-इस बार भारत में आयोजित हो रही है मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता
18 फरवरी से ही शुरू हो चुकी है प्रतियोगिता, नौ मार्च को मुंबई में फाइनल राउंड
(फोटो : मिस वर्ल्ड)
नई दिल्ली। मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता दुनिया की सबसे पुरानी अंतरराष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिता है, जिसका आयोजन इस बार भारत में किया जा रहा है। दिल्ली से इसका आगाज हुआ है और फाइनल राउंड 9 मार्च को मुंबई में होगा। ब्रिटिश टेलीविजन होस्ट एरिक मॉर्ले ने साल 1951 में इसकी शुरुआत की थी। आमतौर पर हम सभी देखते हैं कि इस प्रतियोगिता को जीतने वाली प्रतिभागी को एक ताज पहनाया जाता है पर क्या आपको पता है कि शुरुआत में ऐसा नहीं था। आइए जान लेते हैं कि ताज पहनाने की परंपरा कब शुरू हुई और अब तक कितनी बार इसकी डिजाइन में बदलाव किया जा चुका है।
शुरुआत में नहीं पहनाया जाता था ताज
सौंदर्य और टैलेंट की खोज करने वाली इस प्रतियोगिता की विजेता को शुरुआत में ताज नहीं पहनाया जाता था। उस वक्त ब्रिटिश फेस्टिवल के तहत शुरू हुए बिकिनी कॉन्टेस्ट में विजेता को तब सबसे ऊंचे पोडियम पर खड़ा कर एक बुके दिया जाता था। इसकी पहली विजेती किकी हॉकनसन थीं, जिन्हें ताज नहीं पहनाया गया था। ताज पहनाने की शुरुआत साल 1955 में की गई थी। तबसे कई बार इस ताज में कई बार बदलाव किए जा चुके हैं। पिछले साल की मिस वर्ल्ड नई विजेता को यह ताज पहनाती है। पहली बार वेनेजुएला की कारमेन सुसैन दुजिम को ताज पहनाया गया था। इस ताज का इस्तेमाल बाद में दो और बार किया गया था। इसके बाद साल 1958 में ताज को बदल दिया गया था, जिसका इस्तेमाल सिर्फ एक बार हुआ था। इसे दक्षिण अफ्रीका की विजेता एनी कोलेन को पहनाया गया था।
लगातार बदलता रहा ताज का डिजाइन
साल 1959 में एक बार फिर से नए ताज का इस्तेमाल किया गया और अगले ही साल 1960 में इसे फिर से बदल दिया गया। लगातार तीन साल विजेता को नया ताज पहनाया गया और पुराने ताज का इस्तेमाल नहीं हुआ था। साल 1961 में पांचवें ताज का इस्तेमाल किया गया और फिर यह लगातार 1969 तक विजेता के सिर पर सजता रहा। पांचवें ताज को पहली बार यूके की रोजमैरी फ्रैंकलिन को पहनाया गया था। आखिरी बार इसे साल 1969 में ऑस्ट्रिया की इवा रेयूबर स्टैर ने धारण किया था।
फूल्स क्राउन के नाम से भी जाना गया
साल 1970 में छठवीं बार ताज को बदला गया और इसे अपनी डिजाइन के कारण जेस्टर्स क्राउन नाम दिया गया था। इसे फूल्स क्राउन भी कहा गया था। उस साल निर्णायकों में ग्रेनेडा के प्रधानमंत्री को भी शामिल किया गया था, जिसके कारण काफी विवाद हुआ था। साथ ही 1970 में दक्षिण अफ्रीका की दो प्रतिभागियों को मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में हिस्सा लेने का मौका दिया गया था। उस साल का ताज बेलिंडा ग्रीन के सिर पर सजा था, जिसके बाद 1972 में सातवीं बार क्राउन में बदलाव कर दिया गया। इस साल के क्राउन का वर्तमान क्राउन से सीधा संबंध है। साल 1973, 1974 और 1975 में भी नए ताज का इस्तेमाल किया गया था। 1973 में अमेरिकी की पहली महिला मर्जरी वालेस के सिर पर यह सजा था पर बाद में विवाद होने के कारण ताज वापस ले लिया गया था। साल 1976 में 10वीं बार क्राउन में बदलाव किया गया और यह जमाइका की सिंडी ब्रेकस्पीयर के सिर पर सजा था। इसका इस्तेमाल 1977 और 1978 की प्रतियोगिता में भी किया गया था। भारत की रीता फारिया मिस वर्ल्ड का ताज जीतने वाली पहली एशियाई महिला थीं। भारत की मानुषी छिल्लर ने 2017 में मिस वर्ल्ड का ताज अपने नाम किया था।
और लौट आया पुराने ताज का जमाना
साल 1978 में मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता का ताज फिर बदला गया पर प्रतियोगिता के आयोजकों ने इसका डिजाइन 1972 के ताज के डिजाइन जैसा ही रखा। तब से इसी डिजाइन के ताज का इस्तेमाल किया जाता है, जिसकी अनुमानित लागत 750000 डॉलर बताई जाती है। यह पहली बार जीना स्वैनसन के सिर पर सजा था। वर्तमान में इस्तेमाल होने वाले मिस वर्ल्ड के ताज की रेप्लिका में शिल्प और सौंदर्य का अनूठा नमूना देखने को मिलता है। 4.3 इंच ऊचे इस ताज में एक एडजेस्टेबल बैंड होता है। इस एडजेस्टेबल टियारा ताज में सैफायर ब्लू और टरक्वॉयज जैसे स्टोन भी लगे होते हैं, जो इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस ताज की कीमत 6 करोड़ 21 लाख रुपए है।
120 प्रतिभागी इस साल ले रहे हैं हिस्सा
71वीं मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता भारत में हो रही है। इस प्रतियोगिता में दुनिया भर की 120 प्रतिभागी हिस्सा ले रही हैं। इनमें 2022 की फेमिना मिस इंडिया वर्ल्ड सिनी शेट्टी भी शामिल हैं। 18 फरवरी से ही शुरू हो चुकी यह तलाश नौ मार्च को मुंबई में पूरी होगी, तभी पता चलेगा कि इस बार यह खूबसूरत ताज किसके सिर पर सजेगा। भारत में यह प्रतियोगिता 28 वर्ष बाद हो रही है।
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