-9 सीटों पर फंसा है पेंच
मुंबई। लोकसभा चुनाव को लेकर बने विपक्षी दलों के इंडिया अलायंस में धीरे-धीरे सीट शेयरिंग का मुद्दा सुलझता दिख रहा है। यूपी में सपा के साथ कांग्रेस की डील हो गई, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, गोवा और चंडीगढ़ में कांग्रेस ने आप के साथ सीटों का सौदा पक्का कर लिया। पश्चिम बंगाल में बात चल रही है। अब महाराष्ट्र में भी कांग्रेस महा विकास अघाड़ी के सहयोगियों एनसीपी शरदचंद्र पवार और शिवसेना (यूबीटी) के साथ सीटों बंटवारे के समझौते को अंतिम रूप देने में जुटी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र की 48 सीटों में से 39 सीटों को लेकर शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और शरद पवार की पार्टी के बीच समझौता हो गया है। जबकि 9 सीटों पर अभी बात नहीं बन पाई है। दरअसल, प्रकाश आंबेडकर 5 सीटें मांग रहे हैं, जबकि महाविकास अघाड़ी गठबंधन उन्हें तीन सीटें ही देना चाहता है। कांग्रेस सूत्र के मुताबिक, एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट में कोई कन्फ्यूजन नहीं है। अंबेडकर की पार्टी ने 2019 के चुनाव में 47 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन कोई भी सीट नहीं जीत पाई। वीबीए ने 2019 के विधानसभा चुनाव में भी 236 सीटों पर चुनाव लड़ा और अपना खाता तक नहीं खोल पाई। सूत्रों के मुताबिक महाराष्ट्र में इंडिया अलायंस के सहयोगियों के बीच 9 सीटों पर मतभेद हैं, जिनमें मुंबई की दो सीटें दक्षिण मध्य और उत्तर पश्चिम शामिल हैं। शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस दोनों यहां से अपने-अपने उम्मीदवार खड़े करना चाहते हैं। सूत्रों ने बताया कि वंचित बहुजन अघाड़ी के प्रमुख प्रकाश अंबेडकर की मांगों पर भी देरी हो रही है। उन्होंने पांच सीटें मांगी हैं।
कांग्रेस मुंबई की 6 में से 3 पर लड़ना चाहती है चुनाव
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस मुंबई की 6 लोकसभा सीटों में से 3 पर चुनाव लड़ना चाहती है। इसमें मुंबई साउथ सेंट्रल, मुंबई नॉर्थ सेंट्रल और मुंबई नॉर्थ वेस्ट शामिल है। हालांकि, उद्धव ठाकरे कुल 18 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं, जिनमें 4 सीटें मुंबई की हैं। इनमें मुंबई साउथ, मुंबई नॉर्थ वेस्ट, मुंबई नॉर्थ ईस्ट और मुंबई साउथ सेंट्रल शामिल हैं। 2019 के लोकसभा चुनावों में अविभाजित शिवसेना ने 48 में से 22 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इनमें से 18 पर जीत हासिल की, जिसमें मुंबई की तीन सीटें शामिल थीं।
टूटा था भाजपा -शिवसेना का रिश्ता
2019 में लोकसभा चुनावों के साथ ही महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर भी वोटिंग हुई। तब शिवसेना और बीजेपी गठबंधन में थे। बीजेपी 106 विधायकों के साथ राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनी. शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत हासिल की। इसके बाद शिवसेना ने ढाई-ढाई साल के लिए सीएम के फॉर्मूले का दांव चला, लेकिन बीजेपी नहीं मानी। कांग्रेस पार्टी ने पहले ही उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में से 17 सीटों के लिए अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के साथ डील पक्की कर ली है। जबकि दिल्ली की 7 में से 3 सीटों के लिए अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के साथ समझौता किया गया है।
सकारात्मक है कांग्रेस-टीएमसी की बातचीत
दूसरी ओर, पश्चिम बंगाल में भी सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस, टीएमसी से दोबारा बातचीत शुरू करेगी। इससे पहले कांग्रेस पार्टी के सांसद और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने नेशनल अलायंस कमेटी की बैठक में सदस्यों से बात की। राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में सीट शेयरिंग को लेकर शरद पवार से भी बातचीत की। जल्द ही महाराष्ट्र में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला सामने आएगा।
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सांसद दानिश अली थामेंगे कांग्रेस का हाथ
लखनऊ। लोकसभा चुनाव से पहले बसपा की गठबंधन से दूरी और एकला चलो के ऐलान के बाद पार्टी नेताओं में भी खलबली मची है। सूत्रों के हवाले से मिल रही खबर के मुताबिक समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन के बाद मौजूदा बसपा सांसद नया ठिकाना तलाश रहे हैं। इसके पीछे की वजह यह है कि अमरोहा से बसपा सांसद दानिश अली शनिवार यानी 24 फ़रवरी को कांग्रेस का हाथ थाम सकते हैं। इतना ही नहीं शनिवार को संभल से राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में भी शामिल हो सकते हैं। दरअसल, लोकसभा में बीजेपी सांसद रमेश विधूड़ी के साथ हुए विवाद के बाद उनकी नजदीकियां कांग्रेस से बढ़ गई थी। राहुल गांधी से उनकी मुलाक़ात भी हुई थी। फिर बसपा सुप्रीमो मायावती ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया था। दरअसल, कहा जा रहा है कि बसपा के सभी 10 सांसद नए ठिकानों की तलाश में हैं। गठबंधन को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती के स्टैंड को देखते हुए उन्हें अपनी सीट और टिकट दोनों सुरक्षित नहीं लग रहे हैं। कहा जा रहा है कि कुछ सांसद या तो बीजेपी, समाजवादी पार्टी या फिर कांग्रेस के संपर्क में हैं। ऐसा इसलिए है कि समाजवादी पार्टी ने अपनी दूसरी लिस्ट में गाजीपुर से बसपा सांसद अफजाल अंसारी को प्रत्याशी बना दिया है। इसके अलावा घोसी से बसपा सांसद आतुल राय भी पाला बदलने के मूड में हैं। इसके अलावा कहा जा रहा है कि सहारनपुर सीट से बसपा विधायक हाजी फजलुर्रहमान भी सपा के संपर्क में है।
बीजेपी के संपर्क में ये नेता
पिछले दिनों बीजेपी में शामिल हुई लालगंज से बसपा सांसद संगीता आजाद अपने पति के साथ प्रधानमंत्री से मुलाक़ात की थी। कहा जा रहा है कि वह भी अब बसपा से किनारा कर सकती है और बीजेपी से टिकट पाने की चाहत है। इसके अलावा बिजनौर के नगीना लोकसभा सीट से सांसद मलूक नागर और अम्बेडकरनगर सीट से रितेश पांडेय भी बीजेपी के संपर्क में हैं।
कांग्रेस में जा सकते हैं ये नेता
कहा जा रहा है कि अमरोहा से बसपा सांसद दानिश अली का कांग्रेस से टिकट मिलना तय है। वे शनिवार को कांग्रेस में शामिल भी हो सकते हैं। इसके अलावा जौनपुर से बसपा सांसद श्याम सिंह यादव भी कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। हालांकि अभी तक बसपा की तरफ से इस बाबत कोई अद्धिकारिक बयान या प्रतिक्रिया नहीं दी गयी है।
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