–नम आंखों के साथ बड़ी संख्या में जुट रहे लोग, कल दफनाया जाएगा
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तेहरान। ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के अचानक निधन होने से पूरी दुनिया सदमे में है। ईरान में शोक की लहर है। हजारों लोग अपने राष्ट्रपति और उनके दल के सदस्यों के जनाजे के लिए मंगलवार को सड़कों पर दिखाई दिए। नम आंखों के साथ ईरानी झंडे और दिवंगत राष्ट्रपति की फोटो लहराते हुए लोग उत्तर-पश्चिमी शहर तबरीज के केंद्रीय चौक से रवाना हुए। ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के अचानक निधन होने से पूरी दुनिया सदमे में है। वहीं, ईरान में शोक की लहर है। इब्राहिम रईसी के पार्थिव शरीर को गुरुवार को दफनाया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रईसी के सम्मान में बुधवार को ईरान में सभी काम बंद रहेंगे। ईरान के उपराष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के पार्थिव शरीर को गुरुवार को पूर्वोत्तर शहर मशहद में दफनाया जाएगा। शोक समारोहों में भाग लेने के लिए अलग-अलग शहरों से आए हुए आग्रह को ध्यान में रखते हुए, मंगलवार से शुक्रवार तक सभी स्टूडेंट्स के पेपर रद्द कर दिए गए हैं। ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामनेई ने सोमवार को इस घटना पर पांच दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की।
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उपराष्ट्रपति धनखड़ कर सकते हैं भारत का प्रतिनिधित्व
इसी बीच, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ रईसी की अंतिम विदाई में भारत का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। धनखड़ के बुधवार को ईरान रवाना होने की उम्मीद है। रईसी के सम्मान में पूरे भारत में एक दिवसीय शोक रखा गया।
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इधर, अमेरिका ने जांच में मदद से किया इंकार
वाशिंगटन। ईरान की सरकार ने हेलीकॉप्टर दुर्घटना की जांच के लिए अमेरिका से मदद का आग्रह किया है, लेकिन अमेरिका ‘लॉजिस्टिक’ (साजो-सामान) कारणों से सहायता नहीं करेगा। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर से सोमवार को जब प्रेस वार्ता में ईरानी सरकार की ओर से मदद का आग्रह किये जाने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिका इस तरह की स्थितियों में विदेशी सरकारों से आग्रह आने पर मदद करता है, लेकिन अमेरिका उसकी किसी भी तरह की मदद कर पाने में सक्षम नहीं है। मिलर ने पत्रकारों से कहा कि काफी हद तक ‘लॉजिस्टिक’ कारणों के चलते ईरान की मदद नहीं की जा रही है
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