कनाडा ने दिया झटका, कम करेगा अस्थायी निवासी

ओटावा। कनाडा में रहने या जॉब करने की इच्छा रखने वाले लोगों की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है। वहां की मौजूदा सरकार ने कनाडा में आने वाले अस्थायी निवासियों को कम करने की घोषणा की है। देश के इमिग्रेशन मिनिस्टर मार्क मिलर का कहना है कि वह अस्थायी निवासियों की संख्या को 6.2 प्रतिशत से घटकार घटाकर 5 प्रतिशत पर लाने वाले हैं। राजधानी ओटावा में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए रोजगार मंत्री रैंडी बोइसोनॉट ने कहा कि हमारी सरकार कृषि जैसे कुछ क्षेत्रों को छोड़कर अस्थायी विदेशी श्रमिकों को 30 प्रतिशत से कम कर 20 प्रतिशत तक करने की दिशा में कार्य कर रही है। हाल के दिनों में कनाडा की जनसंख्या काफी तेजी से बढ़ी है। इसके पीछे का प्रमुख कारण अस्थायी निवासियों की जनसंख्या को बताया जा रहा है। अस्थायी निवासियों में उन लोगों का नाम आता है जो पढ़ाई के लिए या रोजगार की तलाश में श्रमिक के रूप में कनाडा का रुख करते हैं। मौजूदा सरकार का कहना है कि अस्थायी निवासियों की जनसंख्या बढ़ने से देश में पर्याप्त आवास और स्वास्थ्य सेवा जैसी सेवाओं की कमी बढ़ने लगी है। मौजूदा समय में कनाडा में करीब 2.5 मिलियन अस्थायी निवासी रहते हैं। इसमें शरणार्थी, छात्रों और श्रमिकों की सर्वाधिक संख्या शामिल है। साल 2023 में भारत से करीब 26,495 लोग अस्थायी विदेशी श्रमिक के रूप में कनाडा पहुंचे थे. कनाडा में मौजूदा समय में करीब 25 लाख अस्थायी निवासी रहे हैं, जो वहां की कुल जनसंख्या का 6.2 प्रतिशत है।

कनाडा से पहले यूएई दे चुका है भारत को झटका

हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात ने अपनी नई वीजा छूट नीति की घोषणा की है। इस दौरान यूएई ने कहा कि प्रवेश के लिए 87 देशों के नागरिकों को प्री-एंट्री वीजा की आवश्यकता नहीं होगी। खास बात यह है कि यूएई के साथ भारत के अच्छे ताल्लुकात होने के बावजूद इस लिस्ट से इंडिया का नाम गायब है।

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