-कांग्रेस ने की नए आपराधिक कानूनों पर रोक की मांग
नई दिल्ली। भारत में एक जुलाई 2024 से तीन नए आपराधिक कानून ‘भारतीय न्याय संहिता’,’भारत सुरक्षा संहिता’ और ‘भारतीय साक्ष्य अधिनियम’ लागू होने जा रहे हैं। इसे लेकर विपक्ष ने कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी का कहना है कि इन कानूनों से संसद पूर्ण रूप से सहमत नहीं थी और रिकॉर्ड 146 विपक्षी सांसदों को संसद से निलंबित करने के बाद इन्हें पारित किया गया था। तिवारी ने कहा कि ये नए कानून संसद के सामूहिक ज्ञान को प्रदर्शित नहीं करते। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने आरोप लगाया कि केंद्रीय कानून मंत्री सच को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस नेता ने इस बात पर जोर दिया कि तीन कानूनों का कार्यान्वयन करना भारत की कानूनी प्रणाली को चोट पहुंचाने के समान होगा। तिवारी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा ‘ये तीन कानून संसद के सिर्फ एक वर्ग की इच्छा को दर्शाते हैं। ये कानून संसद के सामूहिक ज्ञान को प्रतिबिंबित नहीं करते।’
भारत की कानूनी व्यवस्था में बाधा
मनीष तिवारी ने कहा कि गृह मामलों की स्थायी संसदीय समिति के विद्वान सदस्यों द्वारा इन कानूनों पर असहमति व्यक्त की गई थी। इसके बाद भी उनके विचारों पर ध्यान नहीं दिया गया। एक जुलाई से इन कानूनों का कार्यान्वयन भारत की कानूनी व्यवस्था में बाधा डालने के समान होगा। कांग्रेस नेता ने तीनों कानूनों के कार्यान्वयन पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा कि इन कानूनों में शामिल कुछ प्रावधान नागरिक स्वतंत्रता पर हमले की तरह हैं। बता दें कि केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बीते रविवार को कहा था कि एक जुलाई 2024 से भारत में नए आपराधिक कानून लागू होंगे।
000

