आंकड़ा 31.55 लाख के पार, चारधाम यात्रा 10 मई से हुई शुरू, अभी तक 9.61 लाख यात्री कर चुके हैं दर्शन
तीर्थयात्रियों की कतार – फोटो
देहरादून। प्रदेश सरकार ने यात्रा के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया है। ऑनलाइन पंजीकरण के लिए प्रतिदिन के हिसाब से संख्या निर्धारित है, जिसमें बदरीनाथ धाम में 20 हजार, केदारनाथ के लिए 18 हजार हजार, गंगोत्री के लिए 11 हजार और यमुनोत्री के लिए नौ हजार संख्या तय है। इसके आधार पर जून माह में यात्रा के लिए पंजीकरण उपलब्ध नहीं है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को एडवाइजरी भेजी। इसमें उन्होंने स्पष्ट किया है कि अगर किसी भी राज्य के तीर्थ यात्री बिना पंजीकरण आते हैं तो उन्हें चेकिंग के बाद रोक दिया जाएगा।
इसी कड़ी में बुधवार को 4 हजार से ज्यादा लोगों को पंजीयन न होने के कारण वापस लौटा दिया गया। बिना दर्शनों के घर जा रहे तीर्थ यात्रियों का कहना है कि उत्तराखंड पहुंचने के बाद भी चारधाम के दर्शन न कर पाना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह उनके जीवन का सबसे बड़ा अनुभव है। इन लोगों को ऋषिकेश में अस्थाई पंजीकरण के लिए रोका गया था। फिर अचानक अस्थाई पंजीकरण की व्यवस्था भी बंद कर दी गई, इसलिए तीर्थ यात्रियों को बिना दर्शन के घर लौटना पड़ा।
स्थिति सामान्य तो 1 जून से ऑफलाइन पंजीकरण
चारों धामों में स्थिति सामान्य होने पर एक जून से ऑफलाइन पंजीकरण खुल सकते हैं। चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण का आंकड़ा 31.55 लाख पार कर चुका है। इसमें 9.61 लाख यात्री दर्शन कर चुके हैं। 10 मई से चारधाम यात्रा का आगाज हुआ। पहले दिन ही केदारनाथ, गंगोत्री यमुनोत्री धाम में दर्शन के लिए तीर्थयात्रियों की भारी उमड़ी, जिससे व्यवस्थाएं भी पटरी से उतर गईं।
बिना पंजीकरण यात्रियों को लौटाया
बिना पंजीकरण चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों को लौटा दिया गया। वहीं मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि बिना रजिस्ट्रेशन के आने वाले यात्रियों को लौटा दिया जाएगा। उन्होंनें बिना पंजीयन चारधाम यात्रा न करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा के लिए उमड़ी भारी भीड़ की वजह से सरकार को व्यवस्थाएं बनाने में मुश्किलें हो रही हैं। अब तक चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण का आंकड़ा 31 लाख पार हो चुका है।
जिस तिथि का पंजीकरण उसी दिन आएं
मुख्य सचिव रतूड़ी ने ये भी अनुरोध किया है कि जो भी चारधाम यात्रा पर आना चाहते हैं, वह पंजीकरण में जो तिथि मिली है, उसी पर आएं। उन्होंने सभी टूर ऑपरेटरों व ट्रैवल एजेंटों को भी यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि वह यात्रा शुरू करने से पहले पंजीकरण जांच लें। ताकि उन्हें बाद में परेशानी न हो। उन्होंने राज्यों से अनुरोध किया है कि वे सभी तीर्थ यात्रियों को इसके प्रति जागरूक करें।
12 हजार यात्रियों को रोका था
ऑनलाइन पंजीकरण बंद होने पर ऋषिकेश में रोके गए करीब 12 हजार तीर्थ यात्रियों को दर्शन करवाने के लिए प्रशासन के स्तर पर अस्थाई पंजीकरण की व्यवस्था की गई थी। तीर्थयात्री इस उम्मीद के साथ ऋषिकेश रुके हुए थे कि अब वह दर्शन कर सकेंगे। हालांकि अचानक यह व्यवस्था भी बंद कर दी गई, जिस कारण तीर्थ यात्रियों को बिना दर्शन किए ही घर लौटना पड़ा।
0000

