लश्कर के 4 आतंकवादियों ने किया था वायुसेना के काफिले पर हमला

-खुफिया सूत्रों ने दी जानकारी, आतंकी साजिद जट ने दी थी ट्रेनिंग

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में भारतीय वायुसेना (आईएएफ ) के काफिले पर घात लगाकर किए गए आतंकी हमले में एक जवान की मौत हो गई थी। चार अन्य जवान घायल हो गए थे। अब इस मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। शीर्ष खुफिया सूत्रों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के काफिले पर हमला साजिद जट द्वारा प्रशिक्षित लश्कर-ए-तैयबा के 4 आतंकवादियों का काम था। सूत्रों ने बताया कि पिछले हमलों के बाद एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) विकसित की गई थी। जैसे ही बलों ने जोरदार जवाबी कार्रवाई की आतंकवादी भाग गए। हमलावर आतंकवदियों की तलाश जारी है। वायुसेना के काफिले पर हमले की घटना शनिवार शाम करीब 6 बजे हुई, जब कॉनवॉय जारनवाली से वायुसेना स्टेशन लौट रहा था। भारतीय वायुसेना का मूवमेंट संभवतः राडार ऑपरेशन के लिए था। दो लोगों की हालत गंभीर है। इस क्षेत्र में लगभग 17 आतंकवादी साजिद जट्ट समूह से हैं।

मतदान के पहले हमला

अनंतनाग-राजौरी लोकसभा क्षेत्र में मतदान से तीन सप्ताह पहले आतंकवादियों ने भारतीय वायुसेना के काफिले पर घात लगाकर हमला किया, जिसमें एक सैनिक (कॉर्पोरल विक्की पहाड़े) की मौत हो गई और चार अन्य जवान घायल हो गए। पुंछ में 25 मई को छठे चरण में मतदान होना है। अधिकारियों ने कहा कि शाम को पुंछ के सुरनकोट इलाके में सनाई टॉप की ओर जा रहे भारतीय वायुसेना के वाहनों पर 4 आतंकवादियों ने गोलीबारी की, जिसमें पांच सुरक्षाकर्मी घायल हो गए थे। इनमें से दो की हालत गंभीर थी। गंभीर रूप से घायल सैनिकों में से एक ने बाद में इलाज के दौरान एक सैन्य अस्पताल में दम तोड़ दिया।

भारतीय वायुसेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट कर बताया कि स्थानीय सैन्य इकाइयों द्वारा क्षेत्र में फिलहाल घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाई जा रही है। एयरफोर्स मामले की जांच जारी होने की भी बात कही है। सैन्य अधिकारियों को आतंकवादियों के उसी समूह की संलिप्तता का संदेह है, जिन्होंने पिछले साल 21 दिसंबर को बुफ़लियाज़ में सैनिकों पर घात लगाकर हमला किया था, जिसमें चार सैनिक मारे गए थे और तीन घायल हो गए थे। भारतीय वायुसेना के काफिले में शामिल ट्रकों में से एक को हमले का सबसे अधिक खामियाजा भुगतना पड़ा, जिसमें कई गोलियां उसकी विंडस्क्रीन और साइड में लगी हैं। अधिकारियों ने संदेह है कि हमले को अंजाम देने के बाद आतंकवादी पास के जंगलों में भाग गए।

निशाने पर राजौरी-पुंछ

निकटवर्ती राजौरी के साथ-साथ सीमावर्ती पुंछ जिले में पिछले दो वर्षों में कुछ बड़े आतंकवादी हमले हुए हैं, जो इस क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों की वापसी का संकेत है। यह इलाका आतंकवाद से मुक्त हो गया था। साल 2021 से 2023 के बीच यह इलाका शांत रहा था। बता दें कि इससे पहले 22 अप्रैल को राजौरी के कुंडा टॉप में आतंकवादियों द्वारा एक सैन्यकर्मी के भाई और सरकारी कर्मचारी मोहम्मद रजाक और 28 अप्रैल को उधमपुर के बसंतगढ़ इलाके में ग्राम रक्षा गार्ड मोहम्मद शरीफ की हत्या कर दी गई थी। उसके बाद अब एयरफोर्स के काफिले पर हमला किया गया है।

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