- ट्राई ने किया इस तरह के किए जा रहे दावों का खंडन
नई दिल्ली। ट्राई (टेलीकॉम रेगुलरेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) ने नए फोन नंबरिंग सिस्टम और टेलीकॉम कनेक्शन पर चार्ज लगाने वाली चर्चा पर अपना बयान जारी किया है। अथॉरिटी का कहना है कि ‘ट्राई ने टेलीकॉम कनेक्शन पर चार्ज लगाने का सुझाव दिया है’, इस तरह के दावे गलत हैं। ट्राई के बताया कि उन्होंने इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं दिया है। अथॉरिटी ने बताया कि डीओटी ने उन्हें सितंबर 2022 में संपर्क किया था, जिसमें उनसे नेशनल नंबरिंग सिस्टम प्लान को रिवाइज करने पर सुझाव मांगा गया था। देश में नंबरिंग रिसोर्स के मैनेजमेंट और सही इस्तेमाल के लिए सुझाव मांगा गाय था, जिसके जवाब में उन्होंने कंसल्टेंट पेपर रिलीज किया था।
क्या है ट्राई कंसल्टेंट पेपर का मामला?
दरअसल, 6 जून 2024 को जारी हुए ट्राई के कंसल्टेंट पेपर में कई बातें कही गई थी. इसमें कुछ पॉइंट्स में ट्राई ने कुछ देशों में लगने वाले टेलीकॉम आइडेंटिफायर चार्ज के बारे में बताया है। ट्राई ने बताया है कि फोन नंबर एक मूल्यवान पब्लिक रिसोर्स है, जो सीमित है। इसके लिए कुछ कदम उठाने के बात कही गई थी. ट्राई ने बताया था कि कुछ देशों में नंबरिंग रिसोर्स चार्जेबल हैं। यानी यहां फोन नंबर रखने पर कुछ चार्ज लगाया जाता है, जो रिचार्ज से अलग होता है। ये चार्ज टेलीकॉम ऑपरेटर या फिर यूजर्स से वसूला जाता है। इसके आधार पर कुछ देशों का नाम भी दिया गया था।
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