दिल्ली बार्डर पर कड़ा पहरा, भड़के किसान आज रोकेंगे रेल, कल भारत बंद का ऐलान


— दिल्ली चलो मार्च: पंजाब-हरियाणा सीमाओं पर डटे किसान, पुलिस ने छोड़े आंसू गैस के गोले

— शंभू बॉर्डर पर किसानों की पुलिस से झड़प, पंजाब में रेल-टोल रोकने की तैयारी

— ड्रोन से डाले जा रहे आंसू गैस के गोले, ड्रोन फंसाने को किसान उड़ा रहे पतंग

इंट्रो

देश की राजधानी नई दिल्ली के हर बॉर्डर पर किसान आंदोलन का असर देखने को मिल रहा है। किसानों को दिल्ली में घुसने से रोकने जहां पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े तो वहीं, किसानों द्वारा पुलिस पर पथराव किया गया। पंजाब के किसान संगठन ने 15 फरवरी को पंजाब में रेलवे ट्रैक और टोल नाका जाम करने का फैसला किया है। इसके साथ ही 16 फरवरी को भारत बंद का ऐलान किया गया है।

नई दिल्ली। सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात हैं। इन सीमाओं पर सीमेंट और लोहे की बैरिकेडिंग भी की गई है। हजारों किसान बुधवार सुबह एक बार फिर अपना ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू करने के लिए पंजाब-हरियाणा की दो सीमाओं पर डटे रहे। वहीं, अंबाला के पास शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे।

पुलिस ने हरियाणा के जींद जिले में दाता सिंहवाला-खनौरी बॉर्डर पर भी आंसू गैस के गोले दागे। पुलिस ने किसानों के ट्रैक्टर को रोकने के लिए भारी संख्या में अवरोधक लगाए हैं। पंजाब के प्रदर्शनकारी किसानों ने विभिन्न मांगों को लेकर ‘दिल्ली चलो’ मार्च के तहत हरियाणा की सीमा पर अवरोधक हटाने का नए सिरे से प्रयास किया। किसान नेता शंभू बॉर्डर पर बहुस्तरीय अवरोधक हटाकर ‘दिल्ली कूच’ की अपनी योजना पर आगे बढ़ने से पहले बैठक करेंगे। ‘दिल्ली चलो’ मार्च में भाग लेने के लिए पंजाब के कई स्थानों से किसानों का आना जारी है। पंजाब की ओर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बड़ी संख्या में ट्रैक्टर-ट्रॉली खड़ी देखी जा सकती हैं। प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि जब कुछ किसान शंभू बॉर्डर पर बैरिकेड के पास एकत्र हुए तो हरियाणा पुलिस ने बुधवार सुबह आंसू गैस के कई गोले दागे। हालांकि, दिन में शाम तक किसानों द्वारा बेरिकेड हटाकर आगे बढ़ने के प्रयास देखने को नहीं मिले।

प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि वे राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च करने के लिए दृढ़ हैं। कई युवा किसानों ने शंभू बॉर्डर पर बहुस्तरीय अवरोधक हटाने के लिए अपने ट्रैक्टर तैयार रखे हैं। प्रदर्शनकारी किसानों ने हरियाणा पुलिस द्वारा छोड़े गए आंसू गैस के गोले के प्रभाव को कम करने के लिए पानी के टैंकरों की भी व्यवस्था की है। किसान आंसू गैस के गोले के प्रभाव को सीमित करने के लिए पानी की बोतलें और गीले कपड़े भी ले जाते दिखे।

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के लिए केंद्र की आलोचना की और कहा कि कई किसान घायल हुए हैं। पंधेर ने कहा, हम सरकार से यह सब रोकने और सकारात्मक माहौल सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं। हम कल भी बातचीत के लिए तैयार थे और आज भी इसके लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि किसान प्रधानमंत्री से अपील करते हैं कि वह एमएसपी की गारंटी के लिए कानून बनाएं, क्योंकि उनका दिल बहुत बड़ा है।

रेलवे ट्रैक जाम का ऐलान

पंजाब के सबसे बड़े किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन उग्रहा ने 15 फरवरी को पंजाब में दोपहर 12 बजे से शाम के चार बजे तक रेलवे ट्रैक जाम करने का ऐलान किया है। दिल्ली जा रहे किसानों को रोकने और उनके ऊपर लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ने से नाराजगी के चलते पंजाब के किसान संगठन ने ये फैसला लिया है।

दिल्ली की सभी सीमाओं की मजबूत किलेबंदी

किसानों को दिल्ली आने से रोकने के लिए पुलिस द्वारा बॉर्डर्स की किलाबंदी कर दी गई है। टिकरी-सिंघु और झरोदा बॉर्डर की सीमाएं पूरी तरह सील कर दी गई हैं ताकि किसान अपने ट्रैक्टर और ट्रॉली से राजधानी में न घुस पाएं। वहीं यूपी के साथ लगने वाले चिल्ला-गाजीपुर बॉर्डर को भी सील कर दिया गया है। दिल्ली पुलिस की तरफ से एंट्री-एग्जिट पॉइंट्स पर बैरिकेड्स, लोहे की कीलें और कंक्रीट के बैरिकेड्ट लगा दिए गए हैं।

राजनाथ और कृषि मंत्री मुंडा ने की बातचीत

सूत्रों के मुताबिक किसानों के साथ बैठक से पहले बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने किसानों के चल रहे विरोध प्रदर्शन और मुद्दों के समाधान के तरीकों पर चर्चा की। पूर्व कृषि मंत्री सिंह ने मुंडा के साथ विभिन्न किसान मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।

सरकार और किसानों की तीसरी बैठक आज

केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच तीसरे दौर की बातचीत गुरुवार को होगी। कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि मैं विभिन्न किसान संगठनों के नेताओं से आग्रह करना चाहूंगा कि वो मदद करें और बातचीत करें। सरकार इसको लेकर प्रतिबद्ध है। हमने उन्हें आश्वासन दिया है कि प्रशासन से जुड़े कार्यों में तेजी लाई जाएगी, लेकिन नए कानून बनाने में अभी बहुत बातों पर विचार करना है। आने वाले दिनों में हम किसान संगठनों से चर्चा करना चाहते हैं।

पल-पल की निगरानी कर रहा गृह मंत्रालय

किसानों के दिल्ली मार्च के दौरान, केंद्रीय गृह मंत्रालय एवं इससे जुड़ी सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं। खुफिया एजेंसियों से जो इनपुट मिल रहे हैं, वे सामान्य नहीं हैं। जब उन इनपुट को पड़ोसी राज्यों की पुलिस के साथ साझा किया गया, तो उसमें और ज्यादा हैरान करने वाले खुलासे हुए। सूत्रों के मुताबिक, किसान मार्च में शामिल दो समूह, 26 जनवरी 2021 वाली घटना का दोहराव करने का मौका तलाश रहे हैं। उनकी मंशा है कि इस बार भी लाल किला या वैसे ही किसी अन्य राष्ट्रीय स्मारक का अपमान किया जाए। भीड़ वाले स्थान पर उपद्रव हो। यही वजह है कि इस बार केंद्रीय गृह मंत्रालय, किसान मार्च की हर छोटी बड़ी गतिविधि की मिनट-टू-मिनट निगरानी कर रहा है।

00000

प्रातिक्रिया दे