- रेलवे-रक्षा समेत बंद होंगे सरकारी दफ्तर
नई दिल्ली। देश में ‘पुरानी पेंशन’ बहाली के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहे कर्मचारी संगठनों ने केंद्र सरकार को ओपीएस लागू करने के लिए छह सप्ताह का अल्टीमेटम दे दिया है। अगर इस अवधि में पुरानी पेंशन बहाल नहीं होती है, तो देशभर में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो जाएगी। इस स्थिति में रेल संचालन और रक्षा क्षेत्र के उद्योगों सहित तमाम सरकारी विभागों में कामकाज बंद हो जाएगा। बुधवार को नई दिल्ली में हुई नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) के पदाधिकारियों की बैठक में यह अहम निर्णय लिया गया है। बैठक की अध्यक्षता, एनजेसीए के संयोजक शिवगोपाल मिश्रा ने की है। केंद्र सरकार को अनिश्चितकालीन हड़ताल का नोटिस देने और स्ट्राइक की तिथि घोषित करने के लिए दो दिन के भीतर एक कमेटी गठित होगी।
अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए सहमति
एआईडीईएफ के महासचिव सी. श्रीकुमार के मुताबिक, लोकसभा चुनाव से पहले ‘पुरानी पेंशन’ लागू नहीं होती है, तो भाजपा सरकार को उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। कर्मियों, पेंशनरों और उनके रिश्तेदारों को मिलाकर यह संख्या दस करोड़ के पार चली जाती है। चुनाव में बड़ा उलटफेर करने के लिए यह संख्या निर्णायक है। देश के दो बड़े कर्मचारी संगठन, रेलवे और रक्षा (सिविल) ने अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए अपनी सहमति दे दी है।
डस्टबीन है एनपीएस, मंजूर नहीं संशोधन
नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमओपीएस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु का कहना है, केंद्र सरकार एनपीएस में संशोधन करने जा रही है। हम ऐसे किसी भी संशोधन के लिए आंदोलन नहीं कर रहे हैं। कर्मियों को गारंटीकृत पुरानी पेंशन ही चाहिए। अगर कोई भी कर्मचारी नेता या संगठन, सरकार के एनपीएस में संशोधन प्रस्ताव पर सहमत होते हैं, तो ‘2004’ वाली गलतियां, ‘2024’ में भी दोहराई जाएंगी। एनपीएस एक डस्टबीन है। करोड़ों कर्मियों का दस फीसदी पैसा और सरकार का 14 फीसदी पैसा, डस्टबीन में जा रहा है। यह स्वीकार्य नहीं है।
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