–भीषण गर्मी ने देश में मचाया तांडव, दो दिन बाद केरल में मानसून की एंट्री
–दिल्ली समेत उत्तर पश्चिम वालों को 30 मई के बाद मिल सकती है राहत
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इंट्रो
देश के कई राज्य इन दिनों भीषण गर्मी-लू की चपेट में हैं। राजधानी दिल्ली के कई इलाकों में पारा 48 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक 1 मार्च से अबतक देश में हीटस्ट्रोक के 16 हजार से अधिक मामले रिपोर्ट किए गए जबकि 60 से अधिक लोगों की मौत हुई है। मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार अभी तीन दिन और भीषण गर्मी रहेगी। ऐसा अनुमान है कि 30 मई के बाद थोड़ी राहत मिल सकती है।
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नई दिल्ली। देश में 1 मार्च से अब तक 16,344 हीट स्ट्रोक के मामले सामने आए। केंद्र सरकार की ओर से देश के उत्तरी और मध्य भागों में चल रही लू को ध्यान में रखते हुए सभी राज्यों और केंद्र शाासित प्रदेशों को सलाह जारी करते हुए कहा है कि अस्पतालों में लू और हीटस्ट्रोक के मामलों से निबटने के लिए सभी इंतजाम रखें। मौसम विभाग के प्रमुख मृत्युंजय मोहपात्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि राजस्थान और गुजरात में नौ से 12 दिन हीटवेव चली है, जिसमें तापमान 45 से 50 के बीच रहा है। वहीं, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब में पांच से सात दिन हीटवेव चली है, जिसमें तापमान 44 डिग्री से 48 डिग्री तक रहा है।
इधर, भारत मौसम विज्ञान विभाग के प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने सोमवार को कहा कि भीषण गर्मी का सामना कर रहे राष्ट्रीय राजधानी समेत उत्तर पश्चिम भारत के लोगों को 30 मई के बाद भीषण लू से राहत मिल सकती है। आईएमडी के महानिदेशक ने ऑनलाइन प्रेस वार्ता में कहा कि उत्तर पश्चिम भारत के हिस्सों में भीषण लू चल रही है और यह अगले तीन दिनों तक जारी रह सकती है, लेकिन 30 मई से इसकी तीव्रता धीरे-धीरे कम होगी, क्योंकि एक पश्चिमी विक्षोभ आ रहा है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ और अरब सागर से नमी आने के कारण देश के उत्तर पश्चिम और मध्य भागों में गरज के साथ वर्षा होने और पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में बारिश होने की संभावना है, जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिल सकती है। हालांकि, महापात्र ने यह भी कहा कि यह राहत अस्थायी होगी और जून के महीने में दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान समेत भारत के ज्यादातर हिस्सों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की आशंका है। उन्होंने यह भी कहा कि जून में राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात के कुछ हिस्सों और उत्तरी मध्य प्रदेश समेत उत्तर पश्चिम भारत में सामान्य से ज्यादा दिनों तक तेज लू चल सकती है। महापात्र ने कहा कि उत्तर पश्चिम भारत में जून के महीने में आम तौर पर तीन दिन लू चलती है, लेकिन इस बार इन इलाकों में दो-चार दिन ज्यादा ऐसी स्थिति बन सकती है यानी इन इलाकों में चार से छह दिन भयंकर लू चलने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि मई के महीने में राजस्थान और गुजरात में नौ से 12 दिन तक लू चली और तापमान 45 से 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।
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इधर, हीटवेव से बीएसएफ जवान की मौत
इससे पहले सोमवार को जैसलमेर में भारत-पाक सीमा पर तैनात बीएसएफ जवान की लू लगने से मौत हो गई। वहीं जोधपुर के पुलिस लाइन में तैनात एक कॉन्स्टेबल की गर्मी से जान चली गई। राजस्थान में 4 दिन में गर्मी से मरने वालों की संख्या 30 हो चुकी है। बिहार में भी नगालैंड के जवान की हीट स्ट्रोक से मौत हुई है।
इन राज्यों ऐसे हालात
आईएमडी प्रमुख के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर, दक्षिणी हरियाणा, दक्षिण पश्चिम उत्तर प्रदेश और पंजाब में पांच से सात दिन 17 से 20 मई और 25-26 मई को लू की स्थिति रही। पारा 44-48 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। महापात्र ने कहा कि मई में दो चरण में लू चली। भीषण लू का पहला चरण एक से पांच मई तक रहा। यह मुख्यत: पूर्वी भारत और दक्षिणी प्रायद्वीप भारत में ही सीमित रहा। उन्होंने कहा कि दूसरा चरण 16 मई से उत्तर पश्चिम भारत में शुरू हुआ और यह अब तक जारी है और अगले तीन दिन यानी 29 मई रह सकता है।
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31 को केरल तट पर मानसून
मौसम विभाग ने सोमवार को यह भी बताया कि केरल में अगले पांच दिन में मानसून के पहुंचने की स्थिति बनती नजर आ रही है। आईएमडी ने पहले ही बताया था कि मानसून 31 मई तक केरल से टकराएगा। इसके केरल पहुंचने की सामान्य तारीख 1 जून है। इसके साथ ही इस साल सामान्य से बेहतर मानसून होने का अनुमान जताया गया है।
क्या होता है हीटस्ट्रोक
हीटस्ट्रोक के दौरान शरीर अत्यधिक गर्म हो जाता है। इससे मस्तिष्क, यकृत और गुर्दे जैसे महत्वपूर्ण अंगों की सामान्य कार्यप्रणाली गड़बड़ा जाती है। इस दौरान शरीर के तापमान में वृद्धि, सुस्ती, कमजोरी और मुंह में सूखापन आता है।
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एक्सपर्ट व्यू
हीटस्ट्रोक के कारण हो सकती हैं गंभीर समस्याएं
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, देश के कई राज्यों में बढ़ता तापमान चिंताजनक है। दिल्ली स्थित एक अस्पताल में इंटेंसिव केयर के डॉक्टर विक्रमजीत सिंह बताते हैं, पिछले कुछ दिनों में ओपीडी और आपातकालीन चिकित्सा विभाग में हीटस्ट्रोक के मामलों में वृद्धि हुई है। ज्यादातर रोगी मुख्यरूप से शरीर के तापमान में वृद्धि, सुस्ती, कमजोरी और मुंह सूखने जैसे लक्षणों के साथ आ रहे हैं। लू के लक्षणों की पहचान या समय पर इसका उपचार न होने की स्थिति में जानलेवा दुष्प्रभावों का खतरा हो सकता है। डॉक्टर कहते हैं, हीटस्ट्रोक को लेकर थोड़ी सी लापरवाही भी जानलेवा साबित हो सकती है। डॉ विक्रमजीत कहते हैं, लू-गर्मी के दुष्प्रभावों से बचाव के लिए बुजुर्गों और छोटे बच्चों को लंबे समय तक धूप में रहने से बचना चाहिए। इससे शरीर में पानी की कमी होने और हीटस्ट्रोक का जोखिम बढ़ जाता है।
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