य विपक्षी सदस्य संविधान लहराते रहे।
—
नई दिल्ली। अठारहवीं लोकसभा के पहले सत्र के दौरान प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने सदन की कार्यवाही शुरू कराई और सदस्यों को शपथ दिलाई। प्रधानमंत्री मोदी हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव के बाद लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटे हैं। कार्यवाही शुरू होते ही सदन के नेता होने के नाते मोदी ने सबसे पहले शपथ ली। इस दौरान सत्ता पक्ष के सदस्यों ने ‘मोदी मोदी’ और ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए। प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण करते समय कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत विपक्षी सदस्य अपने स्थानों पर संविधान की प्रति लेकर खड़े थे। जब गृह मंत्री अमित शाह शपथ लेने आए तब भी विपक्षी सदस्यों ने संविधान की प्रति अपने हाथ में ले रखी थी, हालांकि इस दौरान वे अपने स्थानों पर बैठे हुए थे। सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले महताब ने राष्ट्रपति भवन में सदन के सदस्य और कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में शपथ ली थी। उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शपथ दिलाई। प्रधानमंत्री मोदी के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ सदस्य राधा मोहन सिंह और फग्गन सिंह कुलस्ते ने सदस्य के रूप में शपथ ली। दोनों सदस्य अगले दो दिन सदन की कार्यवाही के संचालन में कार्यवाहक अध्यक्ष महताब की सहायता करेंगे। कांग्रेस सदस्य के. सुरेश, द्रमुक के टी आर बालू और तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय को भी सिंह और कुलस्ते के साथ पीठासीन सभापतियों के पैनल में चुना गया है लेकिन उन्होंने शपथ नहीं ली। कांग्रेस ने प्रोटेम स्पीकर के रूप में महताब के निर्वाचन पर आपत्ति जताई है। विपक्षी दल का कहना है कि इस पद पर निर्वाचन के लिए उसके आठ बार के सदस्य सुरेश की अनदेखी की गई है। विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) का कहना है कि उसके सदस्य सुरेश, बालू और बंदोपाध्याय विरोध स्वरूप पैनल में शामिल नहीं होंगे। शपथ ग्रहण के क्रम में कैबिनेट मंत्रियों राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, शिवराज सिंह चौहान, मनोहर लाल खट्टर, एच डी कुमारस्वामी, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, जीतन राम माझी और राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह समेत अन्य ने सदन की सदस्यता ग्रहण की। कुमारस्वामी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सहयोगी दल जनता दल-सेक्यूलर के सदस्य हैं, वहीं माझी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा तथा ललन सिंह जनता दल (यूनाइटेड) के सदस्य हैं। अन्य कैबिनेट मंत्रियों, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और राज्य मंत्रियों ने भी लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ ली। मंत्रिमंडल में विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा तथा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी राज्यसभा के सदस्य हैं, वहीं राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन और रवनीत सिंह अभी किसी सदन के सदस्य नहीं हैं। नागर विमानन मंत्री तथा तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के सदस्य राममोहन नायडू और भाजपा सांसद एवं कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी ने तेलुगू भाषा में, कुमारस्वामी और प्रह्लाद जोशी ने कन्नड में, जुएल ओरांव और धर्मेंद्र प्रधान ने ओडिया में, सी आर पाटिल ने गुजराती में और सर्वानंद सोनोवाल ने असमिया भाषा में शपथ ग्रहण की। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही महताब ने कांग्रेस सदस्य राहुल गांधी के वायनाड संसदीय क्षेत्र से इस्तीफे को 18 जून के प्रभाव से स्वीकार किए जाने की जानकारी दी। महाराष्ट्र से लोकसभा के सदस्य निर्वाचित हुए राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव एवं राज्य मंत्रियों रक्षा खडसे तथा मुरलीधर मोहोल ने मराठी भाषा में शपथ ली। कर्नाटक से निचले सदन की सदस्य निर्वाचित हुईं शोभा करंदलाजे और वी सोमन्ना ने कन्नड़ में शपथ ग्रहण की। राज्य मंत्रियों चंद्रशेखर पेम्मासानी, बंडी संजय कुमार और भूपति राजू ने तेलुगू में शपथ ली। शांतनु ठाकुर और सुकांतो मजूमदार ने बांग्ला में तथा सुरेश गोपी ने मलयालम में शपथ ली। गोवा से भाजपा के सदस्य तथा विद्युत राज्य मंत्री श्रीपाद येसो नाइक और मध्य प्रदेश के बैतूल से सदस्य निर्वाचित हुए केंद्रीय आदिवासी कार्य राज्य मंत्री दुर्गादास उइके ने संस्कृत भाषा में शपथ ली। अन्य सभी मंत्रियों ने हिंदी भाषा में शपथ ली और किसी भी मंत्री ने अंग्रेजी में शपथ ग्रहण नहीं की। मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण करने के बाद विभिन्न राज्यों के नव निर्वाचित लोकसभा सदस्यों ने शपथ ली। सबसे पहले अंडमान निकोबार संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित हुए बिष्णु पद राय ने शपथ ग्रहण की।
—
विपक्षी गठबंधन ने लहराई संविधान की प्रतियां
लोकसभा सांसद के रूप में जब पीएम मोदी का शपथ के लिए नाम पुकारा गया तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हाथ में लाल रंग की संविधान की मिनी-कॉपी थी। राहुल और अन्य विपक्षी सदस्य तब तक संविधान लहराते रहे जब तक मोदी ने शपथ नहीं ले ली। विपक्षी गठबंधन इंडिया के सांसद विरोध दर्ज कराने के लिए संविधान की प्रतियां लेकर पहुंचे थे। इससे पहले विपक्षी सांसदों ने संसद के बाहर भी विरोध प्रदर्शन किया था। अपनी कुर्सी से उठे और स्पीकर की कुर्सी के बगल में बनी जगह की ओर बढ़े तो कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी को संविधान की प्रति दिखाई।
—
कौन किस जगह पर बैठा
अब संसद में बैठने की बात की जाए तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी, तृणमूल नेता कल्याण बनर्जी और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और अवधेश प्रसाद विपक्षी बेंच में पहली लाइन में बैठे हुए दिखाई दिए। वहीं, भाजपा की नेता और मंडी से सांसद कंगना रनौत आठवी लाइन में बैठीं। रामायण सीरियल में राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल नौंवी लाइन में बैठे। बीजेपी के नेता और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला तीसरी लाइन में बैठे हुए दिखाई दिए।
—
भाजपा ने नड्डा को राज्यसभा में सदन का नेता चुना
भाजपा अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा को राज्यसभा में सदन का नेता नियुक्त किया गया है। नड्डा ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की जगह ली है। गोयल ने हाल ही में लोकसभा चुनाव जीता है और सोमवार को निचले सदन यानी लोकसभा के सदस्य के रूप में शपथ ली। नड्डा के पास केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और उर्वरक तथा रसायन मंत्रालय की भी जिम्मेदारी है।
—
मोदी बोले- 25 जून को 50 वर्ष पहले संविधान पर एक काला धब्बा लगा था
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद भवन के समक्ष मीडिया को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने अपने वक्तव्य का आरंभ करते हुए कहा कि आज का दिन संसदीय लोकतंत्र के लिए गौरव का दिन है, गर्व करने का दिन है क्योंकि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद पहली बार शपथ ग्रहण समारोह नई संसद में होगा। प्रधानमंत्री ने कहा, इस महत्वपूर्ण दिन पर मैं सभी नवनिर्वाचित सांसदों का हार्दिक स्वागत करता हूं और सभी को बधाई देता हूं। प्रधानमंत्री ने कल यानी 25 जून को आपातकाल के 50 साल पूरे होने का उल्लेख करते हुए कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र पर एक काला धब्बा है। मोदी ने कहा कि भारत की नई पीढ़ी उस दिन को कभी नहीं भूलेगी जब लोकतंत्र को कुचलकर भारत के संविधान को पूरी तरह से नकार दिया गया था और देश को जेलखाने में बदल दिया गया था। प्रधानमंत्री मोदी ने नागरिकों से भारत के लोकतंत्र और लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा का संकल्प लेने का आह्वान किया ताकि ऐसी घटना फिर कभी न हो। प्रधानमंत्री ने कहा, हम एक जीवंत लोकतंत्र का संकल्प लेंगे और भारत के संविधान के अनुसार आम नागरिकों के सपनों को पूरा करेंगे। प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि सरकार की जिम्मेदारी तीन गुना बढ़ गई है क्योंकि लोगों ने तीसरी बार सरकार चुनी है। उन्होंने नागरिकों को विश्वास दिलाया कि सरकार पहले से तीन गुना अधिक श्रम करेगी और तीन गुना बेहतर परिणाम भी लाएगी।
–
खड़गे बोले- पीएम 10 वर्षों के ‘अघोषित आपातकाल’ को भूल गए
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने 50 साल पहले के आपातकाल का जिक्र किया, लेकिन पिछले 10 वर्षों के उस ‘अघोषित आपातकाल’ को भूल गए जिसका जनता ने इस लोकसभा चुनाव में अंत कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि देश को उम्मीद थी कि संसद सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री नीट एवं अन्य परीक्षओं में ‘पेपर लीक’ जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर बोलेंगे, लेकिन उन्होंने मौन साध लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने आपातकाल को लोकतंत्र पर लगा ‘काला धब्बा’ करार देते हुए सोमवार को कहा कि इसकी 50वीं बरसी के मौके पर देशवासी यह संकल्प लें कि भारत में फिर कभी कोई ऐसा कदम उठाने की हिम्मत नहीं करे।
000

