अकबर की सेना भी नहीं जीत पाई थी
यहीं हुआ था महाराणा प्रताप का जन्म
नई दिल्ली। 36 किलोमीटर लंबी और 15 फीट चौड़ी इस विशाल दीवार को ग्रेट चाइना वॉल के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी दीवार होने का खिताब मिला हुआ है। इस दीवार का निर्माण महाराणा कुम्भा के समय कुंभलगढ़ दुर्ग निर्माण के साथ करवाया गया। इस किले को इसी दीवार की वजह से अकबर की सेना भी नहीं जीत पाई थी।
दुनिया की सबसे लंबी दीवारों की बात की जाए तो चीन की दीवार सबसे लंबी मानी जाती है। लेकिन जब भारत की बात आती है तो मेवाड़ के कुंभलगढ़ दुर्ग की दीवार दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी दीवार है। जब महाराणा कुंभा ने दुर्ग का निर्माण करवाया था तब इसके चारों तरफ एक विशेष दीवार बनवाई थी।
मेवाड़ के महाराणा कुंभा द्वारा बनवाई गई यह दीवार करीब 36 किलोमीटर लंबी है। महाराणा ने किले की सुरक्षा के लिए इस खास दीवार को बनवाया था। यह किला रिहायशी दुर्ग में से एक था, जहां सैकड़ों लोग रहते थे। 15 फीट चौड़ी इस दीवार के लिए कहा जाता है इसकी रक्षा करने के लिए दो घुड़ सवार एक साथ चक्कर लगाते थे। महाराणा कुंभ के इस किले को अकबर की सेना तक जीत नहीं पाई।
उदयपुर शहर से 80 किलोमीटर दूर स्थित कुंभलगढ़ दुर्ग देखने देसी विदेशी सेनानियों का तांता लगा रहता है। इस दुर्ग को 15वीं शताब्दी में महाराणा ने बनवाया था और इसे विश्व धरोहर में भी शामिल किया गया है। यहां पर कई जैन और हिंदू मंदिर इस दुर्ग में स्थित हैं।महाराणा प्रताप का जन्म भी इसी दुर्ग में हुआ था।
मेवाड़ के इस खास दुर्ग तक आसानी से टैक्सी के जरिए पहुंचा जा सकता है।पर्यटन विभाग की ओर से इस दुर्ग में हर वर्ष कुंभलगढ़ फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है।इसमें कई विदेशी सैलानी आते हैं.
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