— 7 घंटे तक चली ताबड़तोड़ कार्रवाई, अब तक शवों की शिनाख्त नहीं
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00 अधिकांश माओवादी पीएलजीए कंपनी नंबर दो के मेंबर
00 ऑटोमेटिक एलएमजी, थ्री नॉट थ्री रायफल, बीजीएल सेल लांचर व अन्य हथियार बरामद
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इंट्रो
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में 10 नक्सलियों को मार गिराया है। गंगालूर थाना क्षेत्र में नक्सली गतिविधि की सूचना मिलने के बाद सोमवार को सुरक्षाबलों को नक्सल विरोधी अभियान में रवाना किया गया था। दल में डीआरजी, एसटीएफ और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कोबरा बटालियन के जवान शामिल थे। इस दौरान बड़ी मात्रा में हथियार और नक्सल साहित्य बरामद किया गया है।
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हरिभूमि न्यूज: जगदलपुर/बीजापुर
बीजापुर के गंगालूर थाना क्षेत्र स्थित लेण्ड्रा के जंगल में सुबह 6 बजे से मुठभेड़ शुरू हुई। इसके बाद सुरक्षा बलों ने एक महिला समेत 10 नक्सलियों के शव और भारी मात्रा में अत्याधुनिक हथियार व नक्सल सामग्री बरामद किए हैं। यह मुठभेड़ 7 घंटे से अधिक समय तक चली। मारे गए अधिकांश नक्सली पीएलजीए कंपनी नम्बर दो के मेंबर बताए जा रहे है, हालांकि देर शाम तक मारे गए नक्सलियों की शिनाख्त नहीं हो सकी है।
आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि थाना गंगालूर क्षेत्र में डीआरजी, एसटीएफ, कोबरा व सीआरपीएफ की संयुक्त पार्टी सर्चिंग के लिए रवाना हुई थी। इसी दौरान सुबह लगभग 6 बजे लेण्ड्रा के जंगल में पुलिस पार्टी और माओवादियों के बीच मुठभेड़ शुरू हुई, जो लगभग 7 घंटे तक जारी रही। सुबह मुठभेड़ के बाद 4 नक्सलियों के मारे जाने की खबर आ रही थी, जो शाम होते तक 10 हो गई। मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में हथियार व गोला बारूद के अलावा दैनिक उपयोग की सामग्री जब्त की गई है। वहीं मुठभेड में कई नक्सलियों के घायल होने की संभावना पुलिस ने व्यक्त की है और इलाके में सर्चिंग अभियान जारी है।
आईजी ने बताया कि मुठभेड़ स्थल से एक महिला समेत दस नक्सलियों के शव बरामद किए गए है, जिनकी पहचान का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा घटनास्थल से एलएमजी ऑटोमेटिक हथियार के अलावा 303 रायफल, 12 बोर रायफल, भारी मात्रा में बीजीएल सेल, लांचर हथियार, गोला बारूद व नक्सलियों की दैनिक उपयोग की सामग्री बरामद हुई है। मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों के बीजापुर जिला मुख्यालय पहुंचने के बाद घटना की विस्तृत जानकारी मिलने की बात कही जा रही है।
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22 जवानों की हुई थी शहादत
गौरतलब है कि इससे पूर्व 3 अप्रैल 2021 को बीजापुर और सुकमा की सीमा पर नक्सलियों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन लॉन्च किया गया था। कोबरा 210 बटालियन व जिला बल के जवान इस ऑपरेशन से वापस लौट रहे थे। इसी दौरान टेकलगुड़ा गांव में नक्सलियों ने जवानों को एम्बुश में फंसाकर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। नक्सलियों के इस हमले में कोबरा 210 बटालियन व जिला पुलिस के 22 जवान शहीद हो गए थे। वर्ष 2021 से पहले कोबरा बटालियन को इतना बड़ा नुकसान पहले कभी बस्तर में नहीं हुआ था। जवानों की शहादत के बाद नक्सलियों का मनोबल आसमान में पहुंच गया था, क्योंकि नक्सलियों के खिलाफ कोबरा बटालियन को सबसे मजबूत फोर्स मानी जाती रही है।
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आपॅरेशन में शामिल सभी जवान सुरक्षित
बताया जा रहा है कि लेण्ड्रा मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों में पीएलजीए कंपनी नम्बर दो के शीर्ष लाखों के इनामी नक्सली सदस्य भी शामिल है। अब तक 10 नक्सलियों के शव बरामद कर लिया गया है और इनकी संख्या में इजाफा होने की संभावना है। मुठभेड़ में मारे गए सभी नक्सलियों के शव बरामद कर लिए हैं और उन्हें बीजापुर मुख्यालय लाने की तैयारी की जा रही है। बताया जा रहा है कि मारे गए सभी नक्सली माओवादी संगठन के पीएलजीए के सदस्य हैं, जिनकी गिनती बड़े कैडर के नक्सलियों में होती है। आईजी ने बताया कि मुठभेड़ में शामिल सभी जवान सुरक्षित है।
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एक दिन पूर्व सुकमा जिले में मारे गए माओवादी की हुई शिनाख्त
इससे पूर्व सोमवार को सुकमा व तेलंगाना राज्य के सीमावर्ती क्षेत्र में डीआरजी, बस्तर फाइटर्स व 208 कोबरा की संयुक्त पार्टी ने तेलंगाना राज्य के सीमावर्ती ग्राम पेसेलपाड़ एवं दोरामंगू के मध्य जंगल पहाड़ी में माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इसमें एक पुरुष माओवादी के शव के अलावा बीजीएल रायफल पिट्ठू, स्केनर सेट, बीजीएल सेल, बीजीएल कॉट्रिज, इलेक्ट्रिक डेटोनेटर व अन्य नक्सली सामग्री बरामद किया गया था। मुठभेड़ में मारे गए माओवादी की शिनाख्त दिरदो हिड़मा लगभग 25 वर्ष निवासी पेसलपाड़ थाना किस्टाराम जिला सुकमा के रूप में की गई है, जो नक्सल संगठन में टेटेमड़गू आरपीसी मिलिशिया कमाण्डर के रूप में सक्रिय था और तेलंगाना के सीमावर्ती क्षेत्र में घटित विभिन्न नक्सली घटनाओं में शामिल रहा है।
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2024 में अब तक 43 नक्सली मारे गए, 181 गिरफ्तार
आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई में इस वर्ष अब तक 43 नक्सली को मुठभेड़ में ढेर किया जा चुका है। वहीं 181 नक्सलियों की गिरफ्तारी हुई है। प्रतिबंधित एवं गैर कानूनी सीपीआई माओवादी संगठन के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई करने के उद्देश्य से स्थानीय पुलिस बल तथा केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बल द्वारा विगत दिनों में बेहतर तालमेल एवं रणनीति के साथ काम किया जा रहा है। शासन की योजनाओं व अलग अलग जिलों में अलग अलग नाम से चलाए जा रहे अभियान से प्रभावित होकर 120 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। इस वर्ष अब तक हुए मुठभेड़ में बीजापुर जिले में सर्वाधिक 27 माओवादियों को ढेर किया जा चुका है। इसके अलावा दंतेवाड़ा जिले में 5, कांकेर में 5, सुकमा में 4 तथा नारायणपुर जिले में 2 माओवादियों को ढेर किया जा चुका है।
बॉक्स..
इतने खुले नए कैम्प
बीजापुर – 8
सुकमा – 6
नारायणपुर – 3
दंतेवाड़ा -1
कांकेर – 1
कुल 19 नए कैम्प
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