पूर्व आईपीएस भट्ट को 20 साल की कैद

28 साल पुराना मामला

पालनपुर। गुजरात में बनासकांठा जिले के पालनपुर की सत्र अदालत ने पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को एक वकील को फंसाने के लिए मादक पदार्थ रखने संबंधी 1996 के मामले में गुरुवार को 20 साल जेल की सजा सुनाई। भट्ट हिरासत में मौत के मामले में पहले से ही सलाखों के पीछे हैं। भट्ट को राजस्थान के एक वकील को झूठा फंसाने का दोषी ठहराया गया था। जिला पुलिस ने यह दावा किया था कि उसने पालनपुर के एक होटल के उस कमरे से मादक पदार्थ जब्त किया था, जहां वकील रह रहे थे। भट्ट को 2015 में भारतीय पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। उस समय वह बनासकांठा जिले के पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्यरत थे। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जेएन ठक्कर ने भट्ट को स्वापक औषधि और मनः प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत बुधवार को दोषी ठहराया था।

2018 में किया गया था गिरफ्तार

सीआईडी ने पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को सितंबर 2018 में एनडीपीएस अधिनियम के तहत ड्रग्स मामले में गिरफ्तार किया था, तब से वो पालनपुर उप जेल में हैं। बता दें कि पिछले साल ही भट्ट ने 28 साल पुराने ड्रग्स केस में पक्षपात का आरोप लगाते हुए मुकदमे को किसी अन्य सत्र अदालत में स्थानांतरित करने का अनुरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी। उन्होंने निचली कोर्ट की कार्रवाई की रिकॉर्डिंग की भी मांग की थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया था।

होटल से बरामद हुआ था मादक पदार्थ

जिला पुलिस ने यह दावा किया था कि उसने पालनपुर के एक होटल के उस कमरे से मादक पदार्थ जब्त किया था, जहां वकील राजपुरोहित रह रहे थे। पूर्व पुलिस अधिकारी की पत्नी श्वेता ने इस फैसले को लेकर निराशा व्यक्त की। राजस्थान पुलिस ने हालांकि बाद में कहा कि राजपुरोहित को बनासकांठा पुलिस ने राजस्थान के पाली में स्थित एक विवादित संपत्ति को स्थानांतरित करने के वास्ते दबाव बनाने के लिए झूठा फंसाया था।

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