बसपा से लेकर सपा, जदयू, एआईएमआईएम, कांग्रेस तक कर रहे जहर देने का दावा
बांदा। बांदा जेल में बंद बाहुबली नेता और डॉन मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत हो जाने के बाद सियासी बवाल शुरू हो गया है। मुख्तार भले ही अब दुनिया में नहीं है लेकिन उसकी मौत पर सवाल उठ रहे हैं। परिजनों सहित कई राजनीतिक पार्टियों का आरोप है कि उसकी मौत कुदरती नहीं बल्कि सुनियोजित तरीके से धीमा जहर देकर कराई गई है, इसकी उच्च स्तरीय जांच हो। मुख्तार अंसारी के शव का पोस्टमार्टम के बाद शव उसके गृहग्राम के लिए रवाना हो गया है। प्रारंभिक तौर पर पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में मौत का कारण हार्ट अटैक ही बताया गया है।
बता दें कि मेडिकल कॉलेज बांदा में मुख्तार अंसारी की मौत के बाद पूरे यूपी में पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी है। मऊ, गाजीपुर और बांदा जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है। बहुजन समाज पार्टी, राष्ट्रीय जनता पार्टी, कांग्रेस से लेकर एआईएमआईएम तक ने यूपी के पूर्व विधायक की मौत को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती, आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव और एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मुख्तार की मौत को निंदनीय और अफसोसजनक बताया।
न्यायिक जांच के लिए अधिकारी नामित
बांदा जेल में माफिया नेता मुख्तार अंसारी की मौत के मामले की न्यायिक जांच के लिए शुक्रवार को गरिमा सिंह अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सांसद-विधायक अदालत बांदा श्रीमती गरिमा सिंह को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। सीजेएम ने नियुक्त जांच अधिकारी से एक माह के अंदर जांच रिपोर्ट मांगी है। इसके पहले कारागार महानिदेशक एसएन साबत ने कहा कि मामले की न्यायिक जांच होगी।
मायावती बोलीं- उच्च-स्तरीय जाँच जरूरी
मुख्तार अंसारी के मौते के कुछ घंटे बीतने बाद बसपा सुप्रीमो एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने एक्स पर पोस्ट करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी, साथ ही, परिवार द्वारा लगाए जा रहे आरोपों की जांच करने की मांग की। मायावती ने कहा कि मुख़्तार अंसारी की जेल में हुई मौत को लेकर उनके परिवार द्वारा जो लगातार आशंकायें व गंभीर आरोप लगाए गए हैं उनकी उच्च-स्तरीय जाँच जरूरी, ताकि उनकी मौत के सही तथ्य सामने आ सकें।
इनका आरोप – मुख्तार को दिया गया जहर
मुख्तार की मौत पर मायावती के अलावा आरजेडी, कांग्रेस से लेकर एआईएमआईएम तक सवाल खड़े किये हैं। एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अंसारी के भाई द्वारा लगाए गए आरोपों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि गाजीपुर के लोगों ने अपना पसंदीदा बेटा और भाई खो दिया। मुख्तार ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए थे कि उन्हें जहर दिया गया है। इसके बावजूद सरकार ने उनके इलाज पर कोई ध्यान नहीं दिया। यह वाकई निंदनीय और अफसोसजनक है।
मुख्तार के बेटे ने मौत पर खड़े किए सवाल
मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी ने कहा कि पूरा देश सब कुछ जानता है। दो दिन पहले मैं उनसे मिलने आया था, लेकिन मुझे इजाजत नहीं मिली। उमर अंसारी ने कहा कि धीमा जहर देने के आरोप पर हमने पहले भी कहा था और आज भी यही कहेंगे। परिवारजनों ने आरोप लगाया है कि बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी को खाने में धीमा जहर दिया जा रहा था, जिससे उनकी हालत बिगड़ी चली गई है और उनकी मौत हो गई।
सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में हो जांच : अखिलेश यादव
सपा चीफ अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत को लेकर कहा कि ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जांच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं। सपा चीफ ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
मौत पर सवालों पर पूर्व डीजीपी ने ये कहा
मुख्तार की मौत पर उठ रहे सवालों पर यूपी के पूर्व डीजीपी ओपी सिंह का कहना है कि यह आरोप लगाना कि मुख्तार को जहर दिया गया, बिल्कुल बेबुनियाद आरोप है। पोस्टमॉर्टम होने के बाद स्थिति बिल्कुल स्पष्ट हो जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्तार अंसारी एक अपराधी, डॉन और माफिया था और उसकी मौत के बारे में बड़े पैमाने पर नहीं सोचा जाना चाहिए। वह हमेशा स्वस्थ नहीं रहते हैं और लंबे समय से बीमार थे।
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गंभीरता से नहीं लिया मुख्तार के आरोपों को : तेजस्वी यादव
बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अंसारी की मौत पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा’कुछ दिन पहले उन्होंने शिकायत की थी कि उन्हें जेल में जहर दिया गया है, फिर भी इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। प्रथम दृष्टया, यह उचित और मानवीय नहीं लगता है। संवैधानिक संस्थाओं को ऐसे अजीब मामलों और घटनाओं का स्वत: संज्ञान लेना चाहिए।’
गाजीपुर के लोगों ने अपना बेटा खो दिया: एआईएमआईएम प्रमुख
वहीं, एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अंसारी के भाई द्वारा लगाए गए आरोपों पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘गाजीपुर के लोगों ने अपना पसंदीदा बेटा और भाई खो दिया। मुख्तार ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए थे कि उन्हें जहर दिया गया है। इसके बावजूद सरकार ने उनके इलाज पर कोई ध्यान नहीं दिया। यह वाकई निंदनीय और अफसोसजनक है।
कानून, संविधान, न्याय को दफन कर देने जैसा: पप्पू यादव
हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए बिहार के पूर्व सांसद पप्पू यादव ने अंसारी की मौत को ‘संस्थागत हत्या’ करार दिया और मामले में अदालत की निगरानी में जांच की मांग की। उन्होंने कहा, ‘पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की सांस्थानिक हत्या। कानून, संविधान, नैसर्गिक न्याय को दफन कर देने जैसा है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इसका स्वतः संज्ञान लें! उनके दिशा-निर्देश में निष्पक्ष जांच हो। कई दिन से मुख्तार आरोप लगा रहे थे उन्हें जहर दिया जा रहा है। उनके सांसद भाई ने भी यह आरोप लगाया गया था। देश की संवैधानिक व्यवस्था के लिए अमिट कलंक!’
बता दें कि परिवार के लोग मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठा रहे हैं और इसकी उच्च-स्तरीय जांच करने की मांग कर रहे हैं। हालांकि यूपी सरकार और प्रशसान की ओर से परिवार की मांग कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन मुख्तार की मौत की न्यायिक जांच जरुर होगी। जब किसी न्यायिक अभिरक्षा के दौरान किसी बंदी की मौत हो जाती है तो जेल प्रशासन इसकी सूचना जिला प्रशासन को देता है और इसका पोस्टमार्टम करवाता है, ताकि उसकी मौत की सच्चाई का पता चल सके। किसी भी बंदी की न्यायिक हिरासत में मौत पर न्यायिक जांच करने की व्यवस्था है।
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