नाइजर के अपदस्थ राष्ट्रपति बजूम पर चलेगा मुकदमा

-सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

नई दिल्ली। पश्चिमी अफ्रीका का देश नाइजर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के कारण सुर्खियों में है। नाइजर की सुप्रीम कोर्ट ने अपदस्थ राष्ट्रपति मोहम्मद बजूम के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। अदालत ने देश के राष्ट्रपति को मिली हुई सुरक्षा को खत्म करते हुए यह अहम फैसला पारित किया। बता दें, एक साल पहले उन्हें विद्रोही सैनिकों द्वारा शासन से हटा दिया था। एक वकील ने शुक्रवार को कहा कि अब उनके खिलाफ कथित उच्च राजद्रोह के लिए मुकदमा चलाय जा सकता है। बजूम और उनका परिवार सैन्य तख्तपलट के बाद से ही घर में नजर बंद हैं। जुंटा अधिकारियों का कहना है कि वे उन पर उच्च राजद्रोह और राष्ट्रीय सुरक्षा को कम करने के लिए केस चलाना चाह रहे हैं। बता दें, बजूम के वकील रीड ब्रॉडी ने फैसले की आलोचन की है। उन्होंने इसे कानून का मजाक बताया है। उन्होंने कहा कि हमें अपने मुवक्किल से बात करने का मौका भी नहीं मिला। यह मजाक है। एक रिपोर्ट के अनुसार, बजूम के वकील पिछले अक्टूबर से उनसे संवाद करने में असमर्थ हैं।

टीवी पर लाइव आकर किया था एलान

विदेशी मीडिया के अनुसार, जुलाई 2023 को नाइजर के राष्ट्रीय चैनल पर सैनिकों ने आकर तख्तापलट का एलान किया था। कर्नल अमादौ अब्द्रमाने अपने साथी सैनिकों और अधिकारियों के साथ टीवी पर आए। उन्होंने टीवी पर बजौम की सरकार को पलट देने का एलान किया। कर्नल ने टीवी पर लाइव आकर कहा कि देश की बिगड़ती सुरक्षा व्यवस्था और खराब शासन के कारण हम राष्ट्रपति शासन को खत्म कर रहे हैं। नाइजर के बॉर्डर सील हैं। अब न तो कोई देश से बाहर जा सकता है और न ही बाहर से देश में प्रवेश कर सकता है। पूरे देश में कर्फ्यू है। सरकारी अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया है।

नजरबंद राष्ट्रपति को रिहा करने का अमेरिका का आह्वान

अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने नाइजर की सत्ता पर कब्जा करने के लिए सेना की निंदा की थी। मिलर ने कहा कि अमेरिका नाइजर को लेकर चिंतित है। राष्ट्रपति बजौम लोकतांत्रिक रूप से चुने गए थे। जिस वजह से हम उनका समर्थन करते हैं। वहीं, शक्ति के आधार पर संवैधानिक व्यवस्था पर हमला करने की हम निंदा करते हैं। हम राष्ट्रपति मोहम्मद बजौम की तत्काल रिहाई का आह्वान करते हैं।

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