हाईकोर्ट ने मांगा शपथ पत्र… यात्री ट्रेनों को रद्द करने के मामले में मांगी जानकारी

बिलासपुर। यात्री ट्रेनों को निरंतर रद्द करने के मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने केन्द्र शासन से रेलवे बोर्ड से इस बारे में निर्देश लेकर जानकारी प्रस्तुत करने को कहा था। आज डिवीजन बेंच ने रेलवे बोर्ड से शपथ पत्र पर रेल परिचालन को लेकर सारी जानकारी देने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी। यात्री ट्रेनों को रद्द करने के मामले में एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में पेश करते हुए अधिवक्ता कमल दुबे ने कहा कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में यात्री गाड़ियां लगातार रद्द की जा रही हैं। यात्रियों को अनेक अवसरों पर अचानक ही मालूम चलता है कि अब यह एक्सप्रेस या पैसेंजर ट्रेन नहीं जाएगी। इसके साथ ही कई बार बीच रास्ते में ही ट्रेन सस्पेंड की जाती है। इसकी वजह से हजारों की संख्या में आने-जाने वाले यात्रियों को बेहद परेशान होना पड़ता है। लंबे समय से रेलवे इसी तरह का व्यवहार करती आ रही है, इसका निवारण करने में कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। दूसरी ओर माल गाड़ियां उसी रूट पर लगातार चलाई जा रही हैं। अधिवक्ता अमन पाण्डेय के माध्यम से पेश इस याचिका में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच में सुनवाई हो रही है। कोर्ट ने रेलवे बोर्ड के निर्देश के साथ आने को कहा था।

दूर की गाड़ियां निरंतर चल रही

आज सुनवाई में रेलवे ने बताया कि देश में कोल परिवहन को प्राथमिकता दी जा रही है। यह भी कहा कि इस संक्रमण काल के बाद कुछ समय में सब कुछ ठीक कर लिया जाएगा। सिर्फ छोटी दूरी की गाड़ियां ही रोकी जाती है। दूर की गाड़ियों को निरंतर चलाया जा रहा है। डिवीजन बेंच ने इस सब बिन्दुओं को लेकर एक शपथ पत्र पर जवाब मांगा है।

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