मारे गए नक्सलियों की लाश लेने पहुंचे परिजन, कहा-गुस्से के कारण बन गए नक्सली

पोस्टमार्टम रूम के बाहर कई सनसनीखेज खुलासे

नारायणपुर। जिला अस्पताल के पोस्टमार्टम रूम के बाहर छत्तीसगढ़ के दूसरे सबसे बड़े एनकाउंटर में मारे गए नक्सलियों के परिजनों ने कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। परिजनों का मानना है गुस्से ने उन्हें नक्सली बना दिया।

एनकाउंटर में मारी गई कमली के परिजन उसकी तस्वीर लेकर जिला अस्पताल में उसकी लाश को पहचानने के लिए पहुंचे। उसकी मां ने बातचीत में बताया कि शादी की बात से कमली नाराज हो गई थी, जिसके बाद वह घर छोड़कर चली गई थी। इसके बाद वह दोबारा कभी नहीं लौटी। एनकाउंटर में मारे जाने की सूचना पर वे उसका शव लेने के लिए आए हैं।


सनक मिजाज की वजह से जोगन्ना ने छोड़ा था घर

दंडकारणय स्पेशल जोनल कमेटी मेंबर एवं मोस्ट वांटेड नक्सली की हिट लिस्ट में शामिल रहे जोगन्ना के मामा नारायण नंदी ने बताया कि 24 साल की उम्र पर सनक मिजाज की वजह से वह परिवार को छोड़कर नक्सली बन गया। उन्होंने बताया कि उस दौरान दोस्तों की वजह से नक्सल विचारधारा से काफी प्रभावित हो गया था, जिससे वह आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के संगठन में सक्रिय भूमिका निभा रहा था। 66 साल के जोग्गना ने एक आंख नकली लगाई थी। इनके परिजनों के मुताबिक महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में पुलिस नक्सली मुठभेड़ के दौरान बम ब्लास्ट होने से एक आंख फूट गई थी। इसके बाद वह एक आंख कांच का लगा लिया था।

बड़े भाई ने मारा थप्पड़ और घर छोड़ गया रवि

तेलंगाना से नक्सली रवि के रिश्तेदार शव लेने के लिए नारायणपुर पहुंचे। इस दौरान रवि के बड़े भाई ने बताया कि 32 साल पहले 10वीं कक्षा में फेल होने के कारण उन्होंने छोटे भाई रवि को दो थप्पड़ मार दिया था, जिससे वह नाराज होकर घर छोड़ दिया था। नाराजगी की वजह से वह नक्सल संगठन से जुड़ गया था। बस्तर क्षेत्र में सक्रिय रवि ने नक्सल संगठन में रहते गई घटनाओं को अंजाम दिया था। रवि उर्फ विनय पर 8 आपराधिक मामले गढ़चिरौली जिले में दर्ज होने की पुष्टि छत्तीसगढ़ पुलिस के द्वारा की गई है।

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