-इटली की पीएम मेलोनी पर दिखी भारत की छाप
-50वां शिखर सम्मेलन 13 से 15 जून तक अपुलिया, इटली में है आयोजित
(फोटो : नमस्ते)
रोम। 50वां जी7 शिखर सम्मेलन 13 जून से 15 जून तक इटली के अपुलिया क्षेत्र में बोर्गो इग्नाजिया के रिसॉर्ट में आयोजित हो रहा है। इस समिट में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज शामिल होने के लिए इटली पहुंचे हैं। इस दौरान इटालियन पीएम मेलोनी पर भारत की छाप देखने को मिली. कारण, उन्होंने सम्मलेन में शामिल होने पहुंचे विदेशी मेहमानों का नमस्ते करके स्वागत किया। दरअसल, इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने मेहमानों का अलग अंदाज में स्वागत किया। उन्होंने जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन का नमस्ते करते हुए स्वागत किया। उनके इस अंदाज में स्वागत के वीडिय़ो सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रहे हैं और भारतीय जमकर मेलोनी की तारीफ भी कर रहे हैं। वहीं जो बाइडेन और ऋषि सुनक का भी गर्मजोशी से स्वागत किया। बाइडेन ने स्वागत के बाद मेलोनी का सैल्यूट करते हुए अभिवादन किया।
भारत समेत ग्लोबल साउथ के मुद्दों को उठाएंगे मोदी
पीएम मोदी भी सम्मेलन में शिरकत कर रहे हैं। तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद मोदी की यह पहली विदेश यात्रा है। दरअसल, भारत जी7 सम्मेलन में अतिथि देश के तौर पर शामिल होता है। यह 11वां मौका है जब भारत को जी7 सम्मेलन में शामिल होने का न्योता मिला है। बताया जा रहा है कि सम्मेलन में पीएम मोदी भारत समेत ग्लोबल साउथ के मुद्दों को भी जी7 सम्मेलन में उठाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी इटली यात्रा के बारे में कहा, “प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के निमंत्रण पर मैं 14 जून को जी7 आउटरीच शिखर सम्मेलन मं् शामिल हो रहा हूं। मुझे खुशी है कि लगातार तीसरे कार्यकाल में मेरी पहली यात्रा जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए इटली की है। मुझे 2021 में जी20 शिखर सम्मेलन के लिए इटली की अपनी यात्रा की याद आती है। पिछले साल प्रधानमंत्री मेलोनी की भारत की दो यात्राएं हमारे द्विपक्षीय एजेंडे में गति और गहराई लाने में सहायक रहीं। हम भारत-इटली रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने और हिंद-प्रशांत और भूमध्यसागरीय क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। “
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यह है जी7
जी7 में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी, कनाडा और जापान शामिल हैं। इटली वर्तमान में जी7 (सात देशों का समूह) की अध्यक्षता संभाल रहा है और शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। जी-7 सदस्य देश वर्तमान में वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 45% और दुनिया की 10% से अधिक आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं। अपनी परंपरा के अनुरूप अध्यक्षता करने वाले मेजबान देश द्वारा कई देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों को शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया जाता है। इससे पहले 1997 और 2013 के बीच रूस को शामिल किए जाने से इसका जी8 के तौर पर विस्तार हुआ था। हालांकि, क्रीमिया पर कब्जे के बाद 2014 में रूस की सदस्यता सस्पेंड कर दी गई थी।
आर्थिक मुद्दों पर अपने शुरुआती फोकस से जी-7 धीरे-धीरे शांति और सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी, विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन समेत प्रमुख वैश्विक चुनौतियों पर समाधान और सर्वमान्य मत खोजने के लिए विचार का एक मंच बन गया है। 2003 से गैर-सदस्य देशों (एशिया और अफ्रीका के पारंपरिक रूप से विकासशील देश) को ‘आउटरीच’ सेशन में आमंत्रित किया गया है। जी-7 ने इसके साथ सरकार और तंत्र से अलग गैर-सरकारी हितधारकों के साथ भी बातचीत को बढ़ावा दिया, जिससे व्यापार, नागरिक समाज, श्रम, विज्ञान और शिक्षा, थिंक-टैंक, महिलाओं के अधिकारों और युवाओं से संबंधित मुद्दों पर कई सहभागिता समूहों का निर्माण हुआ है। वे जी-7 के अध्यक्ष देश को अपनी अनुशंसा प्रदान करते हैं।
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