कांग्रेस पार्टी ने बड़ा फैसला लिया है। सातवें चरण में मतदान समाप्त होने के बाद अलग-अलग टीवी चैनलों, सोशल और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर होने वाले एग्जिट पोल डिबेट में कांग्रेस पार्टी अपने प्रवक्ताओं को नहीं भेजेगी। पार्टी के सूत्रों ने यह जानकारी दी है। पार्टी सूत्रों ने एक जून को होने वाले अंतिम दौर के मतदान से ठीक पहले बताया कि कांग्रेस पार्टी ने चुनावी नतीजों से पहले एग्जिट पोल का हिस्सा न बनने का फैसला इसलिए लिया है, क्योंकि ऐसी बहसों से कोई सार्थक नतीजे सामने नहीं आते। पार्टी सूत्रों का कहना है कि चार जून को होने वाली मतगणना के बाद देश की जनता का जनादेश सामने आएगा। पार्टी इसे स्वीकार करेगी। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म- एक्स पर पोस्ट में बताया कि कांग्रेस ने एग्जिट पोल से किनारा क्यों किया है। उन्होंने कहा कि मतदान के बाद जनादेश ईवीएम में कैद हो जाता है। ऐसे में चार जून को आधिकारिक मतगणना से पहले किसी भी अटकलबाजी में शामिल होना केवल टीआरपी का खेल है।
वोटिंग से पहले कांग्रेस का बड़ा एक्शन
लोकसभा चुनाव अब अपने अंतिम चरण में प्रवेश करने वाला है। कल यानी 1 जून को सातवें और आखिरी चरण के लिए वोटिंग होनी है। 57 सीटों पर वोटिंग से पहले कांग्रेस ने ओडिशा में बड़ा एक्शन लिया है। कांग्रेस ने छह साल के लिए संजय त्रिपाठी को पार्टी से बाहर कर दिया है। संजय त्रिपाठी पर पार्टी विरोधी गतिविधयों में शामिल रहने का आरोप है।
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