योग वैश्विक भलाई का एक शक्तिशाली माध्यम : मोदी

श्रीनगर। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर पूरी दुनिया में धरती से लेकर आसमां तक योग किया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्रीनगर में डल झील के पास योग किया। योग के बाद मोदी ने कहा कि दुनिया आज योग को वैश्विक भलाई के एक शक्तिशाली माध्यम के रूप में देखती है क्योंकि यह लोगों को अतीत का बोझ उठाए बिना वर्तमान में जीने में मदद करता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि योग जम्मू एवं कश्मीर में पर्यटन के लिए बड़े आकर्षण का केंद्र बन सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा योग स्व के लिए जितना जरूरी है, जितना उपयोगी है, जितनी ताकत देता है, उसका विस्‍तार समाज को भी फायदा करता है और जब समाज को लाभ होता है तो समस्त मानव जाति को लाभ होता है, विश्‍व के हर कोने में लाभ होता है।

मोदी ने कार्यक्रम के दौरान ली सेल्फी

मोदी ने कार्यक्रम के बाद डल झील के किनारे समारोह में शामिल होने आई छात्राओं के साथ तस्वीरें भी खिंचवाई। उन्होंने ‘एक्स’ पर इसकी तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, ‘‘श्रीनगर में योग के बाद सेल्फी! यहां डल झील में अद्वितीय जीवंतता। उन्होंने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर मुझे योग और साधना की भूमि कश्मीर में आने का सौभाग्य मिला है। मैं देश और दुनिया के कोने-कोने में योग कर रहे लोगों को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की बधाई देता हूं।

योग विधा नहीं, विज्ञान भी : पीएम

पीएम मोदी ने कहा कि योग केवल एक विधा नहीं, बल्कि विज्ञान भी है और यह समाज में सकारात्मक बदलाव के नए रास्ते बना रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘ध्‍यान योग का हिस्‍सा है लेकिन जब इसकी बात होती है तो बहुत लोगों को लगता है कि यह एक आध्यात्मिक यात्रा है…अल्‍लाह को प्राप्‍त करने का या ईश्‍वर को प्राप्‍त करने या गॉड को प्राप्‍त करने का, उससे साक्षात्‍कार करने का ये कार्यक्रम है…आध्यात्मिक यात्रा को अभी छोड़ दीजिए, उसका जब समय आएगा तब कर लेना।” उन्होंने कहा कि योग ने लोगों को यह महसूस कराने में मदद की है कि उनका कल्याण उनके आसपास की दुनिया के कल्याण से जुड़ा हुआ है।

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