–छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सामने आई गड़बड़ी, एनटीए का इंकार
— हिंदी माध्यम को अंग्रेजी और अंग्रेजी माध्यम को दिया हिंदी का प्रश्न पत्र
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इंट्रो
देशभर के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर नीट यूजी की परीक्षा का आयोजन रविवार को किया गया। इस दौरान अलग-अलग जगह से कई गड़बड़ी की खबर सामने आईं। छत्तीसगढ़ के बालोद के अलावा राजस्थान में हिंदी माध्यम वाले परीक्षार्थियों को अंग्रेजी मीडियम और इंग्लिश माध्यम वालों को हिंदी मीडियम का पेपर बांटा गया। इसके साथ ही कुछ स्थान पर पेपर लीक की भी खबर है। हालांकि एनटीए ने इससे इंकार कर दिया।
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नई दिल्ली। राजस्थान के सवाई माधोपुर के आदर्श विद्या मंदिर परीक्षा केंद्र में परीक्षार्थियों ने आपत्ति दर्ज करते हुए प्रश्नपत्र लेकर परीक्षा केंद्र से बाहर चले गए। यहां हिंदी के छात्रों को अंग्रेजी और अंग्रेजी के छात्रों को हिंदी का प्रश्नपत्र दिया गया था। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने सोमवार को स्पष्ट किया कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट-स्नातक’ में प्रश्नपत्र लीक होने का दावा करने वाली खबरें पूरी तरह से निराधार और बेबुनियाद हैं। प्रत्येक प्रश्नपत्र का हिसाब रखे जाने का दावा करते हुए एनटीए ने कहा कि सोशल मीडिया पर प्रसारित प्रश्नपत्र की कथित तस्वीरों का वास्तविक प्रश्नपत्र से कोई संबंध नहीं है। एनटीए की वरिष्ठ निदेशक साधना पाराशर ने कहा, एनटीए के सुरक्षा प्रोटोकॉल और मानक संचालन प्रक्रियाओं से यह पता चला है कि पेपर लीक की ओर इशारा करने वाले सोशल मीडिया पोस्ट पूरी तरह से निराधार और बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा, अफवाहों पर विराम लगाने के लिए, यह भी कहना चाहेंगे कि प्रत्येक प्रश्न पत्र का हिसाब-किताब रखा गया है। पाराशर ने कहा कि परीक्षा शुरू होने के बाद कोई भी बाहरी व्यक्ति या एजेंसी केंद्रों तक नहीं पहुंच सकती। उन्होंने कहा कि परीक्षा केंद्रों के गेट बंद होने के बाद, बाहर से किसी को भी हॉल के अंदर प्रवेश की अनुमति नहीं है और हॉल में सीसीटीवी से निगरानी रखी जाती है। उन्होंने कहा, सोशल मीडिया पर प्रसारित प्रश्नपत्रों की तस्वीरों का वास्तविक परीक्षा प्रश्नपत्र से कोई संबंध नहीं है। प्रवेश परीक्षा रविवार को विदेश के 14 शहरों सहित 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी।
एनटीए ने रविवार को दावा किया था कि राजस्थान के एक परीक्षा केंद्र पर गलत प्रश्नपत्र वितरित किए जाने के कारण कुछ अभ्यर्थी पेपर लेकर बाहर चले गए थे। एजेंसी ने प्रश्नपत्र के लीक होने की बात से इंकार किया था। पाराशर ने कहा कि बाद में परीक्षा केंद्र के 120 प्रभावित अभ्यर्थियों के लिए परीक्षा दोबारा आयोजित की गई थी। एनटीए ने स्वीकार किया कि कदाचार और नकल के मामले सामने आए हैं और इसमें शामिल अभ्यर्थियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। पाराशर ने कहा, एनटीए अनुचित साधनों के इस्तेमाल के मामलों का पता लगाने के लिए परीक्षा के बाद डेटा विश्लेषण भी करता है, जिस पर नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाती है। इसमें अभ्यर्थी का पंजीकरण रद्द करना और भविष्य की परीक्षाओं से उसे वंचित करना शामिल है।
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24 लाख से अधिक अभ्यर्थी
इस वर्ष, राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) के लिए 24 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया, जिनमें से 10 लाख से अधिक लड़के, 13 लाख से अधिक लड़कियां और 24 छात्र तृतीय लिंग श्रेणी के तहत पंजीकृत थे। पिछले साल, कुल 20,87,449 अभ्यर्थियों ने नीट-स्नातक के लिए पंजीकरण कराया था और परीक्षा सात मई को आयोजित की गई थी। परीक्षा में 97.7 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज की गई थी।
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बिहार में नौ साल्वर गिरफ्तार
इधर, बिहार में राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) की परीक्षा में सॉल्वर गैंग के 9 लोग गिरफ्तार किए गए। पटना पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें 3 मेडिकल छात्र हैं। वहीं, पूर्णिया से भी 4 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। सभी मेडिकल छात्र हैं। महाराष्ट्र के नवी मुंबई से भी एक डमी फर्जी अभ्यर्थियों की गिरफ्तारी हुई है।
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भरतपुर में भी पकड़े गए ‘मुन्नाभाई’
राजस्थान के एक और एग्जाम सेंटर से गड़बड़ी की सामने आई। यहां भरतपुर जिले में एक डमी कैंडिडेट को परीक्षा देते पकड़ा गया है। जिले के एएसपी ने बताया कि एक स्कूल में एक अभ्यर्थी की जगह पर एक डॉक्टर को परीक्षा देते पकड़ा गया। उन्होंने बताया कि उसके साथ 4-5 लोग हैं। पुलिस ने बताया कि कुल 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
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