गिनती से पहले टेंशन में इंडिया, तीसरी बार पहुंचा चुनाव आयोग, कहा- पहले हो बैलेट की काउंटिंग

—लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले बढ़ी बेचैनी, इंडिया के बाद भाजपा ने भी की ईसी से मुलाकात

–पोस्टल बैलेट, ईवीएम, परिणाम की अंतिम घोषणा पर रखी अपनी बात

इंट्रो

लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले राजनीतिक दलों की सरगर्मी तेज हो गई है। इंडिया गठबंधन ने निर्वाचन आयोग से मुलाकात की और पांच मांगे रखी। अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, हम गठबंधन के नेता तीसरी बार एक साथ चुनाव आयोग आए हैं। हमने हमारी चिंताओं को चुनाव आयोग को बताया और चर्चा की। इधर, भाजपा का प्रतिनिधिमंडल भी ईसी से मिला।

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव का रिजल्ट आने में अब बस दो दिन का ही इंतजार बचा है। चुनाव नतीजों की घोषणा से पहले विपक्षी खेमे इंडिया गठबंधन में हलचल तेज हो गई है। लोकसभा चुनाव में एग्जिट पोल में एनडीए की वापसी की बात कही गई है। इस बीच, इंडिया गठबंधन के नेताओं ने चुनाव आयोग से मुलाकात की। इंडिया गठबंधन में विभिन्न दलों के प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी, सलमान खुर्शीद, डीएमके के टीआर बालू, वाम दल की तरफ से सीताराम येचुरी, डी राजा भी शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल की तरफ से आयोग के सामने पोस्टल बैलेट की गिनती, ईवीएम काउंटिंग, परिणाम की अंतिम घोषणा से जुड़े मुद्दे रखे गए।

कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, इस चुनाव में हम तीसरी बार चुनाव के पास पहुंचे हैं। पहला मुद्दा- पोस्टल बैलेट जोकि एक जानी-मानी प्रक्रिया है। पोस्टल बैलेट परिणाम में निर्णायक साबित होते हैं, इसलिए चुनाव आयोग का एक प्रावधान है जिसके अंतर्गत कहा है कि पोस्टल बैलेट की गिनती पहले ली जाएगी। हमारी शिकायत थी कि चुनाव आयोग ने 2019 की गाइडलाइन से इसे हटा दिया है। इसका परिणाम यह है कि ईवीएम की पूरी गणना हो जाए उसके बाद अंत तक भी पोस्टल बैलेट की गिनती की घोषणा करना अनिवार्य नहीं रहा है। यह आवश्यक है कि पोस्टल बैलेट जो निर्णायक साबित होता है उसकी गिनती पहले करना अनिवार्य है।

गिनती के दौरान सख्त निगरानी का अनुरोध

भारत के चुनाव आयोग के साथ बैठक के बारे में कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि हमने मतगणना प्रक्रिया के दौरान बहुत सख्त निगरानी रखने का अनुरोध किया। इस पर आयोग की तरफ से हमें संतोषजनक उत्तर दिया गया। खुर्शीद ने कहा कि हमने किसी नियम पर सवाल नहीं उठाया, बल्कि यह सुनिश्चित किया कि उनका पालन किया जाए और ईमानदारी से उनका पालन किया जाए। उन्होंने कहा कि बैठक बहुत आशाजनक रही।

पांच मांगें रखी

00 पोस्टल बैलट के रिजल्ट ईवीएम के रिजल्ट से पहले जारी किए जाएं।

00 नियमों के तहत काउंटिंग हो, पर्यवेक्षक इन नियमों को लागू कराएं।

00 मतगणना की सीसीटीवी से मॉनिटरिंग हो और कंट्रोल यूनिट का वेरिफिकेशन हो।

00 मशीन से जो डेटा आए, उसे कन्फर्म किया जाए।

00 ईवीएम को जब सील किया जाता है, तो उसे वेरिफाई करने के लिए काउंटिंग एजेंट होते हैं। काउंटिंग के दौरान उसे रीकन्फर्म किया जाए।

भाजपा नेताओं ने भी ईसी से मुलाकात की

इंडिया गठबंधन के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल समेत कई भाजपा नेताओं ने भी ईसी से मुलाकात की। पीयूष गोयल ने मीडिया को बताया कि कांग्रेस और उसकी सहयोगी इंडी गठबंधन की पार्टियों ने लगातार भारतीय चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। इस ठोस चुनावी प्रक्रिया पर इन पार्टियों ने मिलकर आरोप लगाए हैं, वे इस लोकतांत्रिक संस्था पर हमला है। इसे देखते हुए हमने चुनाव आयोग के सामने मांगें रखी हैं। हमारी पहली मांग है कि वोट काउंटिंग में लगा चुनाव आयोग का हर अधिकारी इसकी प्रक्रिया को अच्छी तरह से जानता हो और चुनाव आयोग के सभी प्रोटोकॉल्स का पालन करे। दूसरा, काउंटिंग और नतीजों के ऐलान के समय प्रक्रिया की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। तीसरा, चुनावी प्रक्रिया को कमजोर करने की लगातार कोशिशों का संज्ञान लें और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ एक्शन लें।

इधर, जयराम का आरोप, 150 कलेक्टरों को शाह ने किया फोन

–निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस नेता से मांगा ब्यौरा

निर्वाचन आयोग ने रविवार को कांग्रेस नेता जयराम रमेश से उनके उस दावे को लेकर तथ्यात्मक विवरण मांगा जिसमें उन्होंने कहा था कि चार जून को होने वाली लोकसभा चुनाव की मतगणना से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 150 जिला अधिकारियों और कलेक्टरों से फोन करके बात की है। रमेश को भेजे गए पत्र में आयोग ने कहा है कि वह रविवार शाम सात बजे तक अपने दावों का विवरण साझा करें। निर्वाचन आयोग ने एक जून को ‘एक्स’ पर किए गए जयराम रमेश के पोस्ट का हवाला दिया जिसमें उन्होंने दावा किया था कि निवर्तमान गृह मंत्री जिला अधिकारियों/कलेक्टरों को फोन कर रहे हैं। अब तक उन्होंने इनमें से 150 से बात की है। यह खुलेआम और निर्लज्ज तरीके से धमकी देना है जो दिखाता है कि भाजपा कितनी हताश है। निर्वाचन आयोग ने रमेश से कहा कि मतों की गिनती की प्रक्रिया प्रत्येक चुनाव अधिकारी का एक पवित्र कर्तव्य है। ऐसे सार्वजनिक बयान संदेह पैदा करते हैं तथा इसलिए बयान व्यापक सार्वजनिक हित में दिए जाने चाहिए\”। इसने कांग्रेस नेता से यह भी कहा कि जब आदर्श आचार संहिता लागू होती है तो सभी अधिकारी आयोग की प्रतिनियुक्ति के अधीन होते हैं और वे किसी भी निर्देश के लिए सीधे निर्वाचन आयोग को रिपोर्ट करते हैं। आयोग ने रमेश को लिखे पत्र में कहा है, हालांकि, किसी जिलाधिकारी ने ऐसे किसी अनुचित प्रभाव की सूचना नहीं दी है जैसा कि आपने आरोप लगाया है।

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