-सरकार को भ्रष्टाचार के मामले पर भी आना पड़ा बैकफुट पर
(फोटो : संकट)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 जून को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। मोदी 3.0 का पहला हफ्ता काफी चुनौतियों से भरा रहा। एक सप्ताह के भीतर देश-विदेश में ऐसी कई घटनाएं हुईं, जिनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की छवि पर खराब असर पड़ा। यहां तक कि सरकार को भ्रष्टाचार के मामले पर भी बैकफुट पर आना पड़ा।
अपनों के हमले
इन घटनाओं पर बात करने से पहले बात होगी चुनाव नतीजों की। चुनाव नतीजे आने के बाद से ही मोदी सरकार और बीजेपी पर न सिर्फ विपक्षी दलों ने बल्कि बीजेपी के मातृ संगठन माने जाने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने भी सवाल उठाए। आरएसएस के नेता रतन शारदा ने कहा कि इन चुनाव नतीजों ने अति आत्मविश्वास में बैठे बीजेपी के नेताओं को आईना दिखा दिया है। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान हमारे मूल्यों को बनाए रखा जाना चाहिए था, चुनाव प्रचार में गरिमा नहीं दिखी और उसने माहौल को जहरीला बना दिया। भागवत के बयान को भाजपा नेताओं विशेषकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषणों से जोड़कर देखा गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार सरकार बनाने के बाद जब अपने पहले विदेश दौरे पर जी7 समिट में गए तो जहां कांग्रेस ने कहा, वे अपनी अंतरराष्ट्रीय छवि बचाने समिट में जा रहे हैं वहीं पूर्व कैबिनेट मंत्री और कई बार सांसद रहे बीजेपी नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने कहा कि विदेश नीति में मोदी नौसिखिया हैं।
कुवैत में भारतीयों की मौत, पलायन का मुद्दा उठा
कुछ दिन पहले कुवैत की एक इमारत में आग लग गई और इसमें 50 लोगों की जलकर मौत हो गई। इसमें से 46 लोग भारत के थे। इस हादसे के बाद विपक्ष ने बेरोजगारी को फिर मुद्दा बनाया। हादसे को इस बात से जोड़ा कि ये लोग अपने मुल्क से दूर दूसरे मुल्क में अपनी रोजी-रोटी कमाने के लिए गए हुए थे। अगर इन्हें हिंदुस्तान में ही अच्छा रोजगार मिल जाता तो यह कभी भी दूसरे मुल्क जाने को मजबूर नहीं होते।
जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले
जम्मू और कश्मीर में पिछले कुछ दिनों में लगातार एक के बाद एक आतंकी हमले हुए हैं। इनमें सबसे बड़ा हमला हिंदू श्रद्धालुओं की बस पर रियासी में हुआ जिसमें कई लोगों की जान चली गई। इसे लेकर जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था पर विपक्ष ने गंभीर सवाल उठाए हैं। 9 जून के बाद से ही रियासी, कठुआ और डोडा में आतंकी हमले हो चुके हैं। इसमें आम लोगों के साथ ही सुरक्षाकर्मियों को भी जान गंवानी पड़ी है। 2021 के बाद से जम्मू में 29 आतंकी हमले हो चुके हैं जबकि यह दावा था कि कि जम्मू से आतंकियों का लगभग सफाया हो चुका है।
नीट परीक्षा में धांधली
मोदी सरकार को एक और मुद्दे पर देश भर में विपक्षी दलों के साथ ही छात्रों के भी पुरजोर विरोध का सामना करना पड़ रहा है। यह मुद्दा नीट की परीक्षा में गड़बड़ियों के आरोप को लेकर है। नीट के नतीजे आने के बाद पेपर लीक होने के आरोप लगे और यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा है। जब नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) पर विपक्षी दलों ने हमला किया तो शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पहले तो नीट परीक्षा में गड़बड़ियों की बात को नकारा लेकिन अब उन्होंने माना है कि कुछ जगहों पर गड़बड़ियां हुई हैं। मोदी सरकार की इससे बहुत किरकिरी हो रही है।
सहयोगी दलों के नेताओं के बयानों से मुश्किल
बीजेपी सरकार के बनते ही सहयोगी दलों के नेताओं के बयानों से भी वह मुश्किल में है। एनडीए सरकार में शामिल जेडीएस के नेता और केंद्रीय स्टील मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने गुजरात सरकार द्वारा एक अमेरिकी फर्म को दी जा रही सब्सिडी पर सवाल उठाया। इसी तरह उत्तर प्रदेश में बीजेपी के सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि सहयोगी दल नहीं जानते कि गठबंधन को किस तरह निभाया जाए और जनता ने मोदी जी और योगी जी को खारिज कर दिया है।
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