-कनाडा का आतंकियों के प्रति सहानुभूति वाले चेहरे फिर हुआ पर्दाफाश
- भारत ने निज्जर को घोषित किया था आतंकी
-पिछले साल हुई थी खालिस्तानी अलगाववादी नेता की हत्या
(फोटो : आतंकी निज्जर)
वैंकूवर। कनाडा का आतंकियों के प्रति सहानुभूति वाला चेहरा एक बार फिर पर्दाफाश हुआ है। कनाडा की संसद ने खालिस्तानी आतंकी और अलग राष्ट्र की मांग करने वाले हरदीप सिंह निज्जर के लिए दो मिनट का मौन रखकर उसे श्रद्धांजलि दी। पिछले साल कनाडा में उसकी हत्या कर दी गई थी। इससे पहले कनाडा ने एक नाजी लीडर को भी सम्मानित किया था। कनाडाई संसद ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की पहली बरसी पर मौन रखकर उसे श्रद्धांजलि दी है। कनाडाई संसद ने यह शर्मनाक हरकत तब की है जब 23 जून को कनिष्क विमान हादसे के 39 साल पूरे हो रहे हैं। भारत ने निज्जर को अपने यहां आतंकी घोषित किया था। न्यूज एजेंसी द्वारा जारी एक वीडियो में कनाडा की पार्लियामेंट में सांसदों द्वारा खालिस्तानी निज्जर को मौन श्रद्धांजलि दी जा रही थी। स्पीकर ग्रेग फेरगुस ने अपनी जगह से खड़े होकर कहा कि सभी सदस्यों की बातचीत के बाद और सभी पार्टियों की सहमति के बाद मुझे लगता है कि इस बात पर सहमति है कि हरदीप सिंह निज्जर के लिए मौन रखा जाए, जिनकी पिछली साल ब्रिटिश कोलंबिया में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। हाल ही में पीएम मोदी और और कनाडाई पीएम ट्रूडो की जी-7 में मुलाकात हुई थी। कनाडा के भारत पर आरोप लगाने के बाद यह पहली मुलाकात थी।
पिछले साल हुई थी हत्या
खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की पिछले साल 18 जून को एक गुरुद्वारे की पार्किंग में हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। हरदीप सिंह कनाडा के वैंकूवर शहर स्थित गुरु नानक सिख गुरुद्वारा का अध्यक्ष था और खालिस्तान आंदोलन से जुड़ा भारतीय मूल का एक कनाडाई सिख अलगाववादी नेता था। भारत सरकार की ओर से उसे आतंकवादी घोषित किया गया था। वह आतंकवादी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स से जुड़ा हुआ था।
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भारत ने अपनाया कड़ा रुख, कनिष्क पर होगी श्रद्धांजलि सभा
(हरिभूमि न्यूज)
नई दिल्ली। कनाडाई संसद में आतंकी निज्जर को श्रद्धांजलि देने पर भारत ने भी कड़ा रुख अपनाया है। इसका साफ जवाब देते हुए बैंकुवर में स्थित भारतीय दूतावास ने खालिस्तानी हमले में क्रैश हुए एयर इंडिया के विमान कनिष्क की 39वीं बरसी के मौके पर एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन करने का फैसला लिया है। 1985 में हुए इस हमले में 329 लोग मारे गए थे। भारतीय उच्चायोग ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि भारत हमेशा से आतंकवाद और उन सभी देशों के खिलाफ खड़ा है जो आतंकवाद का समर्थन करते हैं और दुनिया की शांति को खतरा पैदा करते हैं। एयर इंडिया के विमान कनिष्क पर किया गया हमला विमानन इतिहास का सबसे कायरता पूर्ण हमला था। इस हमले में 329 मासूम लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी, जिसमें 86 बच्चे भी शामिल थे। 23 जून 2024 को इस हमले की 39वीं बरसी पर उन सभी की याद में हम एक समारोह का आयोजन करने जा रहे हैं, हम सभी भारतीय-कनाडाई लोगों से आग्रह करेंगे कि वे आएं और आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में एकजुट हों।
कनिष्क विमान हमला
एयर इंडिया का विमान कनिष्क 23 जून 1985 को मोन्ट्रियल से लंदन जाते समय बम धमाकों की वजह से क्रैश हो गया था, खालिस्तानी आतंकवादी संगठनों ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। इस हमले में 329 लोग मारे गए थे जिसमें 268 कनाडाई, 27 ब्रिटिश और 24 भारतीय नागरिक मारे गए थे। यह विमानन इतिहास के सबसे घातक हमलों में से एक था।
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