—शीर्ष न्यायालय की तल्ख टिप्पणी, निर्वाचन अधिकारी पर चलेगा केस
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खास बातें
00 आठ बैलेट पेपर पर लगाए गए थे निशान
00 कोर्ट को दिखाई गई वीडियो की क्लिपिंग
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चंडीगढ़ महापौर चुनाव के परिणाम को पलटते हुए आप-कांग्रेस गठबंधन के पराजित उम्मीदवार कुलदीप कुमार को शहर का नया महापौर घोषित किया। कोर्ट ने 30 जनवरी के चुनाव के संचालन में गंभीर खामियां पाए जाने के बाद, निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह के खिलाफ कदाचार के लिए मुकदमा चलाने का भी आदेश दिया।
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नई दिल्ली। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली तीन सदस्यीय पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। इससे पहले रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह कोर्ट के समक्ष पेश हुए। दोनों ओर से दलीलें दी गईं। सीजेआई ने भी साथी जजों जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस जेबी पारदीवाला के साथ बैलेट चेक किए और उन सभी 8 बैलेट पेपर को वैध माना जिन्हें रिटर्निंंग आफिसर द्वारा अवैध घोषित किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा कि इस पूरे मामले में रिटर्निंग ऑफिसर स्पष्ट तौर पर दोषी हैं। बैलेट पेपर खराब नहीं किए गए थे। वे बाकायदा फोल्ड थे और रबर स्टैंप भी थी। इससे साफ है कि मसीह की भूमिका दो स्तर पर गलत है। पहला तो उन्होंने चुनाव खराब किया और दूसरा इस अदालत के सामने झूठ बोला। ऐसे में उनके खिलाफ कदम उठाया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारा मानना है कि जो मसीह ने निर्णय दिया है गिनती के बाद वह कानून के मुताबिक नहीं है।
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पूर्ण न्याय का जिम्मा रखती है कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा कि अनिल मसीह की ओर से जो किया गया है वह लोकतांत्रिक नियमों के खिलाफ है। इसीलिए अदालत अनुच्छेद 142 के तहत पूर्ण न्याय करने का जिम्मा रखती है। यदि अमान्य करार दिए गए 8 वोटों को जोड़ लिया जाए तो आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार के पास कुल 20 वोट होते हैं। ऐसे में न्याय यही है कि मौजूदा चुनाव को बरकरार रखा जाए। ऐसे में साफ तौर पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कुलदीप कुमार विजयी हैं।
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जनतंत्र बचाने फैसला अहम : केजरीवाल
फैसले के बाद दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में भाजपा उम्मीदवार को गलत तरीके से जिताया गया था। जनतंत्र को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला बेहद अहम है। यह इंडिया गठबंधन के लिए बड़ी जीत है। एकजुट होकर ही बीजेपी को हराया जा सकता है। केजरीवाल ने कहा कि पूरे देश ने देखा कि कैसे भाजपा ने वोटों की चोरी कर ली। यह चंडीगढ़ के लोगों की जीत है, उन्हें बधाई।
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सच को दबाया नहीं जा सकता : कुलदीप
फैसला आने के बाद कुलदीप कुमार ने कहा कि मैं कोर्ट का धन्यवाद देना चाहता हूं। सच को कुछ समय के लिए परेशान किया जा सकता है लेकिन कुचला या दबाया नहीं जा सकता। सच की जीत होती ही है। चंडीगढ़ में सबसे पहले मेरे द्वारा रुके हुए विकास कार्यों को किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने लोकतंत्र की हत्या नहीं होने दी है। आने वाले समय पर चंडीगढ़ में हमारा सांसद भी जीतकर आएगा।
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सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन अधिकारी को लगाई थी फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह को जमकर फटकार लगाई थी। कोर्ट ने चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने के आरोप में अनिल मसीह के खिलाफ मुकदमा चलाने की बात भी कही है। कोर्ट ने कहा कि नए सिरे से चुनाव कराने के बजाए 30 जनवरी को हुए मतदान के आधार पर ही चंडीगढ़ के मेयर का चुनाव होना चाहिए।
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मेयर चुनाव में क्या हुआ था?
बता दें कि 30 जनवरी को चंडीगढ़ मेयर का चुनाव हुआ था। इस चुनाव में कांग्रेस-आप गठबंधन के पास कुल 20 वोट और भाजपा के पास 16 वोट थे। संख्या बल देखें तो आप और कांग्रेस के पक्ष में था लेकिन चुनाव भाजपा जीत गई। दरअसल रिटर्निंग ऑफिसर ने कांग्रेस-आप गठबंधन के 8 वोटों को इनवैलिड यानी अमान्य करार दिया था और भाजपा के मनोज सोनकर को विजेता घोषित किया था। इस पर काफी बवाल कटा। एक वीडियो भी शेयर किया गया और इसके आधार पर आरोप लगाया जा रहा था कि ऑफिसर अनिल मसीह ने बैलेट पेपर से छेड़छाड़ की।
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