नीट पर कोहराम, छात्रों का फूटा गुस्सा, सियासत भी गरमाई

—-नीट और नेट को लेकर दिल्ली-लखनऊ समेत देश के कई शहरों में प्रदर्शन

खास बातें

00 नीट परीक्षा रद्द करने संबंधी याचिकाओं पर केंद्र, एनटीए को नोटिस

00 सुप्रीम कोर्ट ने नीट मामले पर हाईकोर्ट में सुनवाई पर लगाई रोक


इंट्रो

नीट और यूजीसी-नेट को लेकर छात्राें में गुस्सा है। पेपर लीक को लेकर देश के कई शहरों में प्रदर्शन हो रहे हैं। गुरुवार को दिल्ली में शिक्षा मंत्रालय और लखनऊ में यूनिवर्सिटी के बाहर छात्रों ने प्रदर्शन किया। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने नीट परीक्षा रद्द करने की याचिका पर केंद्र और एनटीए से जवाब मांगा है, वहीं हाईकोर्ट में सुनवाई पर रोक लगा दी है। इधर, कांग्रेस के आरोप पर केंद्र सरकार ने जवाब दिया है।


नई दिल्ली। देशभर में विरोध प्रदर्शन का दौर चल रहा है, सड़कों पर छात्रों का गुस्सा दिखाई पड़ रहा है। परीक्षा को रद्द करके उसे फिर से कराए जाने की मांग हो रही है। यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द करने और एनईईटी में अनियमितताओं के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे विभिन्न विश्वविद्यालयों और छात्र संगठनों के दो दर्जन से अधिक छात्रों को पुलिस ने हिरासत में लिया। छात्रों को शिक्षा मंत्रालय के साथ-साथ मध्य दिल्ली में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के आवास के बाहर से हिरासत में लिया गया।

स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई), ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (एआईएसए), डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फ्रंट (डीएसएफ), क्रांतिकारी युवा संगठन (केवाईएस) और एनएसयूआई के सदस्यों सहित बड़ी संख्या में छात्र विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।

छात्र शिक्षा मंत्रालय और धर्मेंद्र प्रधान के आवास के बाहर एकत्र हुए और परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) पर प्रतिबंध लगाने और कथित पेपर लीक की जांच करने की मांग कर रहे थे। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बुधवार देर रात यूजीसी-नेट को रद्द करने का आदेश दिया था।

जेएनयू की एआईएसए इकाई ने एक बयान में कहा कि पेपर लीक होने के कारण यूजीसी नेट परीक्षा रद्द कर दी गई है। एनटीए ने छात्रों को बार-बार फेल किया है। हम एनटीए को पूरी तरह से खत्म करने की मांग करते हैं। छात्र संगठनों ने आरोप लगाया कि विरोध प्रदर्शन में शामिल होने वाले छात्रों के साथ पुलिस ने दुर्व्यवहार किया। एसएफआई ने कहा कि महिला छात्रों के साथ बदतमीजी की गई।

डीएसएफ ने कहा कि छात्रों की चिंताओं को दूर करने और एनटीए को जवाबदेह ठहराने के बजाए, दिल्ली पुलिस ने क्रूरतापूर्वक हमला किया और विरोध स्थल से जेएनयूएसयू प्रतिनिधियों सहित कई छात्रों को हिरासत में ले लिया। विरोध प्रदर्शन के दौरान एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने नकली नोटों से भरा बैग हवा में उड़ाया और मामले की तत्काल जांच की मांग की। छात्र संगठनों ने परीक्षा में कथित भ्रष्टाचार को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के इस्तीफे की भी मांग की।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र-एनटीए से मांगा जवाब

इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी), 2024 को रद्द करने और मेडिकल प्रवेश परीक्षा में कथित अनियमितताओं की अदालत की निगरानी में जांच का अनुरोध करने संबंधी याचिकाओं पर गुरुवार को केंद्र, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी और अन्य से जवाब मांगा। शीर्ष अदालत ने देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों के समक्ष नीट 2024 परीक्षा से संबंधित कुछ लंबित याचिकाओं पर आगे की कार्यवाही पर भी रोक लगा दी। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की अवकाशकालीन पीठ ने एनटीए की चार अलग-अलग याचिकाओं पर संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इनमें उच्च न्यायालयों में लंबित याचिकाओं को शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया गया है।

उच्च स्तरीय समिति करेगी जांच

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि हम बिना किसी गड़बड़ी के परीक्षा आयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम एनटीए की कार्यप्रणाली में सुधार के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन करने जा रहे हैं। उच्च स्तरीय समिति एनटीए की संरचना, कार्यप्रणाली, परीक्षा प्रक्रिया, पारदर्शिता और डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल को और बेहतर बनाने की सिफारिश करेगी।

क्या है मामला

एनटीए के इतिहास में अभूतपूर्व रूप से 67 छात्रों ने 720 अंक प्राप्त किए, जिनमें हरियाणा के फरीदाबाद के एक ही केंद्र के छह छात्र शामिल हैं। इसके बाद परीक्षा को लेकर संदेह पैदा हो गया। दिल्ली में 10 जून को बड़ी संख्या में छात्रों ने प्रदर्शन किया और कथित धांधली की जांच की मांग की। आरोप हैं कि कृपांक की वजह से 67 छात्र परीक्षा में अव्वल आए। नीट-यूजी परीक्षा का आयोजन एनटीए द्वारा देशभर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए किया जाता है।

राहुल बोले- मोदी सरकार पेपर लीक नहीं रोक पा रही

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को यूजीसी नीट यूजी परीक्षा में पेपर लीक के मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोला और पीएम मोदी पर भी निशाना साधा। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, सभी शिक्षण संस्थानों को भाजपा के लोगों ने कैप्चर कर रखा है। जब तक इन्हें मुक्त नहीं कराया जाएगा, तब तक यह चलता रहेगा। राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, पीएम मोदी इस लीक को रोक नहीं पाए। एक परीक्षा में गड़बड़ियों के बाद आप रद्द कर चुके हैं, पता नहीं दूसरे को रद्द किया जाएगा या नहीं, लेकिन कोई न कोई तो इसके लिए जिम्मेदार है। इसके लिए किसनी न किसी को तो पकड़ा जाना चाहिए।

धमेंद्र प्रधान बोले-

दोषियों को नहीं बख्शा जाएगाः प्रधान

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि मैं सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सरकार छात्रों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। हम पारदर्शिता से कोई समझौता नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि नीट के दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि नीट परीक्षा के संदर्भ में हम बिहार सरकार के संपर्क में हैं। हमें पटना से कुछ सूचनाएं मिल रही हैं। पुलिस जांच कर रही है और उनकी ओर से एक विस्तृत रिपोर्ट पेश की जाएगी। विश्वसनीय जानकारी मिलने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

00000

प्रातिक्रिया दे