अडानी ग्रुप को नहीं मिलेगी धारावी की जमीन, सरकार को देने होंगे सारे घर

अडाणी सिर्फ डेवलपर

मुंबई। करोड़ों रुपए की धारावी झुग्गी-बस्ती पुनर्विकास परियोजना में अदाणी समूह को भूमि का हस्तांतरण शामिल नहीं है। सूत्रों ने इस बारे में स्थिति साफ करते हुए कहा है कि परियोजना में भूमि का हस्तांतरण महाराष्ट्र सरकार के विभागों को किया जाना है। अहमदाबाद का समूह सिर्फ एक परियोजना डेवलपर के रूप में मकान बनाएगा जो उन्हीं विभागों को सौंपे जाएंगे। बाद में इन घरों का आवंटन एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी के निवासियों को किया जाएगा। सांसद वर्षा गायकवाड़ ने इस मामले में भूमि हड़पने का आरोप लगाया है। इन आरोपों पर परियोजना से जुड़े सूत्रों ने कहा कि जमीन के टुकड़े सिर्फ राज्य सरकार के आवास विभाग के धारावी पुनर्विकास परियोजना/स्लम पुनर्वास प्राधिकरण (डीआरपी/एसआरए) को हस्तांतरित किए जाने हैं। अदाणी समूह ने खुली अंतरराष्ट्रीय बोली में धारावी स्लम पुनर्विकास परियोजना हासिल की थी। समूह अपनी संयुक्त उद्यम कंपनी धारावी रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट प्राइवेट लि. (डीआरपीपीएल) के माध्यम से आवास और वाणिज्यिक स्थान बनाएगा और उन्हें फिर से डीआरपी/एसआरए को सौंप देगा।

डीआरपीपीएल को विकास का अधिकार

परियोजना पर गलतफहमियों को दूर करने की कोशिश करते हुए सूत्रों ने कहा कि निविदा के अनुसार, भूमि सरकार द्वारा तय दरों पर डीआरपी/एसआरए को आवंटित की जाएगी। इस मामले में जहां डीआरपीपीएल को विकास अधिकार मिला हैं। राज्य समर्थन समझौता, निविदा दस्तावेज का हिस्सा है। यह स्पष्ट रूप से कहता है कि राज्य सरकार अपने स्वयं के डीआरपी-एसआरए विभाग को भूमि देकर परियोजना का समर्थन करेगी।रेलवे भूमि के आवंटन के मुद्दे पर, जहां धारावी के निवासियों के पहले सेट की पुनर्वास इकाइयां बनाई जानी हैं।

विश्वस्तरीय शहर में बदलने की कोशिश

धारावी पुनर्विकास परियोजना अपनी तरह की पहली पहल है, जो इलाके को विश्वस्तरीय शहर में बदलने की कोशिश करती है। सूत्रों ने कहा कि परियोजना मानव केंद्रित नजरिये से धारावी के 10 लाख से अधिक निवासियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना चाहती है। उन्होंने कहा कि यहां टिकाऊ परिवहन प्रणालियों और अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ ही युवाओं के कौशल विकास पर भी खास जोर दिया जा रहा है।

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