राडार को धोखा देने में माहिर निर्भय क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण

-भारत की इस मिसाइल से कांपेंगे चीन-पाकिस्तान

नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने 18 अप्रैल 2024 को स्वदेशी इंजन के साथ निर्भय क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया। इस मिसाइल में स्वदेशी इंजन लगाने से इसकी ताकत और बढ़ गई है। इस दौरान रेंज सेंसर, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम और टेलिमेट्री की के जरिए मिसाइल के पूरे रास्ते की ट्रैकिंग की गई। इस मिसाइल की उड़ान को वायुसेना के सुखोई एसयू-30-एमके-1 फाइटर जेट से भी ट्रैक किया गया। मिसाइल ने टेस्ट के सभी मानकों को पूरा किया। इस दौरान इसने सी-स्किमिंग यानी समंदर के ऊपर कम ऊंचाई पर उड़ान भर कर दिखाई। निर्भय मिसाइल ने परीक्षण के दौरान 864 किमी से 1111 किमी प्रतिघंटा की गति हासिल की। इस मिसाइल में टेरेन हगिंग कैपेबिलिटी भी है। यह ऐसी स्थिति होती है जिसमें उसपर निशाना लगाकर इसे निष्क्रिय करना बेहद कठिन हो जाता है। यह दो स्टेज की मिसाइल है। पहले स्टेज में ठोस और दूसरे में तरल ईंधन का उपयोग होता है।

अधिकतम रेंज 1500 किमी

यह मिसाइल 300 किलोग्राम तक के परंपरागत हथियार ले जा सकती है। अधिकतम रेंज 1500 किमी है। जमीन से कम से कम 50 मीटर ऊपर और अधिकतम 4 किमी ऊपर उड़कर टारगेट को ध्वस्त कर सकती है। इसमें ऐसी प्रणाली है कि यह रास्ते में अपनी दिशा बदल सकता है। यानी चलते-फिरते टारगेट को भी नष्ट कर सकता है।

यह है खासियत

यह समुद्र और जमीन दोनों स्थानों से मिसाइल लॉन्चर्स के जरिए दागी जा सकती है। ऐसी उम्मीद है कि सेना में शामिल होने के बाद इन मिसाइलों को चीन से सटी सीमा एलएसी पर तैनात किया जाएगा। निर्भय 6 मीटर लंबी और 0.52 मीटर चौड़ी है। इसके पंखों की कुल लंबाई 2.7 मीटर है।

ऐसा माना जा रहा है कि इस मिसाइल में ऐसी तकनीक भी लगी है, जिसके जरिए दुश्मन के टारगेट को खत्म करने से पहले उसकी तस्वीर और वीडियो खींचकर ये कंट्रोल रूम भेज देगी। इस मिसाइल में स्वदेशी माणिक टर्बोफैन इंजन का उपयोग किया गया है।

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