दुर्लभ मामला : महाराष्ट्र, तेलंगाना 4 हजार लोगों के पास हैं दो-दो वोटर कार्ड
लोकसभा चुनाव 2024
(फोटो : वोट2)
नई दिल्ली। महाराष्ट्र और तेलंगाना की सीमा पर स्थित 14 गांवों के लगभग 4,000 मतदाता भारत के एकमात्र ऐसे वोटर्स ग्रुप हैं, जिन्हें 2024 के लोकसभा चुनावों में भी दो बार मतदान करने का “विशेषाधिकार” प्राप्त होगा – महाराष्ट्र में 19 अप्रैल को पहले चरण में चंद्रपुर निर्वाचन क्षेत्र के लिए और फिर 13 मई को चौथे चरण में तेलंगाना में आदिलाबाद निर्वाचन क्षेत्र के लिए मतदान होगा। महाराष्ट्र और तेलंगाना के बीच दशकों पुराने सीमा विवाद के कारण, 6,000 से अधिक की कुल आबादी वाले इन 14 गांवों के लोगों को दोनों राज्यों से लाभ मिलता है। गावों में मराठी और तेलुगु दोनों स्कूल हैं। अस्पताल भी इसी तरह के हैं। दोनों राज्यों से संबंधित ग्राम पंचायत और सरपंच भी हैं।
क्षेत्रीय विवाद है वजह
तेलंगाना में आदिलाबाद की केरामेरी तहसील और महाराष्ट्र में चंद्रपुर की जिवती तहसील में आने वाले 14 गांवों को लेकर क्षेत्रीय विवाद 1956 से है, जब आंध्र प्रदेश राज्य का गठन हुआ था। 14 गांव दो ग्राम पंचायतों – पारंडोली और अंतपुर – के अंतर्गत आते हैं, जो 30 किमी. से अधिक दूर हैं। ग्रामीणों के पास दो-दो मतदाता पहचान पत्र हैं, जिनमें उनके नाम दोनों राज्यों के निर्वाचन क्षेत्रों में सूचीबद्ध हैं। प्रत्येक ग्रामीण के पास दो राशन कार्ड, आधार कार्ड, मनरेगा कार्ड, जाति प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज हैं – एक-एक महाराष्ट्र और तेलंगाना से, जो उन्हें दोनों राज्यों से सामाजिक कल्याण योजनाओं का लाभ उठाने में सक्षम बनाता है।
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दोनों सरकारों से मिलता फंड
वर्तमान में पारडोली और अंतपुर दोनों में दो ग्राम पंचायतों के लिए चुने गए दो सरपंच महाराष्ट्र और तेलंगाना के अलग-अलग दलों से हैं, जिसके कारण उन्हें विकास कार्यों को पूरा करने के लिए अपनी-अपनी सरकारों से दो अलग-अलग फंड भी मिलते हैं। पारंडोली की सरपंच लीनाबाई बिराडे (महाराष्ट्र में कांग्रेस की सदस्य) ने बताया, “हां, हम हर विधानसभा और लोकसभा चुनाव में दोनों राज्यों में वोट देते रहे हैं। हमारे पास दोनों राज्य के अलग-अलग मतदाता पहचान पत्र हैं। यदि दोनों राज्यों में चुनाव की तारीख एक ही है, तो हम जिस भी राज्य में संभव हो, मतदान करते हैं।
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दोहरा मतदान गैरकानूनी
ग्रामीणों के दोहरे मतदान के मुद्दे पर, चंद्रपुर जिला कलेक्टर विनय गौड़ा सीजी ने कहा कि अतीत में, ये ग्रामीण दोनों पक्षों में मतदान कर चुके हैं। लेकिन, सिर्फ दो वोट ही नहीं, दो जगहों से दो मतदाता पहचान पत्र रखना भी गैरकानूनी है। इसलिए हम यह बात ग्रामीणों तक पहुंचा रहे हैं।”
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