- सीएए पर छिड़ी रार, विपक्ष ने जताया विरोध
-इधर, रोक की मांग लेकर मुस्लिम लीग पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली। सीएए यानी नागरिकता संशोधन कानून को लेकर बवाल मच गया है। एक तरफ जहां, बंगाल, तमिलनाडु, केरल सरकार ने इसे भेदभावपूर्ण बताते हुए लागू करने से साफ इंकार कर दिया है, वहीं इसके खिलाफ इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून पर रोक की मांग करते हुए याचिका दायर कर दिया है। गौरतलब है, केंद्र सरकार ने सोमवार को ही सीएए कानून लागू करने का नोटिफिकेशन जारी किया है।
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धर्म के आधार पर नागरिकता गलत : ममता
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को देश में लागू किए जाने को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर अशांति पैदा करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह घोषणा एक लूडो चाल है। याद रखिए सीएए एनआरसी से जुड़ा हुआ है। लोगों को डिटेंशन कैंप में ले जाया जाएगा। मैं बंगाल में ऐसा नहीं होने दूंगा। उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि क्या आपने कभी धर्म के आधार पर नागरिकता के बारे में सुना है?
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‘तमिलनाडु में नहीं लागू होगा सीएए’: स्टालिन
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर बड़ा ऐलान किया है। मंगलवार को उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में सीएए लागू नहीं होगा। स्टालिन ने कहा, ‘हमारी सरकार राज्य में सीएए को लागू नहीं करने वाली है।’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजनीतिक लाभ हासिल करने के प्रयास में लोकसभा चुनाव से पहले सीएए के नियमों को अधिसूचित कर रहे हैं। ‘भाजपा सरकार के विभाजनकारी एजेंडे ने नागरिकता अधिनियम को हथियार बना दिया है, इसे मानवता के प्रतीक से धर्म और नस्ल के आधार पर भेदभाव के उपकरण में बदल दिया है।’ ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) ने भी सीएए का विरोध किया है।
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‘सीएए का है एनआरसी-एनपीआर से कनेक्शन : ओवैसी
एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा–आपको सीएए को एनआरसी और एनपीआर के साथ जोड़कर देखने की जरूरत है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में मेरा नाम लिया था और कहा था कि एनआरसी और एनपीआर लागू किया जाएगा, यह रिकॉर्ड पर है। भाजपा का मुख्य उद्देश्य देश में एनपीआर और एनआरसी लागू करना है।
यह कानून मुस्लिमों को दोयम दर्जे का नागरिक मानता : विजयन
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि हमारी सरकार कई बार दोहरा चुकी है कि हम सीएए को यहां लागू नहीं होने देंगे, जो मुस्लिमों को दोयम दर्जे का नागरिक मानता है। इस सांप्रदायिक कानून के विरोध में पूरा केरल एक साथ खड़ा होगा।
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मुस्लिम धर्म के लोगों को बाहर रखने का विरोध
सुप्रीम कोर्ट में सीएए कानून के खिलाफ दायर याचिका में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने कहा है कि नागरिकता कानून के तहत कुछ धर्मों के लोगों को ही नागरिकता दी जाएगी, जो संविधान के खिलाफ है। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने कहा है कि वह शरणार्थियों को नागरिकता देने के खिलाफ नहीं है, लेकिन उनका विरोध इसमें मुस्लिम धर्म के लोगों को बाहर रखने को लेकर है। गौरतलब है कि इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) ने सीएए को चुनौती देते हुए रिट याचिका भी दायर की थी। आईयूएमएल ने सीएए के खिलाफ दायर अपनी रिट याचिका में अंतरिम आवेदन दिया, जिसमें आईयूएमएल ने तर्क दिया कि किसी कानून की संवैधानिकता तब तक लागू नहीं होगी, जब तक कानून स्पष्ट तौर पर मनमाना हो।
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हमने कहा था सीएए लाएंगे… लाए, कांग्रेस करती थी विरोध : शाह
-गृहमंत्री ने विपक्ष पर किया पलटवार
सिकंदराबाद। सीएए पर गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा है कि हमने जो कहा था वह करके दिखाया है। गृहमंत्री शाह ने सिकंदराबाद में सोशल मीडिया वॉरियर्स मीट को संबोधित करते हुए रहा कि इस कानून के अधिसूचित होने के बाद देश में जितना अधिकार मुझे और आपको है उतना ही अधिकार हर शरणार्थी को भी है।
शाह ने अपने संबोधन में भाजपा के घोषणापत्र का जिक्र करते हुए कहा कि हमने कहा था हम सीएए लाएंगे, कांग्रेस इसका विरोध करती थी। संविधान निर्माताओं ने वादा किया था कि बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान से जो शरणार्थी भारत आएंगे उन्हें हम भारत की नागरिकता देंगे, लेकिन वोट बैंक के चक्कर में कांग्रेस इसका विरोध करती थी। शाह ने कहा, हमने राममंदिर, धारा 370, तीन तलाक पर जो वादा किया था उसे पूरा किया। धानसभाओं में महिलाओं को 33% आरक्षण देने का हमारा वादा भी पूरा हो गया है। अपने संबोधन में गृहमंत्री शाह ने आगे पीएम मोदी के शासनकाल की सराहना की। उन्होंने कहा कि इन 10 सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को राजनीतिक स्थिरता देने का काम किया है।
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सीएए नागरिकता देने वाला कानून, लेने वाला नहीं’ शाहनवाज
पूर्णिया। बिहार के पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने सीएए पर बयान दिया है। शाहनवाज हुसैन ने कहा कि सीएए किसी की नागरिकता छीनता नहीं है। यह कानून यह पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के प्रताड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता देता है। उन्होंने कहा कि किसी के बहकावे में नहीं आएं।
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विपक्ष बताए पाक- बांग्लादेश में हिन्दू आबादी क्यों घटी : नीरज शेखर
बलिया। केन्द्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) की अधिसूचना जारी होने पर कुछ विपक्षी दलों के विरोधी स्वर पर राज्यसभा सांसद नीरज शेखर ने एतराज जताया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के लोग बताएं कि पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिन्दू आबादी क्यों घट गई। यह किसी की भी नागरिकता छीनने वाला कानून नहीं है। यह उनके लिए है जो अपने देश में धार्मिक भेदभाव का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह कौन नहीं जानता कि पाकिस्तान में हिंदुओं के साथ कितना अत्याचार होता है। आखिर उन्हें भारत संरक्षण नहीं देगा तो दुनिया का कौन देश उनके लिए खड़ा होगा।
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