गरियाबंद/ मैनपुर।
उदंती सीता नदी टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट में हाथियों की लोकेशन और विचरण की सटीक जानकारी के लिए ऐप लांच किया गया है। इस ऐप के जरिए अर्ली वार्निंग अलर्ट भेजे जाएंगे। उदंती सीता नदी टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट के उपनिदेशक वरुण जैन ने अपनी आईटी टीम एफएमआईएस और नोएडा बेस्ड स्टार्टअप कंपनी कल्पतरु के साथ मिलकर हाथी अलर्ट ट्रैकर ऐप को अपडेट किया है। ये अपडेट पिछले 2 सालों से मिले डाटा के आधार पर किया गया है। इस ऐप के जरिए ग्रामीणों को उनके क्षेत्र में हाथी की उपस्थिति की एकदम सटीक जानकरी मिल सकेगी। इसके अलावा छत्तीसगढ़ सहित इसके आसपास के राज्यों के 1 हजार किलोमीटर की परिधि में आने वाले वन कर्मियों को भी हाथी की लोकेशन और उनके विचरण की जानकारी मिल सकेगी।
प्रेग्नेंट मादा हाथी की मिलेगी जानकारी
उपनिदेशक वरुण जैन ने बताया कि पिछले 2 सालों से ऐप के माध्यम से हम हाथियों की लोकेशन के अलावा उनके विचरण करने के तौर तरीके का भी अध्ययन कर रहे हैं, जिसमें कई सारी जानकारियां हमने एकत्र की है। जैसे किसी दल में अगर कोई मादा हाथी प्रेग्नेंट होती है या कोई हाथी बीमार रहता है तो दल काफी धीरे-धीरे विचरण करता है। इसी तरह गर्मी के मौसम में तालाब और जलाशयों के आसपास विचरण करता है। इन सब अध्यन के बाद अब हमने ऐप को अपडेट किया है, दल का कोई हाथी अगर बीमार है तो लोकेशन पर उस हाथी के ऊपर अलग से स्वास्थ्य चिन्ह दिखाई देगा।
हाथी-बॉट से अर्ली वार्निंग अलर्ट भेजे जाएंगे
उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के ग्रामीणों को 2 दिन पहले से हाथी का सटीक अलर्ट मिल सकेगा। हाथी ट्रैकरों और अलर्ट ऐप के उपयोग से विगत 16 महीने में टाइगर रिजर्व में वन्यप्राणी-मानव द्वंद्व से कोई भी जनहानि नहीं हुई है। वहीं वन विभाग को पिछले 2 वर्षों से ओडीके ऐप और डेढ़ साल से हाथी अलर्ट ऐप के उपयोग से काफी रोचक डाटा एकत्र हुआ है, जिससे हाथियों के बर्ताव और विचरण की जानकारी मिली है। इस ऐप के माध्यम से अब 12 वनमंडलों में अलर्ट ऐप का उपयोग किया जा रहा है।
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हाथी दलों के विचरण पैटर्न कि मिल रही है जानकारी
पिछले दो सालों की विभिन्न हाथी दलों के विचरण की प्रतिदिन की जिओ टैग्ग जानकारी के आधार पर उनके कॉरिडोर का नक्शा तैयार किया गया है, इससे विचरण का भी पैटर्न पता चल रहा है। सर्दी, गर्मी, बरसात में किस-किस जगह विचरण किया गया है, गर्भवती मादा, छोटे शावकों, बीमार, चोटिल सदस्य काबदल में होने के दौरान विचरण का पैटर्न कैसा रहा है। हाथी द्वारा वन क्षेत्रों में खाई गयी वनस्पति का जीपीएस टैगिंग और जंगलों में बिताया समय, फसल हानि, जन हानि और जन घायल के पिछले 2 सालों के प्रकरणों की जीपीएसन मैपिंग, तालाबों, झरनों नदी, नालों और झिरिया का जीपीएस मैपिंग जिनका उपयोग हाथियों द्वारा किया गया है।
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संलग्न 16 जीवायबी फ़ोटो 20
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